नीति आयोग की बैठक में मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल,भगवंत मान और चन्द्रशेखर राव शामिल नहीं होंगे

तीनों मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने के विरोध में यह फैसला किया है।

नई दिल्ली (संवाददाता)
देश के प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में शनिवार को होने वाली नीति आयोग की बैठक में तीन राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने आने से इंकार कर दिया है। इनमें दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल, पंजाब के सीएम भगवंत मान और तेलंगाना के सीएम के चंद्रशेखर राव शामिल हैं। तीनों मुख्यमंत्रियों ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के मामले में केंद्र सरकार के अध्यादेश लाने के विरोध में यह फैसला किया है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने प्रधानमंत्री को चिट्‌ठी लिखकर इसकी जानकारी दी है। उन्होंने लिखा है कि केंद्र के अध्यादेश का पूरा देश विरोध कर रहा है। लोग पूछ रहे हैं कि अगर प्रधानमंत्री जी सुप्रीम कोर्ट को भी नहीं मानते तो हम न्याय के लिए फिर कहां जाएंगे। जब खुलेआम संविधान का मज़ाक बनाया जा रहा हो तो मीटिंग में शामिल होने का कोई मतलब नहीं रह जाता। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को आदेश दिया था कि दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग के अधिकार दिल्ली सरकार के पास रहेंगे। इसके बाद केंद्र सरकार 20 मई को एक अध्यादेश लाई और ये अधिकार उपराज्यपाल को दे दिए। केजरीवाल इसी अध्यादेश का विरोध कर रहे है। ज्ञात रहे कि पीएम नरेंद्र मोदी 27 मई को नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की 8वीं मीटिंग की अध्यक्षता करेंगे। इस मीटिंग में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के सीएम और उपराज्यपालों को बुलाया गया है। केजरीवाल ने लेटर में लिखा कि 8 साल की लड़ाई के बाद दिल्ली वालों ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई जीती। इसके बाद सिर्फ 8 दिन में आपने अध्यादेश लाकर सुप्रीम कोर्ट का आदेश पलट दिया। आज अगर दिल्ली सरकार का कोई अधिकारी काम न करे तो लोगों द्वारा चुनी गई दिल्ली सरकार उन पर कोई कार्रवाई नहीं कर सकती। उन्होंने पूछा कि इस तरह सरकार कैसे काम कर पाएगी। ये तो दिल्ली सरकार को बिल्कुल कमज़ोर बनाया जा रहा है। क्या यही देश का विजन है। क्या यही सहकारी संघवाद है। अरविंद केजरीवाल केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ विपक्षी नेताओं का समर्थन जुटा रहे हैं। 21 मई को उनसे खुद बिहार के सीएम नीतीश कुमार मिले थे और उन्होंने उनका समर्थन किया था। उसके बाद केजरीवाल 23 मई को ममता बनर्जी से मिले थे। 24 और 25 मई को वे मुंबई में थे और उद्धव ठाकरे और शरद पवार से मिले। 27 मई को वे तेलंगाना के सीएम केसीआर से मिलेंगे। अरविंद केजरीवाल ने नीतीश से मुलाकात के बाद कहा था कि अगर केंद्र सरकार इस अध्यादेश को कानून बनाने के लिए बिल लाती है तो विपक्ष के लोग इसका विरोध करें।

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