डिब्रूगढ़ के ग्राहम बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में दशलक्षण महाव्रत महोत्सव का भव्य समापन
The grand closing ceremony of Daslakshan Mahavrat Mahotsav was held at Sri Parshvanath Digambar Jain Temple in Graham Bazar, Dibrugarh.




डिब्रूगढ के ग्राहम बाजार स्थित श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में श्री दिगंबर जैन मंदिर पंचायत के तत्वावधान में एवं आचार्य श्री विशुद्ध सागर जी महाराज के परम प्रभावक शिष्य मुनि श्री 108 अरिजित सागर जी के सान्निध्य में जैन धर्म का सबसे बड़ा आध्यात्मिक व आत्मशोधन का दस दिवसीय ” श्री दशलक्षण महाव्रत महोत्सव ” जैन श्रावकों द्वारा परंपरागत हर्षोल्लास के साथ मनाया गया।
उक्त पर्व के अवसर पर श्री दशलक्षण विधान मंडल का वृहत आयोजन किया गया। जो कि गत 8 सितंबर से प्रारम्भ होकर 17 सितंबर को समाप्त हुआ। श्री दशलक्षण विधान के सभी विधि-विधान , धर्मानुरागी , वाणीभूषण, विधानाचार्य बा० ब्र. प्रांजल भैया ( कानपुर से पधारे ) के नेतृत्व में संपन्न किये गये।
उक्त पर्व का शुभारंभ श्री जी के कलशाभिषेक एवं शांतिधारा से किया गया । तत्पश्चात 8.30 बजे ध्वजारोहण का कार्यक्रम आयोजित किया गया । इस अवसर पर स्थानीय एवं बाहर से पधारे जैन धर्मावलंबी काफी संख्या में उपस्थित थे।
इस पुनीत अवसर पर जैन श्रावकों द्वारा नियमित रूप से 10
दिन तक धर्म के दशलक्षण क्रमश: उत्तम क्षमा, मार्दव, आर्जव, शौच, सत्य, संयम, तप, त्याग, आकिंचन्य एवं ब्रह्मचर्य की विशेष पूजन अर्चना संगीतमय तरीके के साथ की गई।
13 सितंबर को धूप दशमी का त्यौहार का आयोजन किया गया। इस दिन बच्चे, युवा, कुवांरियों एवं महिलाओं ने सुगंध दशमी का व्रत रखकर अपनी आत्म शुद्धि एवम कर्मों का क्षयोपशम किया।
17 सितंबर को अनंत चतुर्दशी के उपलक्ष पर अनेकों धार्मिक कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस दिन होने वाले समी धार्मिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़कर जैन श्रावकों ने भाग लिया। इस दिन बारहवें तीर्थकर भगवान वसूपूज्य को निर्वाण-लाडू जैन श्रावकों द्वारा भक्तिपूर्वक समर्पित किया गया। 18 से 20 सितंबर तक व्रतधारियों का अभिनंदन समारोह का आयोजन मुनिश्री के सान्निध्य में किया गया। जिसमें बाहर से पधारे अभ्यागत अतिथियों एवं स्थानीय जैन धर्मावलंबी काफी संख्या में मौजूद थे। उक्त समारोह में मुनिश्री के सान्निध्य में दसलक्षण के व्रतो को पालन कर रहें व्रतधारियों का माला पहनाकर एवं प्रशस्ति पत्र प्रदान कर अभिनंदन किया गया | ज्ञात हो कि मुनि श्री अरिजित सागर मुनिराज के मंगल सानिध्य में इस वर्ष लगभग 20 सदस्यों ने सोलहकारण के बत्तीस / सोलह व दशलक्षण महाव्रतों के पांच व उनसे अधिक व्रतों का पालन कर तप, त्याग व संयम को धारण कर उत्कृष्ट साधना की है | व्रतधारियों के नाम क्रमशः श्रीमती पिंकी देवी सेठी , ( 32 उपवास ), श्रीमती प्रियंका झांझरी , धर्मपत्नी राजकुमार झांझरी, (16 उपवास ), श्रीमती संतोष देवी काला (16 उपवास ) , सुभाष बगड़ा (10 उपवास ), सुरेन्द्र बगडा (10 ), गणपत सेठी (10 ), राजेश बगड़ा (10 ) श्रीमती कमला देवी सेठी (10 उपवास), चंद्रप्रकाश पहाडिया ( 1०), अर्चना देवी पहाड़िया (10,), अमित पहाडिया (10) , वर्षा पहाडिया (10), श्रीमती अनामिका लुहाड़िया ( 10 ), मनीष सेठी, नलबाड़ी (1०), आदर्श गंगवाल, नलबाड़ी (10,), सिद्धार्थ गोधा (10 ) , मास्टर शुभम गोधा ( 10), मास्टर यश कुमार छाबड़ा (10 ), मास्टर मनन बगड़ा (10 ), पदमचंद पांड्या ( 10 ) कुमारी दीक्षा जैन (10 ), कुमारी रूचिता काला ( 10 ), श्रीमती अनुराधा पाटोदी ( 10 ), मास्टर प्रणय छाबड़ा (10 ), मास्टर हार्दिक लुहाडिया (8), मास्टर कौशल रारा (5) कु. साक्षी रारा (5), श्रीमती धीरज सेठी (5) श्रीमती सरिता देवी पाटनी (5) , हेमंत पहाडिया (3), बिनित पहाडिया (3) , जय कुमार बगडा (3 ), मनोज बगडा (3) , मास्टर कर्तव्य गोधा (3), श्रीमती झलक देवी जैन (3) , कु ईशिका पाटनी ( 3 ), कु. लवली जैन (3), आदि है। मालूम हो कि भादव सुदी त्रयोदशी से पूर्णिमा तक सम्यक दर्शन, सम्यक ज्ञान व सम्यक चरित्र की विशेष पूजा अर्चना सौल्लासपूर्वक की गई। ज्ञात हो कि मुनि श्री अरिजित सागर जी के द्वारा प्रतिदिन श्री दशलक्षण महाव्रत के महात्म्य के बारे में प्रवचन दिया गया, जिसकी मधूर वाणी से श्रोतागण मंत्रमुग्ध हो गये। उपरोक्त पूजन तथा अर्चना में श्री दिगंबर जैन धर्मपरायण महिलाओं का विशेष योगदान रहा। पंचायत के कार्यकर्ता एवं जैन मित्र संघ का विशेष योगदान रहा । पावन वर्षा योग समिति के अध्यक्ष सरोज कुमार पहाड़िया , सचिव श्री सुभाष कुमार बगड़ा एवं पंचायत के अध्यक्ष डॉ. एवम प्रो. श्री महेश कुमार झांझरी एवं मंत्री श्री अनिल बगड़ा ने उपरोक्त पर्व की समाप्ति पर उपस्थित सभी श्रद्धालुओं को कार्यक्रम को सफल बनाने एवं योगदान देने के लिये धन्यवाद ज्ञापन किया। इस दशलक्षण पर्व के दौरान मंदिर जी में आयोजित सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों का संचालन समाज के सदस्य शैलेश पहाड़िया ( जैन ) ने बहुत ही सुंदर तरीके से किया | श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर में आयोजित इस महोत्सव में सिर्फ डिब्रूगढ़ ही नही बल्कि गुवाहाटी , नलबाड़ी, मोरान, सिलापथार, ईटानगर, इंफाल ( मणिपुर ), टिहू आदि विभिन्न जगहों से भी श्रद्धालु भक्त पहुंचें, जिनका भी आयोजकों द्वारा स्वागत सम्मान किया गया | साथ ही डिब्रूगढ़ के युवा पत्रकार संदीप अग्रवाल का भी मोतियों की माला, दुप्पटा पहनाकर तथा मुनि श्री अरिजित सागर से स्मृति चिन्ह प्रदान करवाकर सम्मान किया गया | मुनिश्री अरिजित सागर जी के सेवादार के रूप में उनकी वाणी को यू ट्यूब के जरिए जन जन तक पहुंचाने में अर्पित जैन भी अपना अच्छा सहयोग प्रदान कर रहे हैं |
उक्त आशय की जानकारी प्रचार प्रसार सचिव मोती लाल पाण्ड्या एवं पंकज गोधा ने संयुक्त रूप से एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा दी है |