नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
इजराइल पर हमास के हमले पर पूरी दुनिया दंग है कि इज़राइल की फिलस्तीनी जनता पर सालों साल से चली आ रही क्रूरता और अत्याचार को नज़र अंदाज़ करके आज इज़राइल पर हमास की कार्रवाई को ग़लत कहने वाले भी खड़े हो गए हैं। भला अमेरिका समर्थक देश की आलोचना करने की हिम्मत भी कोई कोई दिखा सकता है। अब इस मामले में ईरान और इराक ने इस्लामिक सहयोग संगठन की बैठक बुलाई है।
ईरान ने इजरायली बलों की घुसपैठ और छापे के मद्देनजर फिलिस्तीन की स्थिति पर इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) के आपातकालीन सत्र का आह्वान किया है। अपने इंडोनेशियाई समकक्ष जोको विडोडो के साथ टेलीफोन पर बातचीत में ईरान के राष्ट्रपति इब्राहिम रायसी ने कहा कि फिलिस्तीनियों के अधिकारों का समर्थन और इज़राइल से लड़ना इस्लामिक उम्माह की संरचना में एक अपरिवर्तनीय सिद्धांत है। उन्होंने फिलिस्तीन को इस्लामी दुनिया का धड़कता हुआ दिल बताया है। रायसी ने फिलिस्तीन की मौजूदा स्थिति पर मुस्लिम देशों के 57 सदस्यीय निकाय का आपातकालीन सत्र आयोजित करने के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने मुस्लिम देशों के बीच एकता को मज़बूत करने के प्रयासों के लिए ईरान के समर्थन की पुष्टि करते हुए इस बात पर ज़ोर दिया कि इजरायल की आक्रामकता का मुकाबला करने के लिए इस्लामी दुनिया की एकता आवश्यक है। ईरान और इराक के विदेश मंत्रियों ने भी फिलिस्तीन पर विशेष ओआईसी सत्र की अपील की है। ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नासिर कनानी ने सोमवार को कहा कि ईरान ने क्षेत्रीय विकास पर इस्लामिक सहयोग संगठन की आपातकालीन बैठक बुलाई है। ईरान ने चेतावनी दी है कि उसके प्रति कोई भी ग़लत आंकलन ‘विनाशकारी’ होगा। यूएई ने इजराइल पर हमास के हमले को गंभीर करार दिया है।