युवाओं और लोगों में भड़की क्रांति ने नेपाल में कर डाला तख़्ता पलट।
"केपी चोर देश छोड़'' नारे की ज़ोरदार हिंसक दहाड़ के चलते पीएम केपी शर्मा ओली देश छोड़कर भागे

हिंसा,आगज़नी तोड़-फोड़, फायरिंग और मारधाड़ जारी है।
भारत की सीमा और निकटवर्ती क्षेत्रों में कड़ी सुरक्षा के साथ अलर्ट जारी किया गया है
—– अनवार अहमद नूर की क़लम से —-
भारत के पड़ोसी देश नेपाल के हालात अचानक तख्त़ा पलट के साथ साथ हिंसा और आगज़नी में बदल कर दुनिया भर में फैल रहे हैं। मिनट मिनट पर बड़ी ख़तरनाक और हिंसा से भरी खबरें आ रही हैं। जिसे देख और सुन कर सभी हैरान परेशान हो गए हैं कि अचानक ऐसा क्या हो गया कि नेपाल में कुछ भी निश्चित नहीं रहा और देश के प्रधानमंत्री सहित मंत्रियों को भागना पड़ा है या हिंसा का शिकार बनना पड़ रहा है।
नेपाल प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने पहले पद से इस्तीफा दिया फ़िर सेना की मदद से देश छोड़कर भाग गए हैं। नेपाल में प्रदर्शनकारियों यानि युवाओं की भीड़ ने उग्र रूप धारण कर रखा है। नेपाल में बड़े मीडिया हाउस कांतिपुर टीवी’ के ऑफिस को आग के हवाले कर दिया गया है। जिसे पक्षपाती और सरकार का चाटुकार बताया जा रहा था। नेपाल कांग्रेस का कार्यालय फूंका गया है। नेपाल के धनगढ़ी में प्रदर्शनकारियों ने जेल तोड़ दी। सैकड़ों क़ैदी जेल से फरार हैं। गौतम बुद्ध एयरपोर्ट में कई गाड़ियों को फूंक दिया गया। संसद को जला दिया गया है।
नेपाल में युवकों के विद्रोह के लिए सूदन गुरुंग का नाम सामने आया है। हामी नेपाल एनजीओ के अध्यक्ष गुरुंग ने सोशल मीडिया बैन के ख़िलाफ़ हज़ारों छात्रों को एकजुट किया हुआ है। कहा जा रहा है कि केपी शर्मा ओली ने चीन की दलाली कर जो पैसा बनाया उसे दुबई में इन्वेस्ट किया है। चीनी एप टिकटोक को छोड़कर सरकार ने इंस्टाग्राम, फेसबुक, यूट्यूब एक्स समेत अनगिनत एप प्रतिबंधित कर दिये।
नेपाली युवा सड़कों पर उतर आए, पुलिस की कड़ी रोक और गोलीबारी के बाद भी आंदोलन उग्र हो गया है। युवाओं का गुस्सा सत्ता पक्ष के नेताओं पर अधिक है जो कुछ चप्पल पहनकर काठमांडू आते हैं और मंत्री बनने के बाद करोड़ों की संपत्ति के मालिक बन जाते हैं इनका कहना है कि इन के बच्चे विदेशों में पढ़ते हैं और आम नेपाली युवा नौकरी के लिए दर दर भटकता है। यह विद्रोह केवल सोशल मीडिया पर बैन को लेकर नहीं भड़का है बल्कि नेताओं के भ्रष्टाचार और दमन से जनता का दम घुटने लगा था। युवाओं को डराने के लिए सोशल मीडिया पर कंट्रोल के नाम पर प्रतिबंध लगाए गए तो युवाओं का गुस्सा इतना भड़का कि कुछ ही घंटों के अंदर सरकार ही उड़ गई, बवाल मच गया और पीएम ओली जान बचाकर भाग खड़े हुए। नेपाल से आने वाली विडियो में वित्त मंत्री को दौड़ा दौड़ा कर पीटा गया। मंत्री को अर्ध नग्न स्थिति में लटका कर ले जाया जा रहा है। पार्लियामेंट को जला दिया गया है। नेताओं के घरों को आग के हवाले कर दिया गया गया है।
कहा तो ये जा रहा है कि नेपाल में सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगाना क्रांति का एक प्रमुख कारण है लेकिन सच्चाई ये है कि नेपाल में अंदर ही अंदर अनेक कारणों जिनमें राजनीतिक भ्रष्टाचार, अव्यवस्था, बेरोजगारी, आदि भी हैं से सुलग रही चिंगारी ने रौद्र रूप धारण करके हिंसा और तख़्ता पलट का रूप ले लिया है। जिसका रौद्र रूप नेपाल में अभी भी जारी है। भारत में सीमा पर और निकटवर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करते हुए अलर्ट लागू किया गया है।