सरकार ने विश्व धरोहर सूची में शामिल करने के लिए 10 भूवैज्ञानिक स्थलों के नाम एएसआई को भेजे
The government sent the names of 10 geological sites to ASI for inclusion in the World Heritage List

नई दिल्ली,सरकार ने विश्व धरोहर स्थलों की सूची में शामिल करने के लिए 10 भूवैज्ञानिक स्थलों के नाम भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) को भेजे हैं। सरकार ने बताया कि इन स्थलों की समीक्षा की जा रही है।देश में लगभग 100 भू-विरासत स्थल हैं, जिनमें से 32 को राष्ट्रीय भूवैज्ञानिक स्मारक के रूप में मान्यता दी गई है। पुरातात्विक स्थलों के विपरीत, भू-विरासत स्थलों की सुरक्षा के लिए कोई कानून नहीं है।खान सचिव वी एल कांता राव ने कहा कि भू-विरासत स्थल और भू-अवशेष विधेयक, 2022 पर काम चल रहा है। इस विधेयक का मकसद भारत की भूवैज्ञानिक विरासत की रक्षा करना है।राव ने यहां कार्यक्रम में कहा कि दुनिया में लगभग 1,200 विश्व धरोहर स्थल हैं, जिनमें से 42 भारत में हैं और इनमें कोई भी भूवैज्ञानिक स्थल नहीं है। इस संदर्भ में उन्होंने कहा, ‘‘हमें मिलकर काम करने की जरूरत है।’’भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई) ने एक बयान में कहा कि सचिव ने आने वाले वर्षों में भारत में कम से कम दो जियोपार्कों को मान्यता देने पर जोर दिया।राव ने कहा कि महाराष्ट्र में लूनर क्रेटर, मध्य प्रदेश में भेड़ाघाट, आंध्र प्रदेश में गंडिकोटा गॉर्ज जैसे बेहतरीन भू-विरासत स्थल हैं। इनकी पर्यटन स्थलों के रूप में अच्छी पहचान है, लेकिन लोगों को इनके भूवैज्ञानिक महत्व के बारे में जानकारी नहीं है।उन्होंने कहा कि सिक्किम में कुछ स्थलों को अंतरराष्ट्रीय भूवैज्ञानिक विज्ञान संघ (आईयूजीएस) साइट के रूप में मान्यता दी गई है। इन सभी मान्यताओं से आम लोगों को लाभ मिलना चाहिए।उन्होंने यूनेस्को से अनुरोध किया कि वह कुछ भारतीय स्थलों को ‘यूनेस्को वैश्विक जियोपार्क’ के रूप में मान्यता दिलाने में सहायता प्रदान करे।