पाकिस्तान में इमरान खान 23 मई को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के सामने होंगे पेश
अल कादिर ट्रस्ट घोटाला करीब 60 अरब पाकिस्तानी रुपए का है

नई दिल्ली (एशियन पत्रिका ब्यूरो)
पाकिस्तान में उठी राजनीतिक उठापटक अभी थमने का नाम नहीं ले रही है पाकिस्तान में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को 9 मई को गिरफ्तार किया गया था उनकी गिरफ्तारी अल-कादिर ट्रस्ट स्कैम केस में पाकिस्तानी रेंजर्स ने नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के आदेश पर की है। पाकिस्तान के अखबार ‘द डॉन’ के मुताबिक अल कादिर ट्रस्ट घोटाला करीब 60 अरब पाकिस्तानी रुपए का है और इसका फायदा इमरान, पत्नी बुशरा बीबी और बुशरा की दोस्त फराह गोगी ने उठाया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान 23 मई को अल-कादिर ट्रस्ट मामले में नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के सामने पूछताछ के लिए पेश होंगे। नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो अब तक कई बार इमरान और पत्नी बुशरा को पूछताछ के लिए बुला चुकी है, लेकिन दोनों ही हाजिर नहीं होते। हर बार उनके वकील बहाना बनाकर कोर्ट से राहत हासिल कर लेते हैं। अल कादिर ट्रस्ट केस में 9 मई को नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो ने खान को गिरफ्तार किया था। जांच एजेंसी को 8 दिन की रिमांड भी मिली थी, लेकिन इसके पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने खान को रिहा कर दिया। अब उन्हें तमाम केसों में 31 मई तक गिरफ्तारी से राहत दी जा चुकी है। नेशनल अकाउंटेबिलिटी ब्यूरो के एक अफसर ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने खान से साफ कहा है कि उन्हें जांच एजेंसी के साथ हर तरह का सहयोग करना होगा। इसका मतलब ये हुआ कि अगर वो पूछताछ के लिए पेश नहीं हुए तो उनकी परेशानियां बढ़ जाएंगीं। 9 मई 2023 को इमरान खान को इस्लामाबाद हाईकोर्ट से पाक रेंजर्स ने गिरफ्तार किया था और घसीटते हुए ले गए थे। इससे भड़के इमरान समर्थकों ने जमकर हिंसा की और आर्मी से जुड़े कई ठिकाने तक जला दिए थे। हिंसा में अनेक लोगों की मौत हुई थी। इमरान का दावा था कि पुलिस फायरिंग में 25 लोगों की मौत हुई थी सरकार के मुताबिक खान जब प्रधानमंत्री बने तो उन्होंने लैंड माफिया मलिक रियाज को मनी लॉन्ड्रिंग केस में फंसाया। लंदन में उसके 40 अरब जब्त कराए। बाद में ये पैसा ब्रिटेन सरकार ने पाकिस्तान को सौंप दिया। इमरान ने यह जानकारी कैबिनेट को भी नहीं दी। आरोप है कि यह पैसा एक सीक्रेट अकाउंट के जरिए इमरान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ के खाते में ट्रांसफर कराई गई। कुल मिलाकर यह घोटाला 60 अरब पाकिस्तानी रुपए का है। इसके बाद इमरान ने अल कादिर ट्रस्ट बनाया। इसने मजहबी तालीम देने के लिए अल कादिर यूनिवर्सिटी बनाई। इसके लिए अरबों रुपए की जमीन मलिक रियाज ने दी। बुशरा बीबी को डायमंड रिंग भी गिफ्ट की। बदले में रियाज के तमाम केस खत्म कर दिए गए। उसे करोड़ों रुपए के सरकारी ठेके भी मिले। होम मिनिस्टर राणा सनाउल्लाह ने कहा है कि 60 अरब रुपए की चपत सरकारी खजाने को लगी। 13 महीने में एक बार भी इमरान या बुशरा पूछताछ के लिए नहीं आए।