हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई फ़र्ज़ी डिग्री लेकर देश का पीएम बने : अरविंद केजरीवाल
सीएम केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली में रखी सरकारी स्कूल की नई इमारत की नींव

देश की किस्मत थी जो मनीष सिसोदिया मिले जिन्होंने सरकारी स्कूल शानदार बनाए।
इन्होंने उनको जेल में डाल दिया, श्रीराम को भी वनवास हुआ था। जब कोई अच्छा काम करता है तो सारी असुरी शक्तियां इकट्ठी हो जाती हैं।हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई फ़र्ज़ी डिग्री लेकर देश का पीएम बने। इसलिए दिल्ली के बच्चों को सबसे अच्छी शिक्षा दे रहे हैं। अरविंद केजरीवाल
पिछले 75 साल में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया गया, मनीष सिसोदिया ने सरकारी स्कूल शानदार बनाए तो उनको जेल में डाल दिया-
– हम नए-नए स्कूल बना रहे हैं और भाजपा वाले एमसीडी का स्कूल तोड़ कर अपना दफ़्तर बना रहे हैं, अगर ये अपना दफ्तर तोड़कर स्कूल बनाते तो इनका नाम इतिहास में होता- अरविंद केजरीवाल*
*- नई बिल्डिंग बनने के बाद यह टेंट वाला स्कूल अमेरिकी यूनिवर्सिटी जैसी बिल्डिंग वाला स्कूल’ के नाम से जाने जाएगा- आतिशी*
*नई दिल्ली (एशियन पत्रिका ब्यूरो)
दिल्ली में शिक्षा क्रांति को आगे बढ़ाने का दावा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूर्वी दिल्ली के विनोद नगर स्थित राजकीय सर्वाेदय कन्या-बाल विद्यालय में नई इमारत की आधारशिला रखते हुए कहा कि बिल्डिंग तैयार होने के बाद यह स्कूल कोलंबिया यूनिवर्सिटी की तरह दिखाई देगा। पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने इस स्कूल की इमारत का प्लान बनाया था। उनके द्वारा शुरू की गई शिक्षा क्रांति को हम मिशन मोड पर यूं ही जारी रखेंगे। उन्होंने कहा कि मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के सरकारी स्कूलों को शानदार बनाया तो उनको जेल में डाल दिया गया। सच्चाई के रास्ते पर चलने वालों की भगवान हमेशा परीक्षा लेते हैं। भगवान मनीष सिसोदिया की भी कड़ी परीक्षा ले रहे है। हमें पूरा यकीन है कि एक दिन मनीष सिसोदिया पूरे अंकों से पास होंगे और इस स्कूल का उद्घाटन करेंगे। सीएम केजरीवाल ने कहा कि हमें अपने बच्चों की शिक्षा पर चाहे जितने पैसे खर्च करने पड़ें, करेंगे और सबको अच्छी से अच्छी शिक्षा देंगे। इन्ही बच्चों में से कोई भविष्य में देश का प्रधानमंत्री बनेगा। हम नहीं चाहते कि भविष्य में कोई अनपढ़ व्यक्ति देश का प्रधानमंत्री बने।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने सर्वाेदय कन्या-बाल विद्यालय में अतिरिक्त कक्षाओं के निर्माण के लिए दीप प्रज्वलित कर शिलान्यास समारोह की शुरूआत की। इस दौरान स्कूल की तरफ से स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया। इसके बाद विद्यार्थियों ने सीएम अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी का नवांकुर भेंट किया। इस अवसर पर विधायक कुलदीप कुमार व रोहित मेहरौलिया, स्थानीय पार्षद, शिक्षा सचिव, क्षेत्रीय शिक्षा निदेशक और छात्रों के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय लोग मौजूद रहे। उल्लेखनीय है कि इस स्कूल में 93 अतिरिक्त कमरे बनाए जाएंगे, जिसके बाद स्कूल की क्षमता दोगुनी की जाएगी। 93 कमरों में से 71 में कक्षाएं चलेंगी और 22 कमरे लैब, लाइब्रेरी, एक्टिविटी, प्रिंसिपल ऑफिस और स्टाफ के लिए इस्तेमाल किए जाएंगे।
*पहले सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल था और अब एक-एक कर सारे सरकारी स्कूल शानदार होते जा रहे हैं- अरविंद केजरीवाल*
