सूडान में तख्तापलट के लिए सेना-पैरामिलिट्री के बीच लड़ाई जारी
राष्ट्रपति भवन, सरकारी कार्यालयों पर कब्जे का दावा

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
विश्व के संदर्भ में बात करें तो नॉर्थ अफ्रीकी देश सूडान में तख्तापलट के लिए मिलिट्री और बागी पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स के बीच लड़ाई जारी है। आ रही ख़बरों के अनुसार, अब तक बहुत लोगों की मौत हो चुकी है। 1,126 लोगों के घायल होने की ख़बर है। डॉक्टरों का कहना है कि राजधानी खार्तूम के अस्पतालों में हालात बेहद मुश्किल हो गए हैं। लड़ाई के चलते स्वास्थ्यकर्मी घायलों तक नहीं पहुंच पा रहे हैं।
राजधानी खार्तूम सहित कई इलाकों में सोमवार को भी गोलीबारी और धमाके जारी हैं। वहीं, 16 अप्रैल को एक भारतीय नागरिक अल्बर्ट ऑगस्टीन की मौत हुई थी। भारतीय मिशन ने ट्वीट कर बताया कि गोली लगने से अल्बर्ट की मौत हो गई। वो सूडान में डल ग्रुप कंपनी के लिए काम करते थे। भारत सरकार सूडान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइज़री जारी कर चुकी है। उन्हें घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।
राजधानी खार्तूम में गोलियों और धमाकों की आवाजें गूंज रही हैं। आसमान में धुआं भी दिख रहा है। इससे पहले 16 अप्रैल को 56 लोगों के मारे जाने के बाद मिलिट्री और बागी पैरामिलिट्री रेपिड सपोर्ट फोर्स तीन घंटों के अस्थाई संघर्ष विराम पर सहमत हो गए थे। दोनों पक्षों ने संयुक्त राष्ट्र की इस पहल का समर्थन किया था।
बागी पैरामिलिट्री फोर्स ने राजधानी खार्तूम में ज्यादातर सरकारी कार्यालयों पर कब्जा करने का दावा किया है। उनका कहना है कि खार्तूम एयरपोर्ट, राष्ट्रपति भवन और अन्य सरकारी कार्यालयों पर आरएसएफ ने कब्ज़ा कर लिया है। इसके अलावा उन्होंने स्टेट टीवी और मिलिट्री हेडक्वार्टर पर भी अपने कंट्रोल की बात कही थी। हालांकि, सेना ने उनके दावों को खारिज कर दिया। खार्तूम में स्कूलों, बैंकों और सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया गया। न्यूज एजेंसी के मुताबिक राजधानी की सड़कों पर तोप और बख्तरबंद गाड़ियां घूम रही हैं। सेना और आरएसएफ मुख्यालय के पास भारी हथियारों के साथ फोर्सेस तैनात हैं।
नई जानकारी के अनुसार भारतीय मिशन ने ट्वीट कर बताया कि गोली लगने से अल्बर्ट की मौत हो गई। वो सूडान में डल ग्रुप कंपनी के लिए काम करते थे। भारत सरकार सूडान में रहने वाले अपने नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी कर चुकी है। उन्हें घरों में ही रहने की सलाह दी गई है। बागी पैरामिलिट्री फोर्स ने राजधानी खार्तूम में ज्यादातर सरकारी कार्यालयों पर कब्जा करने का दावा किया है।
खार्तूम में स्कूलों, बैंकों और सरकारी कार्यालयों को बंद कर दिया गया। न्यूज एजेंसी के अनुसार राजधानी की सड़कों पर तोप और बख्तरबंद गाड़ियां घूम रही हैं। सेना और आर एस एफ मुख्यालय के पास भारी हथियारों के साथ फोर्सेस तैनात हैं।
ज्ञात रहे कि सूडान में हिंसा के कारणों पर चर्चा करें तो ज्ञात होता है कि सूडान में मिलिट्री और पैरामिलिट्री के बीच वर्चस्व की लड़ाई है। 2019 में सूडान के तत्कालीन राष्ट्रपति ओमर अल-बशीर को सत्ता से हटाने के लिए लोगों ने प्रदर्शन किया। अप्रैल 2019 में सेना ने राष्ट्रपति को हटाकर देश में तख्तापलट कर दिया,लेकिन इसके बाद लोग लोकतांत्रिक शासन और सरकार में अपनी भूमिका की मांग करने लगे।
इसके बाद सूडान में एक मिली जुली सरकार का गठन हुआ, जिसमें देश के नागरिक और मिलिट्री दोनों का रोल था। 2021 में यहां दोबारा तख्तापलट हुआ और सूडान में मिलिट्री शासन शुरू हो गया। आर्मी चीफ जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान देश के राष्ट्रपति और आरएसएफ लीडर मोहम्मद हमदान डागालो उपराष्ट्रपति बन गए। इसके बाद से आरएसएफ और सेना के बीच संघर्ष जारी है। सिविलियन रूल लागू करने की डील को लेकर मिलिट्री और आरएसएफ आमने-सामने हैं। आरएसएफ सिविलियन रूल को दस साल बाद लागू करना चाहती है, जबकि आर्मी का कहना है कि ये दो साल में ही लागू हो जाना चाहिए।
सूडान में बढ़ती हिंसा को देखते हुए अमेरिका, ब्रिटेन और ईयू ने तुरंत लड़ाई खत्म करने की अपील की है। यूएन के सेक्रेटरी जनरल ने सेना प्रमुख बुरहान और आरएसएफ चीफ डागालो को फोन कर देश में शांति स्थापित करने के लिए बात की।