यूपी में पत्रकार को मंत्री से सवाल पूछना पड़ा भारी,हुई गिरफ्तारी
पत्रकार की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया और पत्रकारों के संगठनों में रोष

दिल्ली में डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब ने जताया रोष और इसे मीडिया पर शिकंजा कसना करार दिया।
संभल (उत्तर प्रदेश)(संवाददाता)
उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले के एक गांव में यूपी की मंत्री से सवाल पूछने वाले एक पत्रकार की गिरफ्तारी पर सोशल मीडिया और पत्रकारों के संगठनों में रोष व्याप्त है। डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब ने इस पर रोष व्यक्त करते हुए इसे मीडिया पर घातक प्रहार बताया है। और सवाल खड़े किए हैं कि क्या मंत्री से सवाल पूछना गुनाह है? पत्रकार को हथकड़ी और रस्सी से बांध कर गिरफ्तार करना सरासर ग़लत है। क्योंकि क्या वह कोई गुंडा, बलात्कारी है कि उसके साथ इस तरह पेश आया जा रहा है-? ये पूरी तरह लोकतंत्र पर और लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ पर हमला है। डेमोक्रेटिक प्रेस क्लब के पदाधिकारियों फ़रीद चुग़ताई,सईद अहमद, जावेद रहमानी, इमरान कलीम, इक़बाल अहमद, विजय वर्मा, अनवार अहमद नूर और प्रवीण कुमार आदि ने इस प्रकरण पर गहरी चिंता जताई है।
दरअसल, यह मामला यूपी के संभल का 11 मार्च का बताया जाता है। ज़िले के एक गांव में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र) गुलाब देवी पहुँची थीं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकार संजय राणा ने माइक पकड़े हुए सवाल पूछ लिया कि ‘बुद्धनगर में एक भी बारातघर नहीं है। न ही यहां पर सरकारी शौचालय है। पत्रकार ने पूछा कि आपने कहा था कि मंदिर से लेकर इस रोड को पक्का कराऊंगी। अभी तक ये रास्ता ऐसा है कि बाइक क्या, पैदल वाले लोग भी परेशान हैं। आपने कहा था कि देवी मां के मंदिर की बाउंड्री कराऊंगी, आपने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की। गांववालों ने बहुत प्रेशर दिया, आपके कार्यालय भी गए, पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आप इसके बारे में क्या कहेंगी?’इस सवाल पर मंत्री के बोलने से पहले उनकी ओर से एक महिला बोल उठती हैं। वह महिला पत्रकार से कहती हैं कि आपने कोई समस्या नहीं बताई। गांव वाले भी पत्रकार की बातों से सहमति जताते हैं कि गांव में ये समस्याएँ हैं और इस पर कोई काम नहीं हुआ है। पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए गुलाब देवी ने कहा, ‘ये सब बातें जो आपने कही हैं। सही हैं, लेकिन अभी समय बाकी है। यह मत भूलिए कि कुंदनपुर गांव और बुद्धनगर खंडवा मेरी ज़िम्मेदारी हैं। ये सारे जो मैंने वादे किये हैं वे सब पूरे किए जाएँगे।’ लेकिन इस कार्यक्रम के बाद पत्रकार संजय राणा पर एफ़आईआर हो जाती है।स्थानीय बीजेपी नेता ने मंत्री के कार्यक्रम के दौरान सरकारी काम में हस्तक्षेप और शांति भंग करने का मामला पुलिस में दर्ज कराया। शिकायत के बाद पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था। पत्रकार को अदालत में पेश किए जाने के बाद अब उसे ज़मानत मिल गई है। लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया पर जो वीडियो आए उन पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दीं हैं। साथ ही मीडिया संगठनों ने इसे प्रेस पर हमला बताया है।
दरअसल, यह मामला यूपी के संभल का 11 मार्च का बताया जा रहा है। ज़िले के एक गांव में माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र) गुलाब देवी पहुँची थीं। सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में देखा जा सकता है कि कार्यक्रम में स्थानीय पत्रकार संजय राणा ने माइक पकड़े हुए सवाल पूछ लिया, ‘बुद्धनगर में एक भी बारातघर नहीं है। न ही यहां पर सरकारी शौचालय है। आपने कहा था कि मंदिर से लेकर इस रोड को पक्का कराऊंगी। अभी तक ये रास्ता ऐसा है कि बाइक क्या, पैदल वाले लोग भी परेशान हैं। आपने कहा था कि देवी मां के मंदिर की बाउंड्री कराऊंगी, आपने अभी तक कोई सुनवाई नहीं की। गांववालों ने बहुत प्रेशर दिया, आपके कार्यालय भी गए, पर उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई। आप इसके बारे में क्या कहेंगी?’इस सवाल पर मंत्री के बोलने से पहले उनकी ओर से एक महिला बोल उठती हैं। वह महिला पत्रकार से कहती हैं कि आपने कोई समस्या नहीं बताई। गांव वाले भी पत्रकार की बातों से सहमति जताते हैं कि गांव में ये समस्याएँ हैं और इस पर कोई काम नहीं हुआ है। पत्रकार के सवालों का जवाब देते हुए गुलाब देवी ने कहा, ‘ये सब बातें जो आपने कही हैं। सही हैं, लेकिन अभी समय बाकी है। यह मत भूलिए कि कुंदनपुर गांव और बुद्धनगर खंडवा मेरी जिम्मेदारी हैं। ये सारे जो मैंने वादे किये हैं वे सब पूरे किए जाएँगे।’ लेकिन इस कार्यक्रम के बाद पत्रकार संजय राणा पर एफ़आईआर हो जाती है।स्थानीय बीजेपी नेता ने मंत्री के कार्यक्रम के दौरान सरकारी काम में हस्तक्षेप और शांति भंग करने का मामला पुलिस में दर्ज कराया। शिकायत के बाद पुलिस ने पत्रकार को गिरफ्तार कर लिया था। पत्रकार को अदालत में पेश किए जाने के बाद मंगलवार को जमानत दे दी गई। लेकिन इस दौरान सोशल मीडिया पर जो वीडियो आए उन पर लोगों ने तीखी प्रतिक्रियाएँ दीं हैं।
इस मामले में शुभम राघव नाम के एक बीजेपी कार्यकर्ता की शिकायत पर संजय राणा के ख़िलाफ़ आईपीसी की धाराओं में एफ़आईआर दर्ज की गई। बीजेपी युवा मोर्चा के ज़िला महामंत्री शुभम राघव ने कहा है कि संजय राणा ने मंत्री गुलाब देवी के कार्यक्रम में हंगामा किया था। जब मैंने उसे समझाया तो मेरे साथ अभद्रता की। उसके साथ तीन-चार शराबी और थे, जिन्होंने मेरे साथ मारपीट की। मुझे थप्पड़ मारा गया।’ राघव ने आरोप लगाया कि ‘संजय राणा पत्रकार नहीं है, बल्कि ऐसे ही हाथ में माइक लेकर घूमता रहता है और स्थानीय ग्राम प्रधानों और ग्राम विकास सचिवों को विकास न करने के नाम पर ब्लैकमेल करता रहता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हालाँकि पुलिस भी संजय राणा को पत्रकार नहीं मान रही है। पुलिस के मुताबिक संजय राणा ज़िले के सूचना विभाग के साथ पंजीकृत नहीं है। लेकिन एक अन्य पत्रकार ने बताया है कि संजय राणा एक लोकल यूट्यूब चैनल के लिए काम करते हैं और वे पिछले छह महीनों से रिपोर्टिंग कर रहे हैं।