जेईई-नीट क्लीयर करने वाले दिल्ली के सरकारी स्कूलों के छात्रों से सीएम अरविंद केजरीवाल ने किया संवाद
दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 छात्रों ने नीट, 730 ने जेईई मेन्स और 106 ने जेईई एडवांस क्लीयर किया

ये बच्चे देश का भविष्य हैं और यही अपनी प्रतिभा से भविष्य में दिल्ली और देश का नाम रोशन करेंगे- अरविंद केजरीवाल
नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
दिल्ली के त्यागराज स्टेडियम में आयोजित संवाद कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सीएम अरविंद केजरीवाल के पहुंचने पर स्कूली बच्चों के आर्केस्ट्रा बैंड ने उनका स्वागत किया। इसके उपरांत मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जेईई और नीट में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के 30 छात्रों को स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इसके बाद शिक्षा मंत्री आतिशी ने जेईई और नीट में टॉप करने वाले छात्रों से उनका फीडबैक लिया। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल जेईई और नीट की परीक्षा में सफलता हासिल करने वाले दिल्ली सरकार के स्कूलों के बच्चों के साथ संवाद कर उनका उत्साहवर्धन करने पहुंचे थे। संवाद कार्यक्रम में छात्रों के साथ उनके पैरेंट्स और शिक्षक भी मौजूद रहे। सीएम अरविंद केजरीवाल ने टॉप रैंक हासिल करने वाले छात्रों को स्मृति चिन्ह और प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। इस दौरान छात्रों और अभिभावकों ने सफलता के अनुभवों को भी साझा किया। अपने प्रेरक संबोधन में सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि बिना अच्छी शिक्षा के कोई भी देश तरक्की नहीं कर सकता। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को विश्वस्तरीय शिक्षा उपलब्ध कराई जा रही है। इसके परिणाम स्वरूप आज हमारे स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है, जबकि 730 ने जेईई मेन्स और 106 बच्चों ने जेईई एडवांस क्लीयर किया है। ये बच्चे देश का भविष्य हैं और यही अपनी प्रतिभा से भविष्य में दिल्ली और देश का नाम रोशन करेंगे। उन्होंने कहा कि आठ साल पहले हम लोग नए-नए राजनीति में आए थे। उसके पहले एनजीओ के ज़रिए दिल्ली की झुग्गियों में काम किया करते थे। हमारा एक सपना था कि जब तक इस देश के हर तबके के बच्चे को अच्छी से अच्छी और बराबरी की शिक्षा नहीं मिलेगी,तब तक देश तरक्की नहीं कर सकता। आठ साल पहले दिल्ली में हमारी सरकार बनी। हम सभी लोग एक साधारण परिवार से थे। हमने ज़िंदगी में कभी सोचा भी नहीं था कि हम राजनीति में जाएंगे। लेकिन उपर वाले का कुछ करिश्मा हुआ और दिल्ली की जनता ने हमें इतना प्यार दिया कि यहां हमारी सरकार बन गई और इतनी बड़ी ज़िम्मेदारी मिली। सरकार बनने के बाद हमने शिक्षा पर काम करना शुरू किया। यह काम आसान नहीं था। लेकिन आज यह लगता है कि असंभव भी नहीं था। आठ साल के अंदर यह त्यागराज स्टेडियम सफलता से भरा हुआ है। आज इस त्यागराज स्टेडियम में ढेर सारे बच्चे, पैरेंट्स और टीचर्स अपनी सफलता का जश्न मना रहे हैं। यह देखकर बहुत अच्छा लग रहा है। दिल्ली सरकार के स्कूलों में पढ़ने वाले 1391 छात्रों ने नीट क्वालिफाई किया है। इसमें से 458 लड़के हैं और 933 लड़किया हैं। वहीं,730 बच्चों ने जेईई मेन्स क्लीयर किया है। जिसमें 607 लड़के और 123 लड़किया हैं। इसके अलावा,106 बच्चों ने जेईई एडवांस क्लीयर किया है। दिल्ली सरकार के स्कूलों का दबदबा जेईई और नीट में बढ़ता जा रहा है। उन्होंने बताया कि 2021 में जेईई एडवांस क्लीयर करने वाले 64 बच्चे थे,जो इस साल बढ़कर 106 हो गए। 