तुर्की में राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की शानदार एतिहासिक जीत
एर्दोगन अब 2028 तक सत्ता में बने रहेंगे

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
तुर्की के ऐतिहासिक चुनाव के रिज़ल्ट ने एक बार फिर मौजूदा राष्ट्रपति रजब तैयब एर्दोगन की धाक दुनिया भर में जमा दी है। उन्होंने भारी जीत दर्ज की है। एर्दोआन तीसरी बार तुर्की के राष्ट्रपति चुने गए हैं।
तैयब एर्दोआन पहली बार मेयर बनने के बाद अपनी ज़िंदगी का 11वां चुनाव जीते हैं।
अंकारा से मिले समाचार के अनुसार अनाधिकारिक चुनाव परिणाम के मुताबिक उन्हें 53 फीसदी मत मिले हैं। तुर्किये के गांधी कहे जाने वाले कमाल केलिचडारोहलू को 47 फीसदी मत ही मिल सके हैं। इसी के साथ तुर्की की सत्ता में एक बार फिर एर्दोगन की वापसी हो चुकी है। इससे पहले हुए चुनाव में एर्दोगन और केलिचडारोहलू में से किसी को बहुमत नहीं मिल सका था। तुर्किये में राष्ट्रपति बनने के लिए चुनाव में कम से कम 50 फीसदी मत पाना ज़रूरी होता है। पिछले चुनाव मे एर्दोगन को 49.5 फीसदी मत मिले थे। ऐसे में उनकी जीत की प्रबल संभावना जताई जा रही थी।
इन चुनाव परिणामों का असर तुर्की से बाहर भी दिखेगा, क्योंकि तुर्की यूरोप और एशिया के बीच स्थित है और यह उत्तरी अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) का सदस्य है। इस बार के चुनावी नतीजों ने तय किया है कि लंबे समय से देश की सत्ता पर काबिज राष्ट्रपति एर्दोगन का शासन जारी रहेगा।
इस चुनाव में छह करोड़ 40 लाख से अधिक मतदाता मताधिकार का इस्तेमाल करने के लिए पात्र थे। इस्तांबुल में वोट डालने के बाद संवाददाताओं से बातचीत में राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा था कि यह तुर्की के इतिहास में पहला राष्ट्रपति चुनाव है,जिसमें दूसरे दौर का मतदान हो रहा है।