खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह हुआ गिरफ़्तार,कहा ये गिरफ्तारी अंत नहीं, शुरुआत है

अमृतपाल को रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)

खालिस्तान समर्थक और ‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी हो गयी है गिरफ्तारी के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतसर जिले में उसके पैतृक गांव जल्लूपुर खेड़ा में सुरक्षा बढ़ा दी। अमृतपाल सिंह को रविवार सुबह पंजाब पुलिस ने मोगा से अरेस्ट किया है। अमृतपाल को रोडे गांव में एक गुरुद्वारे से गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले अमृतपाल गुरुद्वारे में प्रवचन दे रहा था। वह यहां अपने समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करना चाहता था। उसे बठिंडा एयरपोर्ट से फ्लाइट के जरिए असम की डिब्रूगढ़ जेल ले जाया जा रहा है। अमृतपाल पर एनएसए के तहत केस दर्ज है। लगभग छत्तीस  दिन से पुलिस को चकमा दे रहा वारिस पंजाब दे चीफ खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह अचानक रविवार सुबह मोगा से गिरफ्तार हो गया। उसके करीबी दावा कर रहे कि ये गिरफ्तारी नहीं सरेंडर है। आपको बता दें कि 18 मार्च 2023, पंजाब पुलिस ने वारिस पंजाब दे के खिलाफ कार्रवाई शुरू की थी। 36वें दिन पुलिस को उसे गिरफ्तार करने में सफलता मिली है। उसके फरार होने के पहले 24 से 48 घंटों के बीच 78 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। अभी तक 400 से अधिक हिरासत में और 350 से अधिक को छोड़ा जा चुका है। 

अमृतपाल सिंह को पंजाब पुलिस ने मोगा जिले में रोडे गांव के गुरुद्वारे से रविवार सुबह 6 बजकर 45 मिनट पर अरेस्ट किया। इसके बाद पंजाब पुलिस उसे बठिंडा के एयरफोर्स स्टेशन ले गई। वहां से उसे असम ले जाया गया। दोपहर पौने 4 बजे पंजाब पुलिस ने अमृतपाल को डिब्रूगढ़ जेल अथॉरिटी के हवाले कर दिया। उधर, अमृतपाल की गिरफ्तारी के बाद मोगा जिले में भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई। रोडे गांव सहित पंजाब के बठिंडा और दूसरे कई शहरों में पुलिस ने फ्लैग मार्च किया। रोडे गांव में बने संत खालसा गुरुद्वारे के ग्रंथी ने बताया कि अमृतपाल शनिवार रात को गांव पहुंचा था। रविवार सुबह गिरफ्तारी से पहले उसने पांच ककार (केश, कृपाण, कंघा, कड़ा और कच्छा) पहने और प्रवचन के जरिए लोगों को संबोधित किया।जिस रोडे गांव से अमृतपाल को पकड़ा गया, वहीं जरनैल सिंह भिंडरांवाला का जन्म हुआ था। वारिस पंजाब दे का प्रमुख बनने के लिए यहीं पर अमृतपाल की दस्तारबंदी हुई थी। अमृतपाल समर्थकों की भीड़ के साथ सरेंडर करके शक्ति प्रदर्शन करना चाहता था। इसके लिए रविवार का दिन चुना गया। अमृतपाल के करीबियों ने ही पंजाब पुलिस को उसके सरेंडर प्लान के बारे में बताया था। पुलिस को आशंका थी कि भीड़ जमा होने पर माहौल बिगड़ सकता है। लिहाजा पुलिस टीम सादे कपड़ों में गुरुद्वारे पहुंची और सुबह-सुबह ही उसे गिरफ्तार कर लिया।पंजाब पुलिस के आईजी हेडक्वार्टर डॉ. सुखचैन सिंह गिल ने कहा कि ‘पुलिस ने 35 दिन से दबाव बनाया था। इंटेलिजेंस विंग के पास रोडे गांव में अमृतपाल की मौजूदगी का इनपुट था। उसे नाका लगाकर घेर लिया गया, लेकिन वह गुरुद्वारा साहिब के अंदर था। मर्यादा को देखते हुए पुलिस अंदर नहीं गई। अमृतपाल सिंह से बाहर आने के लिए कहा गया, फिर उसे गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से पहले रोडे गांव के गुरुद्वारे में प्रवचन के दौरान अमृतपाल ने कहा, ‘यह जरनैल सिंह भिंडरांवाले का जन्म स्थान है। उसी जगह पर हम अपना काम बढ़ा रहे हैं और अहम मोड़ पर खड़े हैं। एक महीने से जो कुछ हो रहा है, वह सब सभी ने देखा है। हम इसी धरती पर लड़े हैं और लड़ेंगे। जो झूठे केस हैं, उनका सामना करेंगे। ये गिरफ्तारी अंत नहीं, शुरुआत है। अमृतपाल के माता-पिता ने कहा है कि गिरफ्तारी से पहले वे अमृतपाल से संपर्क में नहीं थे। गर्व की बात है कि बेटे ने सरेंडर किया है। अब सरकार ने जिन्हें नाजायज पकड़ा है, उन्हें छोड़ा जाए। साथ ही कहा कि वे डिब्रूगढ़ में अमृतपाल से मिलने जाएंगे। पुलिस सूत्रों के अनुसार अमृतपाल सिंह बैसाखी के दिन यानी 14 अप्रैल को सरेंडर करना चाहता था। उसने बठिंडा में तलवंडी साबो स्थित तख्त दमदमा साहिब में सरेंडर की प्लानिंग की थी। पंजाब पुलिस ने इसका पता चलने पर दमदमा साहिब में सुरक्षा कड़ी कर दी थी। इसके बाद वह 22 अप्रैल को रोडे गांव पहुंचा, जहां पुलिस ने उसे पकड़ लिया। अमृतपाल पर एनएसए के तहत केस दर्ज है। उसने 23 फरवरी को अपने एक समर्थक की रिहाई के लिए पंजाब के अमृतसर जिले में अजनाला पुलिस थाने पर हमला किया था। उसके बाद से वह पुलिस के रडार पर आ गया था। 18 मार्च को पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी के लिए घेराबंदी की, लेकिन वह फरार हो गया था। इस बार रोडे गांव के गुरुद्वारे में अमृतपाल की मौजूदगी की सूचना मिलने पर अमृतसर रूरल के एसएसपी सतिंदर सिंह और पंजाब पुलिस इंटेलिजेंस के आई जी रविवार सुबह ही वहां पहुंच गए। सादी वर्दी में पहुंची पुलिस टीम ने अमृतपाल को गिरफ्तार कर लिया।

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