पुलिस और वन विभाग ने दिल्ली के कबूतर मार्केट से 1000 पक्षियों को मुक्त कराया

उसने पूर्व पशु अधिकार कार्यकर्ता और पूर्व सांसद मेनका गांधी के दखल की भी मांग की

नई दिल्ली,दिल्ली सरकार के वन विभाग और पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के कबूतर मार्केट से 1000 पक्षियों को मुक्त कराया गया है जिनमें कुछ विदेशी प्रजातियों के पक्षी भी शामिल हैं।पशु-पक्षियों के लिए काम करने वाले संगठन ‘पीपुल्स फोर इथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स (पेटा)’ की भारतीय शाखा ने शुक्रवार को बताया कि उसने इस बाजार की दो बंद दुकानों में पक्षियों को छिपाकर रखे जाने की शिकायत की जिसके बाद एलेक्ज़ेंड्रिन तोते, फिंच और अन्य प्रजातियां समेत हजारों पंछियों को आजाद कराया गया।पेटा की शिकायत पर जामा मस्जिद थाने और वन विभाग के संयुक्त दल ने दुकानों पर छापा मारा और इन पक्षियों को बरामद किया।दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की पुष्टि की और कहा कि कथित अपराधियों के खिलाफ वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम के प्रावधानों के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई है।एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘हमने प्राथमिकी दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।’’पेटा इंडिया ने कहा कि मुक्त कराये गये पंछियों को स्वास्थ्य जांच, उपचार एवं अस्थायी पुनर्वास के लिए भेजा गया है।उसने कहा कि पूरी तरह ठीक हो जाने के बाद उन्हें जंगल में छोड़ दिया जाएगा।एलेक्ज़ेंड्रिन तोते वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम की दूसरी अनुसूची के तहत संरक्षित जीव हैं। इन प्रजातियों के पक्षियों की खरीद-बिक्री और उन्हें रखना अपराध है जिसके लिए एक लाख रुपये तक जुर्माना या तीन साल तक की कैद हो सकती है, या फिर कैद और जुर्माना दोनों हो सकते हैं।

 

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