भाजपा की केंद्र सरकार इतिहास को नष्ट करना चाहती है : संजय राउत
हिंसा आग़ज़नी और नाम बदलने को लेकर संजय राउत ने भाजपा सरकार पर हमला बोला

मुंबई (एप ब्यूरो)
देश भर में हो रही दुखद घटनाओं, हिंसा, आग़ज़नी और नाम बदलने को लेकर भाजपा सरकार पर करारा हमला बोलते हुए शिवसेना नेता संजय राउत ने देश के पीएम और गृहमंत्री को आड़े हाथों लिया है। वह गुजरात के जूनागढ़ में एक दरगाह के अवैध निर्माण को लेकर नोटिस जारी किये जाने के बाद हुए बवाल पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि इस मामले को वहां की सरकार को देखना चाहिए क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी और गृहमंत्री का तो यह गृह राज्य है। वहीं दिल्ली स्थित नेहरू मेमोरियल म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी का नाम बदलकर प्रधानमंत्री म्यूजियम एंड लाइब्रेरी सोसाइटी किए जाने को लेकर उन्होंने केंद्र सरकार को देश का इतिहास नष्ट करने वाला बताया। संजय राउत ने कहा कि बीजेपी नीत केंद्र सरकार इतिहास को नष्ट करना चाहती है। मीडियाकर्मियों से बातचीत में संजय राउत ने कहा कि मैं मानता हूं कि प्रधानमंत्रियों के योगदान को दिखाया जाना चाहिए, इसके लिए एक खंड बनाया जा सकता है जहां अन्य प्रधानमंत्रियों के योगदान को प्रदर्शित किया जा सकता है लेकिन म्यूजियम का नाम बदलने की कोई आवश्यकता नहीं है। राउत ने कहा कि पंडित नेहरू हमारे पहले प्रधानमंत्री थे और उनका देश में महान योगदान है । संजय राउत ने कहा कि वे (बीजेपी) केवल इतिहास को नष्ट करना चाहते हैं। देश के राज्य मणिपुर में हिंसा को लेकर संजय राउत ने कहा कि देश का महत्वपूर्ण सीमावर्ती राज्य पिछले 3 महीनों से हिंसा से उबल रहा है,वहां के एक विधायक,मंत्री और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री का घर जला दिया गया,वहां से हज़ारों लोगों को भागने पर मजबूर होना पड़ा जो वास्तव में गृह मंत्रालय की नाकामी है। उन्होंने कहा कि लोग मारे जा रहे हैं,सौ से ज़्यादा आतंकी घुसपैठ कर चुके हैं लेकिन गृहमंत्री कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं।
संजय राउत ने खुला और बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि मणिपर में सौ से ज़्यादा आतंकियों ने घुसपैठ की और उन्हें सीमा पार से अत्याधुनिक हथियार मुहैया कराए गए हैं, लेकिन आप मणिपुर में दखल नहीं देते क्योंकि वहां सीमा पार पर चीन जैसी लड़ाकू शक्ति है, मणिपुर में घुसपैठियों को चीन से मदद मिल रही है जैसे आपने पाकिस्तान में सर्जिकल स्ट्राइक की, क्या चीन पर करने की आपकी हिम्मत है?