इस अवसर पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि आज राजकीय सर्वाेदय कन्या-बाल विद्यालय में अतिरिक्त क्लास रूम की आधारशिला रखी गई है। मैं समझता हूं कि यहां पर पढ़ाई का स्तर पहले से ही अच्छा हो गया है। इस स्कूल में पढ़ाई का स्तर इतना उंचा हो गया है कि अब यहां पर फ्रैंच, जर्मन, स्पैनिश और जैपनिज चार विदेशी भाषाएं पढ़ाई जाती हैं। मैं चुनौती देता हूं कि दिल्ली में कई बड़े-बड़े स्कूल हैं, उनमें भी ये चारों विदेशी भाषाएं नहीं पढ़ाई जाती हैं। दिल्ली के किसी भी प्राइवेट स्कूल में फ्रैंच, जर्मन, स्पैनिश और जैपनिज विदेशी भाषाएं नहीं पढ़ाई जाती हैं, लेकिन ये भाषाएं अब दिल्ली के सरकारी स्कूल में पढ़ाई जाती हैं। पिछले सात-आठ सालों में दिल्ली के सरकारी स्कूलों में इतना बड़ा बदलाव आ गया है। अब इस स्कूल की बिल्डिंग भी सुधर जाएगी। अभी तक हम विदेशी भाषाएं ही पढ़ा रहे थे, अब विदेशों की तरह स्कूलों की बिल्डिंग भी बनाएंगे। कोलंबिया अमेरिका की बहुत बड़ी यूनिवर्सिटी है। नई बिल्डिंग बनने के बाद यह स्कूल कोलंबिया यूनिवर्सिटी जैसा दिखाई देगा। उन्होंने कहा कि आठ नौ साल पहले तक दिल्ली में सरकारी स्कूलों का बहुत बुरा हाल था। आज दिल्ली के अंदर एक-एक कर सारे सरकारी स्कूल शानदार होते जा रहे हैं, बच्चों की पढ़ाई बहुत अच्छी हो गई है और नतीजे अच्छे आ रहे हैं। पहले लोग मजबूरी में अपने बच्चे को सरकारी स्कूल में भेजते थे, लेकिन अब प्राइवेट स्कूल से भी लोग अपने बच्चों का नाम कटवाकर हमारे सरकारी स्कूलों में भर्ती करा रहे हैं। यह बहुत ही गर्व की बात है। दिल्ली के सरकारी स्कूलों में बहुत बड़ी शिक्षा की क्रांति आई है। 1947 में जब हमारा देश आज़ाद हुआ था, तब प्राइवेट स्कूल ज़्यादा नहीं होते थे। तब सरकारी स्कूल ही होते थे। उस समय जितने आईएएस, आईपीएस बनते थे, वो भी सरकारी स्कूल से ही पढ़े होते थे। जितने बड़े-बड़े वैज्ञानिक बनते थे, वो भी सरकारी स्कूल से ही पढ़े होते थे। जितने अरबपति बनते थे, उनमें से कई सरकारी स्कूलों से पढ़े होते थे। मैं समझता हूं कि आज़ादी के बाद षड्यंत्र के तहत बड़ी तेज़ी के साथ सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया गया और पूरे देश में बहुत बड़े स्तर पर प्राइवेट स्कूल बनते गए। 1990 और 2000 के दशक में देश भर में सरकारी स्कूलों का बेड़ा गर्क कर दिया और प्राइवेट स्कूल बहुत शानदार हो गए। इसके बाद प्राइवेट स्कूलों ने लूट मचा दी। जब मर्जी फीस बढ़ा देते थे। मैं ये नहीं कह रहा हूं कि सारे प्राइवेट स्कूल खराब हैं, लेकिन कई स्कूलों ने लूट मचा रखी थी। ऐसा माहौल हो गया कि गरीबों के बच्चे सरकारी स्कूल में जाएंगे। सरकारी स्कूलों में पढ़ाई नहीं होती है। बड़ा होने के बाद उसका कोई भविष्य नहीं बन पाता है और वो अपने मां-बाप की तरह छोटा-मोटा काम करके वो भी गरीब रह जाएगा। वहीं, जिसके पास पैसा है, उसका बच्चा प्राइवेट स्कूल में जाएगा और बड़ा होकर डॉक्टर-इंजीनियर बनेगा। यानि कि ग़रीब का बच्चा ग़रीब बनेगा और अमीर का बच्चा अमीर बनेगा। हम लोगों ने इस माहौल को बदला है।
अब सरकारी स्कूलों के बच्चे भी बड़े-बड़े सपने देखने लगे हैं। सरकारी स्कूलों के बच्चे भी डॉक्टर, इंजीनियर, वकील, आईएएस, आईपीएस बनने लगे हैं। मैं आईआईटी से पढ़ा हुआ हूं। आईआईटी देश का सबसे बड़ा इंजीनियरिंग स्कूल है। आईआईटी में एडमिशन लेना बड़ा मुश्किल काम होता है। अब दिल्ली के सरकारी स्कूलों के बच्चे आईआईटी में जा रहे हैं। मुझे बहुत अच्छा लगता है कि जिस कॉलेज से मैं पढ़ा, उसमें अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे जा रहे हैं। ऑल इंडिया मेडिकल कॉलेज देश का सबसे बड़ा कॉलेज हैं। अब हमारे सरकारी स्कूलों के बच्चे ऑल इंडिया मेडिकल में एडमिशन ले रहे हैं। दिल्ली के सरकारी स्कूलों की शिक्षा में बहुत बड़ी क्रांति आई है। दिल्ली में यह जो क्रांति आई है, इस क्रांति के पीछे एक ही व्यक्ति मनीष सिसोदिया हैं। देश की किस्मत थी कि मनीष सिसोदिया जैसा शख्स आया और उसने दिल्ली के अंदर यह शिक्षा क्रांति करके दिखाई। आज दिल्ली को देखकर पूरे देश के बच्चे सपने देखने लगे हैं।
