गोली खानी पड़ी तो खाएंगे और फांसी चढ़ना पड़ा तो चढ़ जाएंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे : गुरनाम सिंह चढूनी
कहा कि सरकार ने क्रूरता की हदें पार की हैं।

नई दिल्ली(संवाददाता)
अधिकांश किसान वर्तमान सरकार के रवय्ये से पिछले काफ़ी दिनों से परेशान हैं। एक लंबा आन्दोलन किसान कर चुके हैं। अधिकांश किसान नेता चाहे उसमें राकेश टिकैत हों या गुरनाम सिंह चढूनी हों या फिर योगेन्द्र यादव समय समय पर भाजपा सरकार की आलोचना करते हुए उसे आड़े हाथों लेते रहे हैं। पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक के मामले में एक बार फिर किसानों को पुलिस ने हिरासत में लिया तो किसान नेता फिर भड़के।
भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी दिल्ली से सीधा हरियाणा के पानीपत जिले के गांव डाडोला पहुंचे थे। यहां उन्होंने पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक के समर्थन में बड़ा बयान दिया है।
उन्होंने कहा कि सरकार ने क्रूरता की हदें पार की हैं। जो भी केंद्र की मोदी सरकार के खिलाफ बोलता है, सरकार उसको गिरफ्तार करके जेल में डाल देती है। अगर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया तो वे खून बहा देंगे। गोली खानी पड़ी, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। यहां तक की फांसी भी चढ़ जाएंगे।
उन्होंने कहा कि शनिवार को पूर्व गवर्नर सत्यपाल मलिक द्वारा पहले से ही किसान नेताओं और खाप प्रतिनिधियों के साथ मीटिंग तय थी। पुलिस द्वारा जिस तरीके से सत्यपाल मलिक और खुद चढूनी सहित अन्य खाप प्रतिनिधियों को बसों में भरकर अलग अलग थाने में रखा गया और वहां प्रोग्राम के टेंट उखाड़े गए, वह बेहद शर्मनाक घटना है। किसानों व आमजन में गुस्सा है। गुरनाम चढूनी ने केंद्र की मोदी सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर दोबारा सरकार ने ऐसी कोशिश की तो सत्यपाल मलिक के लिए खून बहाने से भी पीछे नहीं हटेंगे। गोली खानी पड़ी तो खाएंगे और फांसी चढ़ना पड़ा तो चढ़ जाएंगे, लेकिन पीछे नहीं हटेंगे।
आरएसएस के लोगों को धर्म के नाम पर बांटने की कोशिश करती है, लेकिन हम उनको हरियाणा में पनपने नहीं देंगे। चाहे इसके लिए हमें कितनी ही क़ुरबानी क्यों न देनी पड़े ।
जो सरकार के खिलाफ बोलता है, सरकार उसको गिरफ्तार करके जेल में डाल देती है। अगर उनकी आवाज को दबाने का प्रयास किया तो वे खून बहा देंगे। गोली खानी पड़ी, तो वे पीछे नहीं हटेंगे। यहां तक की फांसी भी चढ़ जाएंगे।