हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सहित अन्य ने सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए की गायों की हत्या
यूपी के आगरा में हिन्दू संगठन हिंदू महासभा के लोग गोहत्या के आरोप में गिरफ़्तार

बड़ी साज़िश हुई बेनकाब
आगरा (यूपी) (एप ब्यूरो)
साम्प्रदायिकता और सोहार्द को बिगाड़ने वालों के ख़िलाफ़ अगर निष्पक्षता से जांच और कार्यवाही हो तो बात बनें ऐसा कहने वाले बार बार कह रहे हैं कि हालात बिगड़ने से बचाने हैं तो पुलिस प्रशासन को निष्पक्ष कार्रवाई करनी होगी बिना किसी राजनीतिक दबाव के। अभी यूपी के आगरा से जो मामला निकल कर आया है उसने सभी को चौंका दिया है। यूपी की आगरा पुलिस का कहना है कि अखिल भारत हिंदू महासभा के कुछ सदस्यों ने आगरा में रामनवमी परेड के दौरान सांप्रदायिक हिंसा भड़काने के लिए गायों की हत्या कर दी थी। एक प्रतिष्ठित अखबार ने इसकी रिपोर्ट दी है।
ख़बर के मुताबिक रामनवमी की पूर्व संध्या पर आगरा पुलिस ने गाय की हत्या के आरोप में चार युवकों को गिरफ्तार किया है। आगरा के एतमादुद्दौला क्षेत्र के गौतम नगर में रामनवमी समारोह के दौरान छापेमारी में इन युवकों को पकड़ा गया।आगरा पुलिस के अनुसार हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय जाट इस मामले का मुख्य साजिशकर्ता है। कई अन्य लोगों के भी साज़िश में शामिल होने की ख़बर है। जितेंद्र कुशवाहा नाम के व्यक्ति ने एतमादुद्दौला थाने में गोकशी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस डीसीपी सूरज राय के मुताबिक, पुलिस पूछताछ में कई तथ्य सामने आए। पुलिस ने एफआईआर में पहचाने गए दो लोगों इमरान उर्फ ठाकुर और शानू को गिरफ़्तार किया है। शानू ने पुलिस को बताया कि वह रात 8 बजे मेहताब बाग पहुंचा। 29 मार्च को उसे वहां इमरान, सलमान और सायरो मिले। फिर उन्होंने गली में इधर-उधर भटक रही एक गाय को मारने का फैसला किया। तभी शानू और इमरान जितेंद्र कुशवाहा को सूचना देने गए। आगरा के चट्टा क्षेत्र के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त आर.के. सिंह के हवाले से बताया कि अखिल भारत हिन्दू महासभा नेता संजय जाट इस मामले में मुख्य साजिशकर्ता है। उसके साथियों ने 29 मार्च की रात मेहताब बाग इलाके में एक गाय का वध किया और पार्टी सदस्य जितेंद्र कुशवाहा को मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद नकीम और मोहम्मद शानू के ख़िलाफ़ मामला दर्ज करने के लिए कहा था। पुलिस ने चौथे आरोपी संदिग्ध इमरान कुरैशी और अगले दिन शानू को गिरफ्तार किया। बाद में जांच में पता चला कि नामजद आरोपियों का अपराध से कोई लेना-देना नहीं है। जांच में पता चला है कि संजय की कुछ लोगों से दुश्मनी थी और वह उन्हें मामले में फंसाना चाहता था।
पुलिस ने कहा कि आगरा के सामाजिक सद्भाव को बिगाड़ने के लिए रामनवमी की पूर्व संध्या पर गाय का वध किया गया था। हमारे पास इस तरह की घटना के बारे में अपुष्ट रिपोर्ट थी लेकिन निर्णायक सबूत तब मिले जब उन्होंने कुछ निर्दोष लोगों को फंसाने की कोशिश की।
हिंदू महासभा के कुछ कार्यकर्ताओं ने जितेंद्र कुशवाहा और संजय जाट के बारे में शिकायत करते हुए दावा किया कि रामनवमी पर आगरा की सांप्रदायिक शांति को भंग करने के लिए उन्होंने व्यक्तिगत रूप से गाय की हत्या की थी।पुलिस का कहना है कि संजय जाट को इस साल फरवरी में भी फिरौती मांगने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस के मुताबिक संजय जाट और उसके साथ पशु ले जाने वाले किसी भी वाहन को रोककर वसूली करते थे। पशु ले जाने वालों को पुलिस केस में फंसाने की धमकी दी जाती थी।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए पुलिसकर्मियों की तारीफ़ की है। अखिलेश ने लिखा है कि उप्र पुलिस के अनुसार आगरा में राम नवमी जैसे पावन पर्व पर जिन असामाजिक तत्वों ने स्वयं घटना को अंजाम देकर, दूसरे सम्प्रदाय के लोगों पर झूठा आरोप लगाकर जिस तरह प्रदेश का सौहार्द बिगाड़ना चाहा उनको तत्काल दंडित किया जाए तथा ईमानदार जाँच करने वाले पुलिसकर्मियों को पुरस्कृत किया जाए।
इस मामले के उजागर होने पर जहां पुलिस की प्रशंसा हो रही है वहां कहा जा रहा है कि अगर बिना किसी राजनीतिक दबाव के निष्पक्ष जांच और कार्यवाही हो तो माहौल बिगाड़ने वालों का खात्मा हो जाएगा।