अब दो हज़ार के नोट को चलन से वापस लेने का हुआ फ़ैसला
इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय है

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)
देश भर में अपने चलन के समय से ही विवादों में रहे दो हज़ार के नोट को अब चलन से बाहर करते हुए वापस लेने का फ़ैसला किया गया है।
भारतीय रिज़र्व बैंक ने 2000 के नोट को सर्कुलेशन से वापस लेने का फ़ैसला सुनाया है। ज्ञात रहे कि दो हज़ार का नोट नवंबर 2016 में मार्केट में आया था। तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 के पुराने नोट बंद कर दिए थे। इसकी जगह नए पैटर्न में 500 का नया नोट और 2000 का नोट जारी किया गया था। आरबीआई साल 2018-19 से 2000 के नोटों की छपाई बंद कर चुका है। आरबीआई ने फिलहाल 30 सितंबर तक 2000 के नोट बैंकों में बदलने या अकाउंट में जमा करने को कहा है, लेकिन यह भी कहा है कि यह इसके बाद भी लीगल रहेगा। ऐसा सिर्फ़ लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए है, ताकि वे यह नोट बैंकों को वापस करें। एक बार में अधिकतम बीस हजार रुपए कीमत के नोट ही बदले जाएंगे, लेकिन अकाउंट में इन नोटों को जमा करने पर लिमिट नहीं होगी। अब बैंक 2000 के नोट इश्यू नहीं करेंगे। 8 नवंबर 2016 को नोटबंदी हुई थी, उसके बाद आरबीआई ने 2000 का नोट जारी किया था।
आरबीआई ने अपने सर्कुलर में लिखा है कि वो 2000 के नोट को सर्कुलेशन से बाहर कर रहा है। इसकी कोई तारीख़ या समय नहीं दिया है। यानी ये फैसला तत्काल प्रभाव से लागू हो गया है। बैंक में जाकर इन नोटों को बदला जा सकता है। इसके लिए 30 सिंतबर 2023 तक का समय है। नोट बदलने में कोई परेशानी न हो इसलिए बैंकों को भी इसके बारे में जानकारी दी गई है। लेन-देन के लिए ₹2000 के नोटों का इस्तेमाल जारी रख सकते हैं और उन्हें पेमेंट के रूप में रिसीव भी कर सकते हैं। हालांकि, आरबीआई ने 30 सितंबर 2023 को या उससे पहले इन बैंक नोटों को जमा करने या बदलने की सलाह दी है। बिना अकाउंट के भी किसी भी बैंक शाखा में एक बार में ₹20,000/- की सीमा तक ₹2000 के नोट बदलवा यानि दूसरे डिनॉमिनेशन में एक्सचेंज करवा सकते हैं। वहीं अगर आपका अकाउंट है तो आप कितने भी 2000 के नोट जमा कर सकते हैं।
कहा जा रहा है कि सरकार ने इसे अभी चलन में भले ही बनाकर रखा है, लेकिन व्यापारी और आम लोग इससे लेनदेन करने में कतरा सकते हैं। ऐसे में बेहतर होगा कि इन्हें बैंक से ही बदल लें। क्लीन नोट पॉलिसी’ के तहत रिजर्व बैंक ने यह फैसला किया है। ‘क्लीन नोट पॉलिसी में लोगों से गुजारिश की गई है कि वह करेंसी नोट्स पर कुछ भी न लिखें, क्योंकि ऐसा करने से उनका रंग-रूप बिगड़ जाता है और लाइफ भी कम हो जाती है। लोगों को लेन-देन में अच्छी क्वालिटी के बैंक नोट मिलें, इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए क्लीन नोट पॉलिसी लागू की गई है। जिसके भी पास 2 हज़ार का नोट है उसे बैंक में जाकर बदलना होगा। 2016 की नोटबंदी में जब 500 और 1000 को नोट बंद किए गए थे तो उसे बदलने के लिए लंबी लाइनें लग गई थी। इस कारण लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ी थी। इस बार वैसी स्थिति तो नहीं बनेगी, लेकिन थोड़ी बहुत परेशानी उठानी पड़ सकती है। 2016 में बंद किए गए 500 और 1000 के नोट की कमी को पूरा करने के लिए 2000 के नोट छापे गए थे। जब पर्याप्त मात्रा में दूसरे डिनॉमिनेशन के नोट उपलब्ध हो गए तो 2018-19 में 2000 के नोटों की छपाई बंद कर दी गई। यह फैसला सभी के लिए लागू है। हर व्यक्ति को जिसके पास 2000 के नोट हैं, उसे उन्हें 30 सितंबर तक बैंक की किसी भी ब्रांच में डिपॉजिट करने या दूसरे नोटों से बदलना होगा।