वर्ल्ड मुस्लिम लीग प्रमुख अल-ईसा ने कहा कि भारत सह-अस्तित्व का बेहतरीन मॉडल है
दुनिया को दे सकता है शांति का संदेश

नई दिल्ली (एप न्यूज़ ब्यूरो)
सऊदी अरब के पूर्व न्याय मंत्री अल-ईसा ने राजधानी दिल्ली में कहा है कि भारत अपनी विविधता के साथ ‘सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन मॉडल है और यह देश दुनिया को शांति का संदेश दे सकता है। उन्होंने कहा कि हमने भारतीय समाज के विभिन्न घटकों के बारे में बात की है और हम पहले उनसे बातचीत करते रहे हैं और मैं जानता हूं कि मुस्लिम भारतीय समाज के हैं, जैसा कि मैंने कहा,उन्हें अपने संविधान पर गर्व है,अपने राष्ट्र पर गर्व है और उन्हें भाईचारे पर गर्व है,जिसे वह बाकी समाज के घटकों के साथ साझा करते हैं।
ज्ञात रहे कि अल-ईसा अभी मुस्लिम वर्ल्ड लीग (एमडब्ल्यूएल) के महासचिव हैं,यह सऊदी स्थित एक संगठन है और विश्वभर में मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व करता है,वह खुसरो फाउंडेशन द्वारा आयोजित राष्ट्रीय राजधानी के भारतीय इस्लामिक सांस्कृतिक केंद्र में हुए एक कार्यक्रम के संबोधन में उन्होंने अपने विचार व्यक्त किए हैं। वह भारत में 5 दिन की यात्रा पर आए हैं जो कि 10 जुलाई से शुरू हुई है। अल-ईसा ने भारतीय ज्ञान की सराहना करते हुए कहा कि “हम साझा उद्देश्यों के लिए विभिन्न घटकों और विविधता से जुड़ते हैं,हम हमने भारतीय ज्ञान के बारे में बहुत सुना है और हम जानते है कि इसने मानवता के लिए बहुत योगदान दिया है। दौरे पर आए सऊदी प्रतिनिधि ने कहा कि उनका संगठन दुनियाभर में धार्मिक जागरूकता को बढ़ावा देने पर काम कर रहा है,हम जानते हैं कि यहां सह-अस्तित्व बहुत अहम है,हम पूरी दुनिया में स्थिरता और सौहार्द को बढ़ाने के लिए भी काम करते हैं। हम भारत को इसकी सारी विविधता के घटक के साथ जानते हैं,यह सह-अस्तित्व का एक बेहतरीन मॉडल है सिर्फ शब्दों में नहीं, ज़मीन पर भी।”अल-ईसा ने कहा कि “दुनिया में यह निराशावादी सिद्धांत है,जो कि कहता है कि सभ्यताओं में संघर्ष रोका नहीं जा सकता और इस लिहाज से टकराव दो कारकों पर आधारित है,धर्म भी हैं और सभ्यताएं भी हैं,लिहाजा,संयुक्त राष्ट्र ऐसे सिद्धांतों से वाक़िफ रहा है,जिस वजह से उसने एक संगठन बनाया,संयुक्त राष्ट्र के भीतर एक अंग,जिसे सभ्यताओं का गठबंधन या गठजोड़ कहा जाता है।” उन्होंने कहा कि मुस्लिम वर्ल्ड लीग ने संयुक्त राष्ट्र और उसके नेतृत्व के सहयोग से एक पहल शुरू की, यह संयुक्त राष्ट्र के प्लेटफॉर्म से शुरू की गई,जिसका शीर्षक है,“पूर्व और पश्चिम के बीच पुल का निर्माण करना, उन्होंने कहा कि हां,हम एक-दूसरे को सहयोग कर सकते हैं और हां,हम एक साथ शांति से रह सकते हैं।
अल-ईसा सोमवार को भारत पहुंचे हैं और भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर सहित अनेक प्रमुख व्यक्तियों, नेताओं से उनकी मुलाक़ात होने की उम्मीद है। साथ ही वह विभिन्न स्थलों पर भी भ्रमण करेंगे।