पत्नी की हत्या तंत्र-मंत्र से कराने गए सुरक्षाकर्मी गोपीचंद की तांत्रिक ने ही की थी हत्या
तांत्रिक लाखों रुपए ले चुका था सिपाही गोपीचंद से

मेरठ (यूपी) (एप ब्यूरो)
पढ़े लिखे लोगों और सभ्य कहलाने वालो की भी कभी कभी एसी ख़बरें आ जाती हैं कि विश्वास नहीं होता। ऐसा ही एक सनसनीखेज मामला दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मी गोपीचंद की हत्या का प्रकाश में आया है। गोपीचंद अपनी पत्नी की हत्या तंत्र-मंत्र से कराने के लिए तांत्रिक के पास गया उसने तांत्रिक को लाखों रुपए दिए और रुपए के लालच और खुद के फंसने के डर से तांत्रिक ने सिपाही गोपीचंद की ही हत्या कर दी। हत्या करके शव को गंगा नदी में फेंक दिया। हत्यारोपी तांत्रिक गणेशानंद को मेरठ पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस की पूछताछ में उसने अपना जुर्म कबूल कर लिया। मेरठ में सिपाही गोपीचंद की हत्या में आरोपी तांत्रिक ने कैमरे के सामने भी अपना जुर्म कबूला है। तांत्रिक गणेशानंद ने मुस्कुराते हुए अपने गुनाह की हर बात बताई है उसने कहा कि मारने का पछतावा तो है। जेल भी जाना पड़ेगा। जेल जाकर प्रायश्चित करना पड़ेगा। उसने बताया कि गोपीचंद तांत्रिक गणेशानंद की मदद से तंत्र-मंत्र से अपनी पत्नी को मरवाना चाहता था। इसके लिए तांत्रिक ने उससे करीब छह लाख रुपए लिए थे। तांत्रिक ने कहा था कि मुझे इस बात का पता था कि मैं तंत्र-मंत्र से कॉन्स्टेबल की पत्नी को नहीं मार पाऊंगा। काफी पैसे ले चुका था। इसलिए कॉन्स्टेबल की ही हत्या कर दी थी। यह वारदात 26 मार्च की है। मेरठ पुलिस ने इस केस को हल किया है।
तांत्रिक गणेशानंद ने कहा है कि मैं मेरठ के हस्तिनापुर में रहता हूं। कॉन्स्टेबल गोपीचंद की मुझसे लगभग एक साल पहले मुलाकात हुई थी। वो पत्नी से परेशान हो चुका था। गोपीचंद अपनी पत्नी को तंत्र-मंत्र के माध्यम से मरवाने की कोशिश कर रहा था। मैं उसकी पत्नी को मार नहीं पा रहा था। उससे मैंने पत्नी को तंत्र-मंत्र के जरिए मारने के लिए काफी पैसे ले लिए थे। डर था कि मुझे पैसे वापस करने पड़ेंगे। पैसों के लालच में पूजा के समय ही मैंने गोपीचंद को मार दिया। मैं गंगा किनारे 26 मार्च को पूजा करने गया था। 26 मार्च की रात मैंने पहले पूजा-पाठ किया। उस वक्त गोपीचंद वहां मौजूद था। पूजा के बाद मैंने मुर्गे की बलि दी, साथ में गोपीचंद को भी फरसे से मार दिया। फिर गंगा में फेंक दिया।कॉन्स्टेबल गोपीचंद से उसकी पत्नी को मरवाने के लिए मैंने डेढ़ लाख रुपए नगद लिए थे। एक लाख 90 हजार मेरे खाते में ट्रांसफर किया। बाकी पहले ढाई लाख रुपए मुझे दिया था। कुल छह लाख रुपए ले चुका था। ये रुपए वापस न देना पड़े, इसलिए मैंने उसे मार दिया। तांत्रिक गणेशानंद ने पुलिस को बताया कि उसने पूजा के बाद गोपीचंद को जमीन पर लिटाकर उसकी आंख बंद करा दी। कहा कि आंख खोली तो सिद्धी पूरी नहीं होगी। इसके बाद उसकी गर्दन पर फरसे से वार करके मार डाला। शव गंगा में फेंक दिया। मोबाइल और बाइक की नंबर प्लेट तोड़कर भी नदी में फेंक दी थी। पुलिस के अनुसार, हेड कॉन्स्टेबल गोपीचंद का किसी और युवती से प्रेम-प्रसंग चल रहा था। पत्नी उसकी प्रेम कहानी में रोड़ा बन रही थी। गोपीचंद को लगता था कि पत्नी के रहते वो प्रेमिका से शादी नहीं कर पाएगा। इसलिए उसने तांत्रिक से पत्नी को मारने के लिए रकम दी थी। सिपाही गोपीचंद मेरठ के पोहल्ली गांव का रहने वाला था। 26 मार्च को छुट्टी लेकर घर आया। उसने 8 अप्रैल तक की छुट्टी ली थी। कुछ देर घर में रुकने के बाद वह चला गया। फिर उसका कोई पता नहीं चला। परिवार ने तलाश की। लेकिन जानकारी नहीं मिली। इसके बाद 30 मार्च को गोपीचंद की पत्नी रेखा ने सरधना थाने में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 12 अप्रैल को गोपीचंद की बाइक हस्तिनापुर के गांव सिरजेपुर में लावारिस हालत में मिली। हालांकि, गोपीचंद की हत्या का कोई सुराग पुलिस को नहीं मिल पाया था। लेकिन गोपीचंद की पत्नी रेखा और देवर आदित्य एसपी देहात कमलेश बहादुर से मिलने पहुंचे और तब शक जताया कि गोपीचंद हस्तिनापुर में किसी साधु से मिलने जाता था। इसके बाद पुलिस ने तांत्रिक को पकड़ा।