2021 में जेईई मेन्य क्लीयर करने वाले 384 बच्चे थे,जो इस साल बढकर 730 हो गए हैं। इसी तरह, 2021 में नीट क्लीयर करने वाले 496 बच्चे थे, जो इस बार तीन गुना बढ़कर 1391 हो गए हैं। उन्होंने बताया कि पश्चिम विहार स्थित आरपीवीवी के पीयूष झा ने नीट परीक्षा में अखिल भारतीय श्रेणी में 88वीं रैंक (श्रेणी रैंक-3) हासिल की है,जबकि उसी स्कूल के जिब्राइल आलम ने नीट में अखिल भारतीय श्रेणी में 91वीं रैंक हासिल की है। दक्षिणपुरी एक्सटेंशन स्थित एसवी के गौरव कुमार ने जेईई एडवांस में अखिल भारतीय स्तर पर 51वीं रैंक हासिल की है और वो आईआईटी मुंबई में कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई करेंगे। इसी तरह, राधे श्याम पार्क स्थित जीएसबीवी के आस्तिक नारायण ने जेईई एडवांस में अखिल भारतीय स्तर पर 193वीं रैंक हासिल की है। डॉ. बीआर अंबेडकर स्पेशलाइज्ड एक्सीलेंस स्कूल के छात्र पहली बार जेईई और नीट परीक्षा में शामिल हुए। एएसओएसई से 143 छात्रों ने जेईई मेन्स क्वालिफाई किया है,जबकि इनमें से 24 ने जेईई एडवांस क्वालिफाई किया है। 187 छात्रों ने नीट भी क्वालिफाई किया है। सीएम अरविंद केजरीवाल ने सभी बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि सभी बच्चों ने गजब प्रदर्शन किया है। सभी बच्चों ने बहुत मेहनत की है। भगवान से प्रार्थना करता हूं कि सभी बच्चों ने सारे सपने पूरे हों और खूब तरक्की करें।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस देश ने मुझे बहुत कुछ दिया है। मैं आईआईटी खड़गपुर से मैकेनिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की। मेरी रैंक अखिल भारतीय स्तर पर 563 थी। आज इस हॉल में बैठे कई बच्चों की रैंक मुझसे कहीं ज्यादा अच्छी है। मेरी इच्छा है कि मैं कम से कम देश के सभी बच्चों उस स्तर की शिक्षा अवश्य दे सकूं,जो इस देश ने मुझे दी है। मेरे दो बच्चे भी आईआईटी दिल्ली से हैं। हम शिक्षा के महत्व को समझते हैं। हम मानते हैं कि बिना शिक्षा के कोई देश तरक्की नहीं कर सकता। अगर देश की तरक्की करनी है तो हर बच्चे को अच्छी से अच्छी शिक्षा देनी पडेगी। 2013-14 में जब दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ते थे,उस वक्त ऐसा लगता था कि बच्चों का कोई भविष्य नहीं है। अगर किसी के घर में एक बेटा और एक बेटी होती थी और माता-पिता के पास थोड़ा सा पैसा होता था,तो वो बेटे को प्राइवेट स्कूल में और बेटी को सरकारी स्कूलों में भेजते थे। उस दौरान स्कूल छोड़ने वाले बच्चों का औसत बहुत ज़्यादा था। पैरेंट्स अपने बच्चों को घर बैठा लेते थे,क्योंकि सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती थी और बच्चे को काम पर लगा देते थे। हम दिल्ली के झुग्गी बस्तियों में देखते थे कि सरकारी स्कूलों की कितनी बुरी दशा है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों के अंदर जो बदलाव आया है,वो बहुत बड़ी बात है। बच्चों की सफलता पैरेंट्स के लिए बहुत बड़ा दिन होता है। उन्होने कहा कि अभी सारी चिंताएं ख़त्म नहीं हुई हैं। हालांकि अच्छी बात ये है कि जब बच्चे आईआईटी से निकलते हैं तो हर बच्चे के पास कई सारे अवसर और विकल्प होते हैं। मीडिया से बात करते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली सरकार के स्कूलों में बहुत क्रांतिकारी परिवर्तन हुए हैं। पहले दिल्ली के सरकारी स्कूलों की हालत बहुत जर्जर होती थी और पैरेंट्स अपने बच्चों को सरकारी स्कूलों में पढ़ाना नहीं चाहते थे। आज उन्हीं सरकारी स्कूलों के बच्चे इंजीनियर और डॉक्टर बनने जा रहे हैं। ये सभी बच्चे देश का भविष्य हैं,यही बच्चे अपनी प्रतिभा से भविष्य में दिल्ली और देश का नाम रोशन करेंगे।