वीर सेनानी टीपू सुल्तान की तलवार हुई 143 करोड़ रुपए में नीलाम

नीलामी की रकम उम्मीद से सात गुना ज़्यादा है।

नई दिल्ली (एशियन पत्रिका डेस्क)
मैसूर के शासक और अंग्रेज़ों से मरते दम तक लोहा लेने वाले टीपू सुल्तान से अंग्रेज़ बहुत भयभीत थे, कहते हैं कि टीपू सुल्तान के शहीद होने के घंटों बाद भी अंग्रेज़ों की हिम्मत न हुई थी कि वह उसके करीब आ पाते। ऐसे वीर बहादुर और अमर शहीद वीर सेनानी टीपू सुल्तान की 18वीं सदी में बनी तलवार लंदन में 143 करोड़ रुपए में बिकी है। जो अपने आप में बहुत बड़ी रकम है। इसकी जानकारी नीलामी कराने वाले ऑक्शन हाउस बोनहम्स ने दी है। रिपोर्ट्स में बताया गया है कि नीलामी से मिलने वाली रकम उम्मीद से सात गुना ज़्यादा है। वहीं, ये तलवार अब तक की सबसे महंगी बिकने वाली भारतीय और इस्लामिक ऑब्जेक्ट यानि वस्तु बन गई है। ऑक्शन हाउस की साइट के मुताबिक तलवार को टीपू की हार के बाद उनके बेडरूम से निकाला गया था। ये तलवार टीपू सुल्तान के अहम हथियारों में शामिल थी। इसके हैंडल पर सोने से ‘शासक की तलवार’ लिखा हुआ है।
मुगलों के हथियार बनाने वालों ने टीपू की तलवार जर्मन ब्लेड देखकर बनाई थी। इसे 16वीं सदी में भारत भेजा गया था। तलवार के हैंडल पर सोने से शब्दों को उकेरा गया है। ऑक्शन हाउस के निमा साघार्ची ने बताया कि नीलामी के दौरान तलवार खरीदने के लिए लोगों के बीच काफी प्रतिस्पर्धा देखने को मिली। 4 मई 1799 को टीपू सुल्तान की हार के बाद सेरिंगापाटम से उनके कई हथियारों को लूटा गया था। इनमें ये तलवार भी शामिल थी। ऑक्शन हाउस के मुताबिक टीपू की तलवार को ब्रिटिश आर्मी ऑफिसर मेजर जनरल डेविड बायर्ड को टोकन के तौर पर गिफ्ट किया गया था।

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