नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र जो दो दिन के लिए बुलाया गया था और इसे एक दिन के लिए और बढ़ाया गया था हो हंगामे के बाद अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया। शुक्रवार को विधानसभा की डिप्टी स्पीकर राखी बिडला ने इसे अनिश्चितकाल तक के लिए स्थगित किया। दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने के तौर-तरीके पर शुरू से ही विपक्ष सवाल उठा रहा था. सत्र समाप्त होने के बाद बीजेपी के विधायकों का कहना है कि उन्हें सदन में एक बार फिर नहीं बोलने दिया गया.उनका कहना है कि सीएजी रिपोर्ट में द्वारका एक्सप्रेस वे की एक सड़क को लेकर हुई चर्चा में सदन में मौजूद होने के बावजूद उनको बोलने की अनुमति नहीं दी गई। विधानसभा में नेता विपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने इसे लोकतंत्र की हत्या बताया है और सरकार पर हमेशा की तरह मनमाने तरीके से सदन को चलाने का आरोप लगाया है। दिल्ली सर्विस कानून पर बीजेपी विधायक ओपी शर्मा और विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि संविधान निर्माता बाबा भीमराव अम्बेडकर ने दिल्ली को कभी पूर्ण राज्य न देने की बात कही थी और कहा था कि राजधानी में दो सरकारें नहीं होनी चाहिए.उन्होंने दिल्ली को केंद्र शासित प्रदेश बनाए रखने पर ज़ोर दिया था।
दिल्ली सरकार की मंत्री आतिशी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान शुक्रवार को सदन में जीएनसीटीडी बिल को लेकर चर्चा हुई. इस पर चर्चा ज़रूरी थी। जिसे बीजेपी के लोग और उनके बड़े-बड़े नेताओं ने इस सदन की शक्ति को बढ़ाने की बात की,जो बीजेपी साल दर साल ये संघर्ष करती रही कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिले,जो हर लोकसभा चुनाव में वादा करती थी कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलवाएंगे,उन्होंने कहा कि बीजेपी के बड़े-बड़े दिग्गज नेता अटल विहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी,सुषमा स्वराज, मदन लाल खुराना आदि सभी ने बार-बार हर मंच पर यही बात दोहराई कि हम दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाएंगे। विधानसभा में उसी बीजेपी के विधायक इस मुद्दे से भागते हैं,जिन्हें दिल्ली वालों की चिंता नहीं है वह और क्या मुद्दा लेकर आएंगे.