क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2025: भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में डीयू ने पाया पहला स्थान

भारत के शीर्ष 10 संस्थानों में डीयू ने किया सर्वाधिक 79 रैंक का सुधार: कुलपति प्रो. योगेश सिंह  

नई दिल्ली, 06 जून।क्यू एस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2025 में दिल्ली विश्वविद्यालय ने भारत के केंद्रीय विश्वविद्यालयों में पहला स्थान प्राप्त किया है। इसके साथ ही देश भर के अन्य संस्थानों की सूची में पिछले वर्ष के 9वें स्थान के मुक़ाबले डीयू इस बार 7वें स्थान पर पहुंचा है। दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि भारत के शीर्ष 10 संस्थानों में दिल्ली विश्वविद्यालय ने 79 रैंक ऊपर उठकर सबसे अधिक प्रगति की है। इस उपलब्धि के लिए कुलपति ने सम्पूर्ण दिल्ली विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी। उन्होंने कहा विश्वविद्यालय के संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों के अकादमिक वातावरण एवं राष्ट्र निर्माण में अहम योगदान की बदौलत डीयू निरंतर आगे बढ़ रहा है।

कुलपति ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग-2025 में वैश्विक स्तर पर 328वां स्थान प्राप्त किया है जोकि पिछले वर्ष की रैंकिंग में 407वें स्थान से काफी बेहतर है। उन्होंने बताया कि क्यूएस वर्ल्ड यूनिवर्सिटी रैंकिंग में इस बार दिल्ली विश्वविद्यालय ने शीर्ष 22% में अपना स्थान बनाया है। इम्प्लॉयमेंट आउटकम्स एवं सस्टेनेबिलिटी में भारत के संस्थानों में दिल्ली विश्वविद्यालय पहले स्थान पर रहा है। इनके अलावा इंटरनेशनल रिसर्च नेटवर्क में तीसरा, अकादमिक रेप्युटेशन में पाँचवाँ तथा एम्प्लॉयर रेप्युटेशन में डीयू को आठवाँ स्थान मिला। कुलपति ने बताया कि वैश्विक स्तर पर नौ संकेतकों में से चार संकेतकों में दिल्ली विश्वविद्यालय को 270 संस्थानों में शामिल किया गया है। इनमें इम्प्लॉयमेंट आउटकम्स में 44वां, सस्टेनेबिलिटी में 220वां, अकादमिक रेप्युटेशन में 225वां और एम्प्लॉयर रेप्युटेशन में 269वां स्थान मिला है।

प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय ने इस बार नौ प्रदर्शन संकेतकों में से पिछले साल के मुक़ाबले पाँच में सुधार किया है। इनमें से एक है सस्टेनेबिल्टी संकेतक जिसके तहत शिक्षा और अनुसंधान के केंद्र के रूप में विश्वविद्यालयों के सामाजिक और पर्यावरणीय प्रभाव का मूल्यांकन किया जाता है। दूसरा है अकादमिक रेप्युटेशन संकेतक जिसे वैश्विक शिक्षाविदों की धारणाओं का मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि कौन से संस्थान अकादमिक उत्कृष्टता का प्रदर्शन कर रहे हैं। तीसरा संकेतक है एम्प्लॉयर रेप्युटेशन जो वैश्विक नियोक्ताओं की धारणाओं का मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है कि कौन से संस्थान सबसे अधिक नौकरी के लिए तैयार स्नातक प्रदान कर रहे हैं। चौथा संकेतक है अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान नेटवर्क जो किसी संस्थान की अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान साझेदारी की समृद्धि और विविधता का आकलन करता है। पाँचवाँ संकेतक है साइटेशन्स पर फ़ैकल्टि जो प्रति संकाय सदस्य द्वारा प्राप्त साइटेशन्स की औसत संख्या को मापता है और विश्वविद्यालयों द्वारा उत्पादित वैज्ञानिक कार्य के प्रभाव और गुणवत्ता का अनुमान है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *