नौ लाख रुपए की एवज में फर्ज़ी अभ्यर्थी द्वारा कांस्टेबल की दी गई परीक्षा का हुआ भंडाफोड़

दिल्ली पुलिस के तीन और परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारी हुए गिरफ़्तार

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
दिल्ली की क्राइम ब्रांच के साइबर सेल ने नौ लाख रुपए की एवज में फर्ज़ी अभ्यर्थी द्वारा कांस्टेबल की दी गई परीक्षा का भंडाफोड़ करते हुए दिल्ली पुलिस के तीन कर्मचारियों और परीक्षा केंद्र के तीन कर्मचारियों को गिरफ़्तार किया है।इनकी,पहचान,परवीन(निवासी,रोहतक,हरियाणा),शिखा (समालखा,पानीपत), विशाल कुमार (मुकंदपुर, यूपी),राधे श्याम (देवबंद रोड, सहारनपुर),विकास कुमार (हरिद्वार,उत्तराखंड) और मोहित कुमार बालियान मुजफ्फरनगर,उत्तर प्रदेश के रूप में हुई है। सभी दिल्ली पुलिस कांस्टेबल भर्ती की धोखाधड़ी में शामिल थे। इस संबंध में पिछले साल 419/420/120बी के तहत थाना अपराध शाखा में एफआईआर दर्ज की गयी थी।
पुलिस के अनुसार,साइबर सेल अपराध शाखा में एक शिकायत मिली थी,इसमें,शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया था कि दिल्ली पुलिस पुरुष और महिला (कार्यकारी) 2020 की भर्ती के दौरान एक उम्मीदवार अर्जुन सिंह, निवासी सहारनपुर,उत्तर प्रदेश ने जाली तरीकों से अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है।जांच के दौरान उस कथित उम्मीदवार अर्जुन सिंह से पूछताछ की गई। उसने खुलासा किया कि उसने आईओएन डिजिटल जोन,रूड़की-देहरादून हाइवे, उत्तराखंड में आयोजित परीक्षा प्रतिरूपण की मदद से उत्तीर्ण की थी। कर्मचारी चयन आयोग से सीसीटीवी फुटेज सहित अपेक्षित जानकारी प्राप्त की गई और सीसीटीवी फुटेज का विश्लेषण करने पर पता चला कि अभ्यर्थी अर्जुन सिंह परीक्षा लैब में प्रवेश कर अपनी सीट पर बैठा था और कुछ समय बाद उसने अपनी सीट छोड़ दी। लगभग 10 मिनट बाद एक फर्जी अभ्यर्थी अर्जुन सिंह की सीट पर आकर बैठ गया और उसकी ऑनलाइन परीक्षा पूरी की। पुलिस ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि अर्जुन सिंह की परीक्षा किसी अन्य उम्मीदवार ने दी थी। उसने परीक्षा पास कराने के लिए आईओएन डिजिटल जोन,रूड़की-देहरादून हाईवे,उत्तराखंड के परीक्षा हॉल में एक फर्ज़ी उम्मीदवार भेजा था। इसके लिए उसने 09 लाख रुपये दिया था। इसकी पुष्टि सीसीटीवी फुटेज से भी हुई थी। जांच से यह बात सामने आई है कि प्रवीण कुमार नामक व्यक्ति को फर्ज़ी उम्मीदवार बनाकर भेजा गया था। जांच के दौरान प्रवीण कुमार को गिरफ्तार किया गया। आरोपी प्रवीण कुमार ने खुलासा किया कि लैब स्टाफ की मदद से वह अभ्यार्थी अर्जुन सिंह की परीक्षा में शामिल हुआ था। पूछताछ के दौरान,साज़िश में शामिल सिपाही विशाल और महिला सिपाही शिखा नामक दो अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया। दोनों आरोपियों ने वर्तमान मामले में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि पीएसआई प्रवीण उपरोक्त अर्जुन सिंह की परीक्षा में उपस्थित हुआ था। पूछताछ के दौरान आरोपी सिपाही विशाल ने खुलासा किया कि वह 2018 में दिल्ली पुलिस में भर्ती हुआ था और 2020 में दिल्ली के मंगोलपुरी में एक महिला सिपाही से मिला था। महिला सिपाही ने कहा कि वह पेमेंट के आधार पर किसी भी एग्ज़ाम को पास करा सकती है। विशाल ने खुलासा किया कि साल 2020 में उनके एक दोस्त अर्जुन निवासी गांव- डुहरकी ने उन्हें बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस कांस्टेबल के लिए आवेदन किया है। विशाल को दिल्ली पुलिस में भर्ती करने के लिए महिला सिपाही ने 9 लाख रुपये में बात तय की थी। बाद में महिला सिपाही और उसके सहयोगियों द्वारा प्रवीण (फर्ज़ी उम्मीदवार) को भेजा गया,जो अर्जुन के स्थान पर परीक्षा में उपस्थित हुआ और परीक्षा पास कर ली,परन्तु अर्जुन ने तय राशि का भुगतान नहीं किया। उसके बाद सभी ने अर्जुन के घर जाकर उसके परिवार से पैसों के लिए झगड़ा किया। जांच के दौरान फिर लैब स्टाफ राधेश्याम,विकास कुमार,मोहित कुमार बालियान को भी गिरफ्तार किया गया।

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