विदेश मंत्री जयशंकर ने खालिस्तानियों को दिया कड़ा संदेश,कहा तिरंगे का अपमान नहीं सहेगा भारत

पश्चिमी देशों की दूसरों पर टिप्पणी करने को बुरी आदत बताया

धारवाड़ (कर्नाटक)(एप ब्यूरो)

विदेशों में खालिस्तानियों की गतिविधियों पर कड़ा प्रहार करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि भारत कभी भी अपने झंडे का अपमान सहन नहीं करेगा। और उसे नीचे नहीं आने देगा। लंदन में तिरंगे के अपमान को लेकर उन्होंने कहा कि यह वो भारत नहीं है जो तिरंगे का अपमान सह लेगा। ज्ञात रहे कि 19 मार्च को लंदन में खालिस्तानियों ने भारतीय उच्चायोग से तिरंगा झंडा उतार दिया था। हालांकि अफसरों ने तुरंत वहां बड़ा झंडा लगा दिया था। कर्नाटक के धारवाड़ में एक बातचीत करते हुए जयशंकर ने कहा कि वो दिन गए जब भारत इन घटनाओं को हल्के में लेता था। ये वो भारत नहीं है जो किसी के भी झंडा उतारने को स्वीकार कर लेगा। यह केवल तथाकथित खालिस्तानियों को ही नहीं बल्कि ब्रिटेन को भी संदेश है कि यह मेरा झंडा है, अगर कोई इसका अनादर करेगा तो मैं इसे और भी बड़ा कर दूंगा। तिरंगे का अनादर आज के भारत में स्वीकार नहीं है। बेंगलुरु के एक पार्क में रविवार को फॉरेन पॉलिसी पर क्लास के दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने छात्रों के साथ बातचीत की। विदेश मंत्री ने कहा कि हमने पिछले कुछ दिनों में लंदन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका के सैन फ्रांसिस्को में ऐसी कुछ घटनाएं देखी हैं। एक बहुत छोटा अल्पसंख्यकों का समूह है। इनके हित अलग-अलग हैं। कुछ हित पड़ोसियों के हैं, कुछ हित उन लोगों के हैं जो इसे वीज़ा के लिए और निजी फायदे के लिए इस्तेमाल करने की कोशिश करते हैं। वे इसे अपने फायदे के लिए पेश करने की कोशिश करते हैं।ये कुछ लोग हैं जो स्पष्ट रूप से भारत का भला नहीं चाहते हैं।

यहां मुद्दा यह है कि जब हमने विदेशों में दूतावासों की स्थापना की, जब हमारे राजनयिक अपना कार्य कर रहे थे, तो यह उस देश का दायित्व है ये दूतावासों को पूरी सुरक्षा दें। आख़िरकार, हम इतने सारे विदेशी दूतावासों को सुरक्षा देते हैं। अगर वे सुरक्षा मुहैया नहीं कराते हैं, अगर वे इसे गंभीरता से नहीं लेते हैं, अगर ऐसी घटनाएं होती हैं, तो हम यानि भारत भी प्रतिक्रिया देगा। जयशंकर ने कहा कि पश्चिमी देशों में लंबे समय से दूसरों पर टिप्पणी करने की बुरी आदत रही है। उन्हें लगता है कि उन्हें अन्य देशों के आंतरिक मामलों के बारे में बोलने का भगवान का दिया हुआ अधिकार है। वे संसद सदस्य के रूप में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की अयोग्यता पर जर्मनी और अमेरिका की टिप्पणी पर एक सवाल का जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि आज का भारत वास्तव में एक बदलता हुआ भारत है। तीन करोड़ से अधिक भारतीय या भारतीय मूल के लोग विदेशों में काम कर रहे हैं या पढ़ रहे हैं। यह दर्शाता है कि पूरा विश्व भारत के लिए काम करने का एक स्थान है।

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