आरएसएस ने राहुल गांधी पर मानहानि का एक और केस किया दर्ज
कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक के बाद एक मामले बनाने से कांग्रेस और विपक्ष नाराज़

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
वर्तमान भारतीय जनता पार्टी की सरकार में कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर एक के बाद एक मामले बनाने और उनकी संसद सदस्यता रद्द करने का मामला अभी गरमाया हुआ ही चल रहा था कि शनिवार को एक और मानहानि का केस राहुल गांधी पर हरिद्वार में दर्ज किया गया है। यह केस आरएसएस कार्यकर्ता कमल भदौरिया ने हरिद्वार में किया है। दरअसल, भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हरियाणा में राहुल ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर टिप्पणी की थी। उन्होंने आरएसएस को 21वीं सदी का कौरव बताया था। इसी को लेकर संघ की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाया गया है। मामले की सुनवाई 12 अप्रैल को उत्तराखंड के हरिद्वार कोर्ट में होगी। 9 जनवरी 2023 को हरियाणा के अंबाला जिले में राहुल गांधी ने एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कौरव कौन थे? मैं आपको सबसे पहले 21वीं सदी के कौरवों के बारे में बताऊंगा। वे खाकी हाफ पैंट पहनते हैं। हाथ में लाठी लिए होते हैं और शाखा लगाते हैं। भारत के 2-3 अरबपति कौरवों के साथ खड़े हैं। उधर बिहार के पटना जिले में एमपी एमएलए कोर्ट ने राहुल को मानहानि केस में 12 अप्रैल को पेश होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने कहा कि राहुल कोर्ट आकर अपना बयान दर्ज कराएं। दरअसल, राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने 2019 में मोदी सरनेम मामले में राहुल के ख़िलाफ़ केस दर्ज करवाया था। इससे पहले 23 मार्च को “सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है” इस बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को सूरत कोर्ट ने दोषी करार दिया। इस फैसले के बाद कोर्ट ने उन्हें दो साल की जेल की सज़ा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। इसके कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। साथ ही सज़ा को तीस दिन के लिए स्थगित कर दिया। सुनवाई के दौरान राहुल गांधी कोर्ट में मौजूद रहे। राहुल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उनके वकील के मुताबिक, ‘राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी।’ वर्ष 2014 में राहुल गांधी ने संघ पर महात्मा गांधी की हत्या का आरोप लगाया था। एक संघ कार्यकर्ता ने राहुल पर आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मामला दर्ज कराया था। ये केस महाराष्ट्र के भिवंडी कोर्ट में चल रहा है। 2016 में राहुल गांधी के खिलाफ असम के गुवाहाटी में धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज किया गया था। शिकायतकर्ता के मुताबिक, राहुल गांधी ने कहा था कि 16वीं सदी के असम के वैष्णव मठ बरपेटा सतरा में संघ सदस्यों ने उन्हें प्रवेश नहीं करने दिया। इससे संघ की छवि को नुकसान पहुंचा है। ये मामला भी अभी कोर्ट में पेंडिंग है। 2018 में राहुल गांधी के खिलाफ झारखंड की राजधानी रांची में एक और केस दर्ज किया गया। ये केस रांची की सब-डिविजनल ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट की कोर्ट में चल रहा है। राहुल गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत 20 करोड़ रुपए मानहानि का केस दर्ज है। इसमें राहुल गांधी के उस बयान पर आपत्ति जताई गई है, जिसमें उन्होंने ‘मोदी चोर है’ कहा था। 2018 में ही राहुल गांधी पर महाराष्ट्र में एक और मानहानि का केस दर्ज हुआ। ये मामला मझगांव स्थित शिवड़ी कोर्ट में चल रहा है। आईपीसी की धारा 499 और 500 के तहत मानहानि का केस दर्ज है। केस संघ के कार्यकर्ता ने दायर किया था। राहुल पर आरोप है कि उन्होंने गौरी लंकेश की हत्या को भाजपा और संघ की विचारधारा से जोड़ा। 