चीन सीमा पर हालात बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है
अमेरिका ने माना कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है

नई दिल्ली, (डेस्क ब्यूरो)
आख़िरकार चीन देश की भारत के साथ सीमा पर की जाने वाली हरकतों को अमेरिका ने भी ख़राब और ख़तरनाक करार दिया है और भारत के अरुणाचल प्रदेश और चीन के बीच मैकमोहन लाइन को अंतरराष्ट्रीय बॉर्डर के तौर पर मान्यता दी है। अमेरिकी सीनेट में पास हुए एक प्रस्ताव में अरुणाचल प्रदेश को भारत का अभिन्न हिस्सा बताया गया है।
अमेरिकी सीनेट (अपर हाउस) में प्रस्ताव को लाने वाले सांसद बिल हैगरटी और जेफ मर्क्ले ने कहा है कि चीन लगातार इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में खतरा पैदा कर रहा है। ऐसे में ये आवश्यक है कि अमेरिका अपने रणनीतिक साझेदार और खासतौर पर भारत के साथ खड़ा रहे। उन्होंने कहा कि ये बिल अरुणाचल प्रदेश को स्पष्ट रूप भारत के हिस्से के रूप में मान्यता देता है। चीन लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर अभी जो स्थिति है उसे बदलने की कोशिश कर रहा है और हम इसकी निंदा करते हैं। प्रस्ताव में अमेरिका ने लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर चीन के उकसावों की निंदा की है। उन्होंने चीन के सैन्य बल का इस्तेमाल करने, विवादित क्षेत्र में गांव बसाने, स्थानीय शहरों का मैंडरिन (चीनी भाषा) में नाम रखने और मैप पब्लिश करने की भी निंदा की है। इसके साथ ही उन्होंने भूटान में भी कई क्षेत्रों को चीन का हिस्सा बताने को गलत ठहराया है।
आपको बता दें कि अरुणाचल प्रदेश के तवांग में 9 दिसंबर, 2022 को भारत और चीन के सैनिकों में हाथापाई हुई थी। 600 चीनी सैनिकों ने 17 हजार फीट की ऊंचाई पर स्थित भारतीय पोस्ट को हटाने के लिए घुसपैठ की कोशिश की थी। यह पोस्ट यांगत्से में है। भारतीय सैनिकों ने चीनियों को खदेड़ दिया था। तवांग में हुई झड़प से पहले भी चीन ने अरुणाचल सीमा में अपने ड्रोन भेजने की कोशिश की थी।
15 जून 2020 को लद्दाख के गलवान घाटी में दोनों सेनाओं के बीच झड़प में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए थे, जबकि चीन के 38 सैनिक मारे गए थे। हालांकि, चीन की पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी ने चार सैनिक मारे जाने की बात ही कबूली थी
2021 में चीन ने अरुणाचल प्रदेश की सीमा से लगे क्षेत्रों में अनेक स्थानों के नाम चीनी और तिब्बती रख दिए थे। चीन की सिविल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने कहा था- यह हमारी प्रभुसत्ता और इतिहास के आधार पर उठाया गया कदम है। यह चीन का अधिकार है। दरअसल, चीन दक्षिणी तिब्बत को अपना क्षेत्र बताता है। उसका आरोप है कि भारत ने उसके तिब्बती इलाके पर कब्जा करके उसे अरुणाचल प्रदेश बना दिया है।