दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने तोड़ा 45 साल का रिकॉर्ड

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में यमुना के बढ़ते जलस्तर ने 45 साल का रिकॉर्ड तोड़ दिया है और जलस्तर 208.62 मीटर तक पहुंच गया। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद यहाँ के सभी स्कूलों-कॉलेजों और विश्विद्यालयों के साथ दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों को रविवार तक के लिए बंद करने का आदेश दिया है।
उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना की अध्यक्षता में डीडीएमए की बैठक में यमुना में बढ़ते जल स्तर को लेकर कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने निर्णयों की जानकारी देते हुए बताया कि यमुना का जल स्तर अभी बढ़ने की संभावना है इसलिए आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली सरकार के सभी कार्यालयों को रविवार तक बंद करने का आदेश दिया गया है। सभी कर्मचारी रविवार तक घर से ही काम करेंगे। प्राइवेट संस्थानों को भी एडवाइजरी जारी कर अधिक से अधिक वर्क फ्राम होम करने की अपील की जा रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि वजीराबाद, चंद्रावल और ओखला वाटर ट्रीटमेंट प्लांट को बंद करना पड़ा है। इससे 25 फीसद पानी का प्रोडक्शन कम हो गया है। दिल्ली सरकार पानी की राशनिंग कर रही है। यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ने की वजह से नदी के आसपास की सड़कों पर पानी आ गया है। यमुना का जल स्तर लगातार बढ़ रहा है। बढ़ते हुए जल स्तर के कारण,जिन आबादी वाले इलाक़ों में पानी भरा है,वहाँ से लोगों को हटाया जा रहा है। क्योंकि लोगों की जान बचाना सबसे ज़रूरी है। सभी दिल्ली वालों से अपील की गई है कि इस आपातकाल स्थिति में एक दूसरे का हर संभव सहयोग करें।
ज्ञात रहे कि यमुना का जलस्तर ख़तरे के निशान से इस समय तीन मीटर ऊपर है। जिससे मजनू का टीला, चंदगीराम अखाड़े,कश्मीरी गेट,यमुना बाजार,निगम बोध घाट,गीता कालोनी श्मशान घाट,लालकिले की पीछे के क्षेत्र,राजघाट,आईटीओ और मयूर बिहार के इलाके में पानी भर गया है। राष्ट्रीय आपदा मोचक बल के कर्मचारी जगह जगह मिट्टी से भरी बोरियां लगा रहे हैं ताकि पानी ज्यादा आगे न आ सके। लेकिन यमुना में जलस्तर बढ़ता जा रहा है और दिल्ली में बाढ़ की सी स्थिति बन रही है। दिल्ली में यमुना का ख़तरनाक स्तर 205.33 मीटर है जबकि इस वक्त दिल्ली में यमुना का जल स्तर ख़तरे के निशान से तीन मीटर से ऊपर पहुंच गया है। इससे पहले 1978 में यमुना का अधिकतम जल स्तर 207.49 मीटर पहुंचा था, उस समय दिल्ली में बाढ़ आई थी। दिल्ली का 45 साल पुराना रिकॉर्ड टूट गया है और यमुना का जल स्तर इससे भी आगे पहुंच चुका है।