बीएमसी के घोटालाबाज़ अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा : आदित्य ठाकरे

मुंबई (एप ब्यूरो)
शिवसेना (यूबीटी) के नेता आदित्य ठाकरे ने शनिवार को कहा है कि बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) में कई घोटाले हो रहे हैं तथा जब उनकी पार्टी महाराष्ट्र में सत्ता में आयेगी तब वह इनमें शामिल बीएमसी अधिकारियों को जेल भेजेगी। दक्षिण मुंबई में महानगर पालिका मुख्यालय के बाहर एक रैली को संबोधित करते हुए आदित्य ठाकरे ने नगर निकाय की पक्की सड़क बनाने,बजरी,फर्नीचर एवं सैनेटरी पैड की खरीद में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया। पूर्व मंत्री आदित्य ठाकरे ने कहा कि इस महानगर को लूटा जा रहा है क्योंकि एकनाथ शिंदे सरकार पिछले एक साल से बस घोटालों में लगी है।
ज्ञात रहे कि शिंदे सरकार पिछले साल जून में बनी थी। बीएमसी में 2022 के प्रारंभ में चुनाव होना था लेकिन नहीं हुआ और अब वह प्रशासक के अधीन है। आदित्य ठाकरे ने कहा कि वह महानगर पालिका में कथित अनियमितताओं की लोकायुक्त जांच की मांग करने के लिए राज्यपाल रमेश बैस से मिलेंगे। शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की गठबंधन सरकार की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि’मुंबई में काम नहीं हो रहा है। कभी ऐसी गंदी राजनीति नहीं देखी,पार्टियों से लोगों को तोड़ना। भ्रष्टाचार में कथित रूप से शामिल बीएमसी अधिकारियों को चेतावनी देते हुए उन्होंने कहा कि आपकी फाइल तैयार है। जिस दिन हम सरकार बनायेंगे,उसी दिन हम और पुलिस आपको आपकी जगह दिखा देगी। मुंबई को मत लूटिए। यह हमारा शहर है।
पूर्व पर्यावरण मंत्री ठाकरे ने शिवसेना-भाजपा को चुनाव में उनकी पार्टी का मुकाबला करने की चुनौती दी। बीएमसी प्रमुख आई एस चहल पर निशाना साधते हुए ठाकरे ने कहा कि’ फिलहाल समितियां, पार्षद, अध्यक्ष और महापौर नहीं हैं। प्रशासक को जब सरकार बुलाती है तो त्वरित कार्रवाई करते हैं लेकिन उन्हें लोगों की फ़िक्र नहीं है। चहल फिलहाल राज्य सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक के रूप में बीएमसी की अगुवाई कर रहे हैं। ठाकरे ने दावा किया कि बिल्डरों और ठेकेदारों का राज्य बीएमसी द्वारा खूब आवभगत की जा रही है। उन्होंने नासिक,नागपुर और ठाणे में नगर निकायों के कामकाज की जांच की भी मांग की। विधायक सुनील प्रभु ने कहा कि बीएमसी में भ्रष्टाचार के ख़िलाफ़ ‘जनाक्रोश’है। बीएमसी पर 1997-2022 तक अविभाजित शिवसेना का नियंत्रण था। उसकी आमसभा का कार्यकाल मार्च, 2022 में समाप्त हो गया। चूंकि नया चुनाव नहीं हुआ,इसलिए बीएमसी पर अब मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र सरकार द्वारा नियुक्त प्रशासक का नियंत्रण है।