केंद्र के भेदभावपूर्ण रवैये के ख़िलाफ़ ममता बनर्जी बैठीं धरने पर और भाजपा को लिया आड़े हाथों

रामनवमी पर मुस्लिम बस्तियों में हमले या गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की गई तो प्रशासन कड़ी कार्रवाई करेगा : ममता बनर्जी

कोलकाता (एशियन पत्रिका ब्यूरो)

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने  वर्तमान धरने और बयान के बाद एक बार फिर ख़बरों में हैं। उन्होंने बड़ी बेबाकी के साथ अनेक मामलों में आरएसएस, भारतीय जनता पार्टी और पीएम मोदी को निशाना बनाया है। साथ ही रामनवमीं के जुलूस में किसी भी गुंडागर्दी को बर्दाश्त नहीं करने की बात कही है। उन्होंने कहा है कि रामनवमी के जुलूस को वो नहीं रोकेंगी लेकिन अगर किसी मुस्लिम के घर पर हमला हुआ तो वह छोड़ेंगी नहीं। उन्होंने भाजपा को निशाना बनाते हुए कहा कि जो लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते, वे अब भारत के संविधान के बारे में व्याख्यान दे रहे हैं? ममता बनर्जी ने कहा कि तथाकथित डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है। भाजपा आज कुछ नहीं है बल्कि एक वॉशिंग मशीन है। ममता बनर्जी ने कहा कि सारे विपक्ष को कामयाबी के साथ लड़ना है और बीजेपी को कुर्सी से हटाना है। यह सबसे बड़ा अहंकारी, देश का दुशासन है, यह अच्छा शब्द है न, दुशासन को हटाएं, दुर्योधन को हटाएं और देश को बचाएं। बीजेपी को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। कौन नेता बनेगा इसकी लड़ाई नहीं है, बीजेपी से देश की जनता की वन टू वन लड़ाई है। उन्होंने कहा, अगर कोई राजनीतिक नेता या कार्यकर्ता जुलूस में हथियार के साथ हिस्सा लेता है तो कानून अपना काम करेगा।

मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अपने बंगाल राज्य के प्रति केंद्र सरकार के कथित भेदभावपूर्ण रवैये व राज्य को उसके हिस्से का धन नहीं देने के विरोध में कोलकाता में भीमराव आंबेडकर की मूर्ति के सामने दो दिवसीय धरने पर बैठीं और भाजपा पर ज़ोरदार हमला बोला। अपने संबोधन में ममता बनर्जी ने भाजपा को चेताते हुए कहा कि उनकी सरकार रामनवमी के किसी जुलूस को नहीं रोकेंगी, लेकिन अगर इस दौरान किसी मुस्लिम के घर हमला हुआ तो वह छोड़ेंगी नहीं। ममता ने भाजपा नेताओं द्वारा गुरुवार को रामनवमी पर बड़ी संख्या में राज्य में जुलूस निकालने का उल्लेख करते हुए स्पष्ट कहा कि रमज़ान के पवित्र महीने में यदि किसी ने भी मुस्लिम बस्तियों में इस दौरान हमले या गड़बड़ी फैलाने की कोशिश की तो प्रशासन कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई करेगा। उन्होंने सभी से शांति से रामनवमी मनाने की अपील की। ममता ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जो लोग महिलाओं का सम्मान करना नहीं जानते, वे अब भारत के संविधान के बारे में व्याख्यान दे रहे हैं? उन्होंने कटाक्ष किया कि तथाकथित डबल इंजन की सरकार फेल हो गई है! भाजपा आज कुछ नहीं है बल्कि एक वाशिंग मशीन है। उन्होंने केंद्र की सत्ता से भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए सभी विपक्षी दलों को एकजुट होने का आह्वान किया।

ममता ने कहा कि 2024 में सारे विपक्ष को एक साथ लड़ना है और भाजपा को कुर्सी से हटाना है। 2024 की लड़ाई भाजपा और आम जनता के बीच है। ममता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना सबसे बड़ा अहंकारी एवं देश का दुशासन व दुर्योधन तक बताया। उन्होंने कहा- अहंकारी, दुशासन व दुर्योधन को हटाएं और देश को बचाएं। भाजपा को कुर्सी छोड़नी पड़ेगी। ममता ने कहा कि चुनाव बाद कौन नेता (पीएम) बनेगा इसकी अभी चिंता नहीं है। यह भाजपा से देश को बचाने की लड़ाई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि 2024 में भाजपा सत्ता में नहीं आएगी। ममता ने भाजपा को भ्रष्टाचारी, चोर, लूटेरा व डकैतों की पार्टी भी बताया।

केंद्र के कथित भेदभावपूर्ण रवैये के ख़िलाफ़ ममता पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के साथ दोपहर करीब 12 बजे रेड रोड पर पहुंचीं और यहां आंबेडकर की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उसके सामने धरने पर बैठ गईं। दो दिवसीय यानि करीब 30 घंटे का यह धरना वह गुरुवार शाम छह बजे तक जारी रखेंगी। ममता ने आरोप लगाया कि केंद्र जान बूझकर राजनीतिक प्रतिशोध के तहत बंगाल को केंद्रीय योजनाओं का पैसा नहीं देकर गरीबों को वंचित कर रहा है। उन्होंने दावा किया कि दो वर्षों में विभिन्न योजनाओं की जांच के लिए केंद्र ने 160 टीमें यहां भेजी, जिसपर करोड़ों खर्च हुए। अगर ये पैसा भी कम से कम राज्य को दिया जाता तो गरीबों का भला होता।

ममता ने चेतावनी दी कि यदि ज़रूरत पड़ी तो राज्य के लोगों के हक के लिए वे दिल्ली जाकर पीएम हाउस के सामने भी बैठ जाएंगी। इतनी हिम्मत रखती हूं। बता दें कि यह पहली बार नहीं है, जब ममता धरना दे रही हैं। इससे पहले 2021 में सारदा चिटफंड मामले में जब सीबीआई कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार से पूछताछ के लिए उनके आवास पर पहुंची थीं, तो इसके ख़िलाफ़ भी ममता ने कई घंटे तक धरना दिया था।

आपको बता दें कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पहले भी भाजपा और आरएसएस को आड़े हाथों लेते हुए कह चुकी हैं कि आरएसएस और विभिन्न दक्षिणपंथी समूह राज्य में राम नवमी जुलूस में अनेक हथियारों के साथ भाग लेते हैं। जबकि उनको हथियार रखने का कोई अधिकार नहीं है। भाजपा की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा था कि वे पूजा नहीं करते हैं। वे सिर्फ धार्मिक नारों का इस्तेमाल करते हैं, भगवा झंडे लगाते हैं और हिंसा भड़काते हैं।

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