मनीष सिसोदिया ने दिल्ली के अंदर शिक्षा क्रांति लाकर दिखाई लेकिन इन्होंने स्कूलों को ठीक करने वाले को भी जेल में डाल दिया। स्कूलों को ठीक करने और गरीबों के बच्चों को पढ़ाने वालों को कौन जेल में डालता है? उन्होंने कहा कि सच्चाई का रास्ता बहुत मुश्किल है। सच्चाई के रास्ते में बहुत कांटे हैं। अगर आम आदमी पार्टी वाले भी पैसे खाने शुरू कर देते, गलत काम करने शुरू कर देते और थोड़े पैसे इनको भी पहुंचा देते तो ये भी खुश रहते। फिर इनका भी पेट भरा रहता और मनीष सिसोदिया को जेल में नहीं डालते। इन्होंने भगवान राम को नहीं छोड़ा और उनको 14 वर्ष के लिए वनवास भेज दिया। इतिहास गवाह है कि जितने भी महापुरुष हुए, असुरी शक्तियों ने किसी को नहीं छोड़ा। जब आप सच्चाई के रास्ते पर चलते हैं तो बहुत कठिनाइयां आती हैं। सारी असुरी और भ्रष्टाचारी शक्तियां इकट्ठी हो जाती हैं और उस आदमी के पीछे पड़ जाती हैं कि इसको रोको। ये बच्चों को कैसे पढ़ा रहा है। बच्चे पढ़-लिख गए तो बड़ी दिक्कत हो जाएगी। जो लोग इस देश की तरक्की नहीं चाहते और गरीबों के बच्चों को पढ़ा-लिखा नहीं देखना चाहते हैं वो सारे इकट्ठे हो गए और मनीष सिसोदिया को पकड़ कर जेल में डाल दिया। भगवान मनीष जी की भी परीक्षा ले रहे हैं। मुझे पूरा यकीन है कि हमारे बच्चे जैसे अच्छे नंबर से परीक्षा में पास होते हैं, वैसे ही मनीष सिसोदिया भी अच्छे नंबरों से पास होंगे और भगवान उनसे संतुष्ट होंगे।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि इस स्कूल की आधारशिला मैं और आतिशी जी रख रहे हैं और यह फरवरी 2024 तक बनकर तैयार हो जाएगा। इसके बाद इसका उद्घाटन मैं और मनीष सिसोदिया करेंगे। उन्होंने बताया कि स्कूल में लिफ्ट भी लगेगी। किसी प्राइवेट स्कूल में लिफ्ट नहीं है। मीडिया से बात करते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मनीष सिसोदिया पर झूठा केस लगाया गया है। झूठ के पैर नहीं होते हैं। कभी ऐसा लग सकता है कि झूठ जीत गया लेकिन अंत में सच्चाई की ही जीत होती है। एमसीडी के स्कूल को तोड़े जाने पर सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि एक तरफ हम लोग जगह-जगह नए स्कूल बना रहे हैं और वो लोग स्कूलों को तोड़कर भाजपा का दफ्तर बना रहे हैं, यह बड़े दुख की बात है। अगर भाजपा के दफ्तर को तोड़कर स्कूल बनाएं तो शायद इनका नाम इतिहास में लिखा जाए।
वहीं, शिलान्यास समारोह में शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि कुछ दिन पहले जब मैं निरीक्षण के लिए यहां आई तो शिक्षा विभाग और पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने मुझे यहां बनने वाले नए स्कूल की ड्राइंग दिखाई। स्कूल की ड्राइंग को देख कर ऐसा लग रहा था कि मानो यह अमेरिका के किसी टॉप यूनिवर्सिटी की बिल्डिंग हो। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे सर्वश्रेष्ठ शिक्षा के हक़दार हैं और उन्हें विश्व स्तरीय शैक्षणिक सुविधाएं प्रदान करने के लिए हम इस शानदार स्कूल का निर्माण करा रहे हैं। मुझे खुशी है कि इस क्षेत्र के लगभग 5000 बच्चों को एक शानदार सरकारी स्कूल बिल्डिंग मिलने जा रही है। कभी इस स्कूल को लोग ‘टेंट वाला स्कूल’ कहते थे लेकिन नई बिल्डिंग बनने के बाद लोग इसे ‘अमेरिकी यूनिवर्सिटी जैसी बिल्डिंग वाला स्कूल’ के नाम से जानेंगे और यहां पढ़ने वाला या इसमें पहले पढ़ चुका हर छात्र इस पर गर्व करेगा। कार्यक्रम के दौरान लोगों ने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया जिंदाबाद के नारे भी लगाए। जैसे ही सीएम अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री आतिशी ने पूर्व शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया द्वारा सरकारी स्कूलों की शिक्षा में क्रांतिकारी परिवर्तन लाने के योगदान का जिक्र किया, कार्यक्रम में मौजूद लोगों ने मनीष सिसोदिया जिंदाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिया और कुछ देर के लिए पूरा माहौल भावपूर्ण हो गया।