नेपाल संसद में पीएम प्रचंड को देना पड़ा स्पष्टीकरण
सीमा की समस्या सुलझाए बिना नेपाल-भारत संबंध आसान नहीं होंगे

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
भारत के पड़ोसी देश नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल प्रचंड जो अभी भारत की यात्रा करके गए हैं ने नेपाली संसद में कहा है कि सीमा विवाद सुलझाए बिना नेपाल-भारत संबंध आसान नहीं होंगे। उन्होंने नेपाल की संसद में विपक्षी सांसदों के सवालों का जवाब देते हुए यह भी कहा कि अपनी भारत यात्रा के दौरान उन्होंने सीमा समस्या के समाधान के लिए महत्वपूर्ण बिंदु रखे हैं। पीएम प्रचंड ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी सीमा समस्या के समाधान को लेकर गंभीर हैं। मोदी ने नेपाल के साथ सीमा समस्या को हल करने की आवश्यकता पर पहली बार सार्वजनिक बयान देने के लिए उत्साह व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बांग्लादेश को नेपाल से जोड़ने वाले क्षेत्र के साथ कालापानी के क्षेत्र का आदान-प्रदान करने का प्रस्ताव नहीं दिया है। हालांकि, यह स्पष्ट है कि कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा नेपाल की भूमि है। दरअसल, सदन में विपक्षी सांसदों ने प्रचंड से जवाब मांगा कि उन्होंने अपनी भारत यात्रा के दौरान कालापानी सहित क्षेत्र के साथ बांग्लादेश के लिए मार्ग का आदान प्रदान करने का प्रस्ताव दिया था या नहीं। नेपाल ने 20 मई, 2020 को कालापानी, लिपुलेख और लिंपियाधुरा सहित क्षेत्र को कवर करते हुए एक नया नक्शा जारी किया था। इस मुद्दे पर नेपाली बुद्धिजीवी तर्क देते रहे हैं कि इन क्षेत्रों को भारत को देने के बाद नेपाल को बांग्लादेश का रास्ता अपनाना चाहिए। इन्हीं जैसे मुद्दों पर पीएम प्रचंड को अपना स्पष्टीकरण देना पड़ा है।