आज़ादी से पहले जिस काम को हिंदोस्तान में गोरे कर रहे थे वही काम आज उनकी काली औलादें कर रहीं हैं : मौलाना ओबेदुल्ला खान आज़मी
इंडिया इस्लामिक कल्चरल सेंटर नई दिल्ली में अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए सीएमसीआरएम कॉन्फ्रेंस -2025 संपन्न

अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए संयुक्त अभियान की कोशिशों और सिक्ख मुस्लिम एकता को अधिक मज़बूत बनाने का पैग़ाम
पंजाब के मलेरकोटला भावना और माडल को देश भर में लागू करके एकता की अदभुत मिसाल कायम की जा सकती है।
नई दिल्ली ( अनवार अहमद नूर )
अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए संयुक्त आंदोलन की सीएमसीआरएम कॉन्फ्रेंस 2025 इंडिया इस्लामिक कल्चर सेंटर नई दिल्ली में संपन्न हुई। जिसमें देश भर से विद्वानों ने भाग लेकर अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों और वर्तमान चुनौतियों का सामना करने के लिए आंदोलन को मज़बूती प्रदान करने के साथ साथ अल्पसंख्यकों की आपसी एकता और सांझी विरासत को आगे बढ़ाने पर ज़ोर दिया। कम्बाइंड मूवमेंट फार द कांस्टीट्यूशनल राइट्स आफ द माइनारटीज (सीएमसीआरएम) कांफ्रेंस में सभी वक्ताओं ने
अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए संयुक्त अभियान की कोशिशों और सिक्ख मुस्लिम एकता को अधिक मज़बूत बनाने का पैग़ाम दिया।
इस अवसर पर ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष एवं पूर्व राज्यसभा सांसद मौलाना ओबेदुल्ला खान आज़मी के अलावा ज्ञानी केवल सिंह पूर्व जत्थेदार तख्त श्री दमदमा साहिब जी, असलम शेर खान पूर्व कैबिनेट मंत्री भारत सरकार, डॉ. नसीरुददीन अख़्तर कन्वीनर सिख मुस्लिम सांझा मलेरकोटला, डॉक्टर भूपेंद्र कौर यूनाइटेड सिक्ख (यूएन ) हैदराबाद, एम.डब्ल्यू.अंसारी पूर्व डीजीपी छत्तीसगढ़, सरदार परमजीत सिंह सरना पूर्व अध्यक्ष दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी, अजय पाल सिंह बराड़ अध्यक्ष सतलुज मिस्ल चंडीगढ़, मौलाना पाररे हसन अफ़ज़ल फिरदौसी मीर वाइज नॉर्थ कश्मीर, परमपाल सिंह सबहरा अलाइंस आफ सिक्ख आर्गनाइजेशन, शरफुद्दीन अहमद एडवोकेट सुप्रीम कोर्ट के अलावा शहज़ादा नदीम अनवर खान मलेरकोटला, गुरुवचन सिंह, अब्दुल अज़ीज़ प्रधान,मौलाना मज़हर, मुकर्रम सैफ़ी, हरप्रीत सिंह, सरदार रौनक सिंह, यामीन खां, हाफ़िज़ मोहम्मद हाशिम मलिक, साजिद और बीबी रंजीत कौर सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिकों ने भाग लिया।
वक्ताओं ने अपने अपने संबोधन में देश की वर्तमान स्थिति पर विचार करते हुए अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों के लिए संघर्ष की आवश्यकता पर बल दिया और सिक्खों और मुसलमानों की एकजुटता के साथ साथ देश भर में पंजाब के मलेरकोटला जैसे एकता और भाईचारे वाले माडल को लागू करने की बात कही।
मुस्लिम सिख एकता एवं भाईचारे के इतिहास को दोहराते हुए बताया गया कि सिक्खों के पहले गुरु नानक जी के प्रमुख साथियों में भाई मरदाना भी थे जो मुस्लिम थे। पवित्र गुरु ग्रंथ साहिब में कई सूफी संतों की वाणी सम्मिलित है जिनमें बाबा फरीद और कबीर का नाम प्रमुख है। दसवें गुरू गुरु गोविंद सिंह के भी अत्यंत विश्वसनीय मुसलमान साथी रहे जिनमें ग़नी ख़ान और नबी ख़ान प्रमुख रहे। दोनों पठान भाई थे जिन्होंने संकट के समय गुरु गोविंद सिंह जी को संरक्षण प्रदान किया। यही नहीं सिक्ख धर्म पर मुस्लिम सूफी संतों और संस्कृति का प्रभाव, सिक्खों के मुसलमानों के प्रति प्रेम और सम्मान को दर्शाता है।
सीएमसीआरएम कॉन्फ्रेंस में मुस्लिम सिक्ख सोहार्द को बढ़ावा देने और अल्पसंख्यकों के संवैधानिक अधिकारों की रक्षा के आंदोलन को आगे बढ़ाने की बात करते हुए कहा गया कि मुसलमानों और सिक्खों के बीच सहिष्णुता और भाईचारे की परम्परा नये कारकों के साथ आगे बढ़ रही है और इसे और आगे तक ले जाने की ज़रूरत है।
