अभिनय की अमिट छाप छोड़ते हुए 49 वर्ष की हुईं करिश्मा कपूर
करिश्मा कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म राजा हिंदुस्तानी से चमका

मुंबई (एशियन पत्रिका ब्यूरो)
फिल्म जगत में आज भला करिश्मा कपूर को कौन नहीं जानता। करिश्मा कपूर ने अपनी उम्र के 49 वर्ष पूरे कर लिए हैं। 25 जून 1974 को मुंबई में जन्मी करिश्मा कपूर को अभिनय विरासत में मिला। उनके पिता रणधीर कपूर अभिनेता, जबकि मां बबीता जानी-मानी फिल्म अभिनेत्री थीं। करिश्मा कपूर ने बतौर अभिनेत्री अपने सिने करियर की शुरुआत वर्ष 1991 में प्रदर्शित फिल्म प्रेम कैदी से की थी।करिश्मा कपूर की किस्मत का सितारा वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म राजा हिंदुस्तानी से चमका। इस फिल्म में उनके नायक के रूप में आमिर खान थे। बेहतरीन गीत,संगीत और अभिनय से सजी इस फिल्म की कामयाबी ने करिश्मा कपूर को स्टार के रूप में स्थापित कर दिया था। वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म दिल तो पागल है, करिश्मा कपूर के सिने करियर की एक और महत्वपूर्ण फिल्म बनी। यश चोपड़ा के निर्देशन में बनी इस फिल्म में उनका मुकाबला माधुरी दीक्षित से था बावजूद इसके अपने सधे हुये अभिनय से वह दर्शकों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में सफल रहीं। नब्बे के दशक में करिश्मा कपूर पर यह आरोप लगने लगे कि वह केवल ग्लैमरस किरदार ही निभाने में सक्षम हैं। इस छवि से बाहर निकालने में निर्माता,निर्देशक श्याम बेनेगल ने उनकी मदद की और उन्हें लेकर फिल्म ‘जुबैदा’ का निर्माण किया। इस फिल्म में करिश्मा ‘जुबैदा’ की टाइटिल भूमिका में दिखाई दीं। फिल्म में अभिनेत्री रेखा की मौजूदगी के बावजूद करिश्मा कपूर अपने सशक्त अभिनय से दर्शकों की वाहवाही लूटने में सफल रहीं। फिल्म में अपने दमदार अभिनय के लिये वह फिल्म फेयर के समीक्षक पुरस्कार से सम्मानित की गयीं। करिश्मा कपूर ने दर्शकों की पसंद को देखते हुए छोटे पर्दे का भी रूख किया और करिश्मा ने बतौर अभिनेत्री काम करके दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया। वर्ष 2003 में उधोगपति संजय कपूर से शादी करने के बाद करिश्मा कपूर ने फिल्म इंडस्ट्री को अलविदा कह दिया लेकिन बाद में फिल्म निर्माता सुनील दर्शन के ज़ोर देने पर करिश्मा कपूर ने फिल्म‘मेरे जीवन साथी‘के ज़रिए फिल्म इंडस्ट्री में एक बार फिर से वापसी की। फिल्म में अपने एंटी किरदार से करिश्मा कपूर ने दर्शको को रोमांचित कर दिया। करिश्मा कपूर के सिने करियर में उनकी जोड़ी अभिनेता गोविन्दा के साथ काफी पसंद की गयी। उनकी जोड़ी सबसे पहले वर्ष 1993 में प्रदर्शित फिल्म ‘मुकाबला‘ में एक साथ पसंद की गई। बाद में उनकी जोड़ी को फिल्मकारो ने अपनी फिल्मों में रिपीट किया। इन फिल्मों में राजा बाबू, दुलारा, खुद्दार,कुली नंबर वन,साजन चले ससुराल,हीरो नंबर वन,हसीना मान जायेगी, शिकारी जैसी फिल्में शामिल हैं। करिश्मा कपूर को उनके सिने करियर में तीन बार फिल्म फेयर पुरस्कार से सम्मानित किया गया है। वर्ष 1996 में प्रदर्शित फिल्म‘राजा हिंदुस्तानी’के लिए सर्वप्रथम उन्हें सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार दिया गया। इसके बाद वर्ष 1997 में प्रदर्शित फिल्म‘दिल तो पागल है’ के लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का फिल्म फेयर और राष्ट्रीय पुरस्कार,वर्ष 2000 में फिल्म ‘फिज़ा‘ के लिए सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का फिल्म फेयर पुरस्कार भी दिया गया। वर्ष 2012 में प्रदर्शित फिल्म‘डेंजरस इश्क’से करिश्मा कपूर ने इंडस्ट्री में दोबारा वापसी की लेकिन दुर्भाग्य से यह फ़िल्म सफल नहीं रही। करिश्मा कपूर ने अपने दो दशक लंबे सिने करियर में लगभग 60 फिल्मों में काम किया और अभिनय जगत में अपनी अमिट छाप छोड़ी है।