भारतीय हस्तशिल्प स्वावलंबन मेले में हस्तशिल्प कारीगरों की कला-कौशल का प्रदर्शन और हुई उत्पादों की बिक्री व ख़रीदारी

हस्तशिल्प उद्यमी राजधानी दिल्ली में मिले बाज़ार और बिक्री से दिखे संतुष्ट, हस्तशिल्प कलाकारों को बाज़ार प्रदान करना प्राथमिकता: सिडबी

नई दिल्ली (चीफ़ ब्यूरो)

दिल्ली के प्रगति मैदान स्थित राष्ट्रीय हस्तशिल्प एंव हथकरघा संग्रहालय में आयोजित स्वावलंबन मेले में हस्तशिल्प कारीगरों की कला-कौशल का अच्छा प्रदर्शन और उनके उत्पादों की जमकर बिक्री व ख़रीदारी हुई। दिल्ली-एनसीआर  के लोगों के साथ-साथ विदेशी खरीदार भी काफ़ी संख्या में नज़र आयें। भारत सरकार के एनसीएचएचडी द्वारा आयोजित इस स्वावलंबन मेले में  हस्तशिल्प कारीगरों की कला-कौशल के प्रदर्शन के साथ साथ उनके उत्पाद खरीदने का लोगों को सुनहरा अवसर मिला। 22 मार्च से शुरु हुए इस मेले में भारत के विभिन्न शहरों के हस्तशिल्प कारीगरों ने भाग लिया। और अपनी अपनी कला की योग्यता को प्रदर्शित किया। मेले में लखनऊ की चिकनकारी, बिहार की मधुबनी,दिल्ली की ज्वेलरी, सहारनपुर का फर्नीचर, खुर्जा की पोटरी, पंजाब की फुलकारी, असम के बंबू आर्ट, छत्तीसगढ़ के आयरन क्रॉफ्ट, ओडिशा का स्टोन कारविन,आंध्र प्रदेश का ब्रास क्रॉफ्ट, पिलखुआ का चादरें, जयपुर का ट्राई एड ड्राई, राजस्थान की मौजड़ी, जम्मू कश्मीर की शॉल, गुजरात का एप्लिक वर्क इत्यादि भाग लिया। महिलाओं के लिए रेशम और सूती साड़ी, ड्रेस सामग्री, सूट, स्टोल, दुपट्टे, कुर्ता और कुर्ती के साथ-साथ फैशन ज्वैलरी और घर की सजावट के लिए कलाकृतियां आकर्षण का केंद्र रही। दिल्ली-एनसीआर के साथ-साथ विदेशी मेहमानों ने न सिर्फ देश भर की हस्तशिल्प कला को एक स्थान पर देखा,परखा और इन वस्तुओं को खरीदा बल्कि प्रतिभा संपन्न कलाकारों को अपनी प्रशंसा भरा सलाम भी पेश किया। साथ ही इन कारीगरों से सीधे संपर्क कर अपनी इच्छानुसार अपने ऑर्डर भी बुक किए । मेलें में देश भर से अपने उत्पाद लेकर आए हस्तशिल्प कलाकार और उद्यमी राजधानी में मिले मंच, बाज़ार और बिक्री से काफी संतुष्ट दिखे।

ज्ञात रहे कि सिडबी (भारतीय लघु उद्योग विकास बैंक) प्रायोजित इस मेले का उद्घाटन वी सत्या वेंकटा राव (प्रबंध निदेशक), आर. एस. मीणा (महाप्रबंधक ), (उप माहाप्रबंधक) जावेद अहमद सिद्दकी की मौजूदगी में किया गया था।इस अवसर पर  सिडबी के उप प्रबंध निदेशक ने कहा कि इस मेले के माध्यम से देशभर के कारीगरों को अपने कला कौशल के प्रदर्शन के साथ बड़ा बाज़ार और मंच मिलने की उम्मीद जताई थी और जल्द इन कारीगरों के तमाम उत्पाद ई-कॉमर्स के माध्यम से देश भर में उपलब्ध कराने की बात कही थी। इस अवसर पर सिडबी के मुख्य महाप्रबंधक डॉ शुभ्रांशु शेखर आचार्य ने कहा कि हस्तशिल्प कला के विकास में सिडबी सदैव सहायक रहा है लेकिन इनके उत्पादों के लिए बाज़ार मुहैय्या करना अब हमारी प्राथमिकता होगी।

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