मौलाना ओबेदुल्ला खान आज़मी ने कहा कि अल्पसंख्यकों के संबंध से जिस तरह का माहौल देश में बना है और सिक्ख और मुस्लिम कम्यूनिटी को जिस तरीके से निशाना बनाया जा रहा है ज़रूरत है कि दो मार्शल कौमें यानि सिक्ख और मुस्लिम संयुक्त रूप से पूरे देश में अपने अधिकारों की सुरक्षा के लिए उठ खड़े हों। उन्होंने कहा कि आज़ादी से पहले जिस काम को हिंदोस्तान में गोरे कर रहे थे वही काम आज उनकी काली औलादें कर रहीं हैं। सिक्खों और मुसलमानों की पहचान ख़त्म करने की कोशिश की जा रही है। हमने जिस आज़ादी को पाने के लिए जैसी लड़ाई पहले लड़ी थी आज उस आज़ादी को बचाने के लिए एक और निर्णायक जंग की ज़रूरत है।
सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट शरफुद्दीन अहमद ने अपने बयान में कहा कि मुस्लिम सिख एकता की मिसाल इतिहास में दर्ज है। चूंकि आज़ादी के बाद मिले अधिकारों में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को पूरी ईमानदारी से लागू नहीं किया गया है इसलिए हम सब की ज़िम्मेदारी है कि इसको लागू करने के लिए हमें काम करना होगा। सिख और मुसलमानों को इन अधिकारों की प्राप्ति के लिए हरावल दस्ते का काम करना चाहिए। सिख और मुसलमान एकता और एकजुटता का यह अभियान अभी एक शुरुआत है आगे इसे जारी रखना है।
डॉ नसीरुद्दीन अख़्तर ने इस्लाम और गुरुमत के हवाले से मुस्लिम सिक्ख एकता पर बल दिया और एकजुट होकर मिल बैठने तथा सुलह ख़ैर को सबसे अच्छी बात बताया। उन्होंने कहा कि गुरु नानक जी की वाणी को मिलाकर देख लो वह कुरान शरीफ़ के अलावा किसी से मेल नहीं खाती। उन्होंने कहा की एक रब का तसव्वुर और उसकी ही इबादत दोनों धर्म में एक है क्योंकि हम सब का पालनहार साजनहार और मारनहार एक ही है इसलिए हमें उसी को मानना और उसी की इबादत करनी चाहिए।
तख्त श्री दमदमा साहिब के पूर्व जत्थेदार ज्ञानी केवल सिंह ने इस्लाम और गुरुमत की एकता की बात करते हुए आपस में मिल बैठने और संवैधानिक अधिकारों को प्राप्त करने का संघर्ष करने की बात कही।
सरदार परमजीत सिंह सरना ने अपने वक्तव्य में कहा कि सिक्खों और मुसलमानों की एकता वक्त की ज़रूरत है। मौजूदा सरकार के होते हुए मुस्लिम सिक्ख एकता की बात करना बड़े दिल की बात है। हमें इकट्ठा होना ही पड़ेगा क्योंकि आप और हम ख़तरे में हैं। हिंदोस्ता की एकता को मज़बूत करने के लिए ये क़दम बहुत महत्वपूर्ण है।
बीबी भूपिंदर कौर ने यूनिटी इज़ पावर का संदेश देते हुए सिख और मुस्लिम एकता पर बल दिया।
पूर्व कैबिनेट मंत्री असलम शेर खान ने अपने अनुभवों को शेयर करते हुए मलेरकोटला भावना और माडल को सब जगह खड़ा करने को कहा। उन्होंने सिक्खों और मुसलमानों को भारत की शक्ति बताते हुए नारा ए तकबीर और बोले सो निहाल जैसे नारों के साथ मिलकर भारत की ताक़त बनने की बात कही।
परमजीत सिंह गाज़ी ने भारतीय लोकतंत्र के स्तम्भों के कमज़ोर होने की बात बताई और कहा कि शोषण के ख़िलाफ़ जो जो भी संघर्ष कर रहे हैं उनको साथ लेकर, राजनीति को समझते हुए चुनौतियों का सामना करना होगा।
पंजाब से तशरीफ़ लाए नईम एडवोकेट ने अपने मुस्लिम मंच का समर्थन देते हुए इस मुहिम की प्रशंसा की और कहा कि वक्त और हालात के अनुसार एकता ही हमारी सबसे बड़ी जीत होगी। पंजाब से आए हुए मौलाना मोहम्मद मज़हर और साजिद, मुकर्रम सैफी और शहजादा नवाब नदीम अहमद ख़ान आदि ने भी इस कांफ्रेंस और मुहिम पर खुशी ज़ाहिर की।
Kısıklı su kaçağı tespiti Apartmanımızdaki su kaçağını bulmak için kamera sistemleri kullandılar. Tüm borulardaki hasarı görüntüleyip raporladılar. Çok memnun kaldık. Osman B. http://blakemountford.com/author/kacak/