2018 में एडीसी बैंक के चेयरमैन अजय पटेल ने अदालत में मानहानि का मामला दर्ज कराया था। राहुल ने आरोप लगाया था कि 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी के बाद अहमदाबाद जिला सहकारी बैंक में पांच दिनों में 745.58 करोड़ रुपए के पुराने नोट बदले गए थे। इस बैंक के निदेशकों में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हैं। 2017 में बेंगलुरु में पत्रकार गौरी लंकेश की हत्या के मामले में आरएसएस को कथित तौर पर जोड़ने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ मुंबई में मानहानि की शिकायत दर्ज कराई गई। शिकायतकर्ता ने कहा कि आरोपियों के बयान की भावना मानहानिकारक और लोगों की नजर में संघ की छवि खराब करने वाली है। 2018 में राफेल फाइटर जेट सौदे पर राहुल गांधी ने बीजेपी का मजाक उड़ाया था और ट्वीट करते हुए कैप्शन लिखा था- द सैड ट्रुथ अबाउट इंडिया कमांडर इन थीफ। इस मामले में राहुल के खिलाफ गुड़गांव की एक कोर्ट में मानहानि का केस किया गया। 2019 में जबलपुर में तत्कालीन भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर हत्या का आरोप लगाया था। इसको लेकर राहुल के खिलाफ अहमदाबाद कोर्ट में मानहानि का केस दर्ज करवाया गया। 2019 में झारखंड में राहुल गांधी ने कहा- कांग्रेस भाजपा की तरह हत्यारे को पार्टी अध्यक्ष नहीं स्वीकारेगी। उनके इस बयान पर चाईबासा और रांची में मानहानि का केस किया गया। 2022 में राहुल ने कहा कि सावरकर ने आजादी से पहले अंग्रेजों से माफीनामे पर हस्ताक्षर किया। मामले में सावरकर के पोते विनायक सावरकर ने मुंबई के शिवाजी पार्क पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई। सूरत की कोर्ट ने 23 मार्च को राहुल को दो साल कैद की सज़ा सुनाई। उन्होंने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बयान दिया था। कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है। इसके बाद गुजरात के भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने राहुल के खिलाफ मानहानि का केस किया था। कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता 24 मार्च दोपहर करीब 2.30 बजे रद्द कर दी गई। वह केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी दी। लोकसभा की वेबसाइट से भी राहुल का नाम हटा दिया गया। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 2013 के एक फैसले में कहा था कि अगर कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी पाया गया तो वह संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य होगा। इसी नियम के तहत राहुल की संसद सदस्यता रद्द हुई है। सांसदी जाने के बाद राहुल ने 25 मार्च को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। राहुल गांधी ने कहा, ‘भाजपा ध्यान भटकाने की कोशिश करती है। कभी ओबीसी की बात करेगी, कभी विदेश में दिए बयान की बात करेगी। ये लोग मेरी सदस्यता रद्द करके मुझे रोक नहीं सकते। चाहे मुझे सदस्यता मिले, ना मिले, मैं अपना काम करूंगा। अगर ये मुझे स्थायी रूप से डिसक्वालिफाई कर दें, तो भी मैं अपना काम करूंगा। मैं संसद के अंदर रहूं या बाहर, कोई फर्क नहीं पड़ता। राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता रद्द करने के खिलाफ कांग्रेस ने 26 मार्च को देशभर में संकल्प सत्याग्रह किया। प्रियंका गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे, अधीर रंजन जैसे बड़े नेता सुबह-सुबह राजघाट पहुंचे। प्रियंका गांधी ने कहा कि आज तक हम चुप रहे हैं तो आप हमारे परिवार का अपमान करते गए। मैं पूछना चाहती हूं कि एक आदमी का कितना अपमान करोगे। मुझ पर केस लगा दो, लेकिन सच ये है कि इस देश का प्रधानमंत्री कायर है। लोकसभा हाउसिंग कमेटी ने 27 मार्च को बंगला खाली करने के लिए राहुल को नोटिस भेजा। कमेटी ने उन्हें 22 अप्रैल तक 12 तुगलक रोड का सरकारी आवास खाली करने को कहा। उधर, 27 मार्च को विपक्ष ने राहुल की सांसदी जाने को लेकर ब्लैक प्रदर्शन किया। इसमें 17 विपक्षी दल शामिल हुए। सोनिया गांधी भी काले कपड़े पहनकर संसद पहुंचीं। खड़गे ने कहा, ‘हम काले कपड़ों में क्यों आए हैं? हम दिखाना चाहते हैं कि पीएम मोदी इस देश में लोकतंत्र को खत्म कर रहे हैं।