बेंगलुरू में 17-18 जुलाई को,एक बार फिर मिलेंगे विपक्षी दलों के प्रमुख नेता
भाजपा के विरोध में विपक्षी दलों की एकजुटता और प्रतिबद्धता क्या रंग दिखाएगी -?

नई दिल्ली (अनवार अहमद नूर)
देश में जैसे जैसे आम लोकसभा के चुनावों का समय निकट आ रहा है वैसे-वैसे देश के विपक्षी दलों की भी सरगर्मियां तेज़ होती जा रही हैं। अभी फिलहाल ही बिहार की राजधानी पटना में कांग्रेस सहित 15 से अधिक विपक्षी दलों ने गत 23 जून को एक महत्वपूर्ण बैठक की थी और उसमें उन्होंने भाजपा के ख़िलाफ़ एकजुट होकर चुनाव लड़ने और आगे बढ़ने को लेकर प्रतिबद्धता जताई थी। और कहा गया था कि विपक्षी दल शीघ्र ही फिर मिल कर बैठेंगे। तो अब 17 और 18 जुलाई को बेंगलूरु में विपक्षी नेताओं की बैठक होने जा रही है। जिसमें आगे की विपक्षी रणनीति बनाई जाएगी।
ज्ञात रहे कि वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनज़र भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के ख़िलाफ़ विपक्षी एकजुटता की कवायद को गति देने के लिए प्रमुख विपक्षी पार्टियों की ये दूसरी महत्वपूर्ण बैठक बेंगलुरु में होने जा रही है।
यहां ये भी जानना ज़रूरी है कि प्रमुख विपक्षी दलों की ये होने वाली बैठक ऐसे समय में होने जा रही है जब महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी दो फाड़ हो गई है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार के भतीजे अजित पवार सहित पार्टी के नौ विधायकों ने रविवार को एकनाथ शिंदे सरकार में मंत्री पद की शपथ ले ली है और अजित पवार इस सरकार में उप मुख्यमंत्री बने हैं। हालांकि कांग्रेस पार्टी का कहना है कि महाराष्ट्र के इस घटनाक्रम का विपक्षी एकजुटता की कवायद पर नकारात्मक असर नहीं होगा, बल्कि विपक्षी पार्टियों का संकल्प और मज़बूत होगा। कांग्रेस पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया है कि कल जब भाजपा की वाशिंग मशीन अपने ‘आईसीई’ (आयकर, सीबीआई, ईडी) डिटर्जेंट के साथ मुंबई में फिर से शुरू हुई तो विपक्षी एकजुटता के ख़त्म होने की भाजपा द्वारा प्रेरित कहानियां गढ़ी जाने लगीं। विपक्षी एकजुटता के ख़त्म होने की कहानी गढ़ने वालों को निराशा हाथ लगेगी। रमेश का कहना है कि 23 जून को पटना में मिलने वाली पार्टियों की अगली बैठक 17-18 जुलाई को बेंगलुरू में होगी। मुंबई में जो ऑपरेशन किया गया है उससे विपक्षी एकजुटता का संकल्प मज़बूत हुआ है। उन्होंने महाराष्ट्र के घटनाक्रम की पृष्ठभूमि में कटाक्ष करते हुए ‘मोदी वाशिंग पाउडर’ नाम से एक चित्र साझा किया है जिस पर ‘सारे दाग चुटकियों में धुले’ टैगलाइन है। इससे पहले कांग्रेस के संगठन महासचिव के.सी. वेणुगोपाल ने ट्वीट किया कि’पटना में विपक्ष की सफल बैठक के बाद हम अगली बैठक 17 और 18 जुलाई को बेंगलुरु में करेंगे। हम फासीवादी और अलोकतांत्रिक ताकतों को पराजित करने तथा देश को आगे ले जाने वाले एक दृष्टिकोण को प्रस्तुत करने के अपने संकल्प पर अडिग हैं।
अब देखने वाली बात ये होगी कि ऐसे में जब भारतीय जनता पार्टी ने आगामी लोकसभा चुनावों के लिए अपने सारे घोड़े मैदान में उतार दिए हैं और वह सारे हथकंडे इसलिए इस्तेमाल करने में जुट गई है कि सत्ता हरहाल में उसके ही पास रहे तब इन विपक्षी दलों की एकजुटता और प्रतिबद्धता कितना और कैसा रंग दिखाती है-? इनके अपने अपने राजनीतिक स्वार्थ इन्हें कितना एकजुट कर पाते हैं बस यही देखना अब बाकी है।