बजरंग दल के जबलपुर में कांग्रेस दफ्तर पर हमले और तोड़फोड़ के बाद राजनीति हुई तेज़
कांग्रेसियों ने विरोध में पुतला दहन अभियान चलाया

जबलपुर (एप ब्यूरो)
कर्नाटक चुनाव में बजरंग दल की तुलना पीएफआई से करते हुए उसे प्रतिबंधित करने के मामले ने अब तूल पकड़ लिया है। और बजरंग दल एवं अन्य हिंदू संगठनों ने न सिर्फ़ इसका विरोध करना शुरू कर दिया है बल्कि कई स्थानों पर उग्रता और हिंसा की भी खबरें आईं हैं। बजरंग दल को लेकर उग्रता और हिंसा अब मध्य प्रदेश में भी प्रवेश कर गई है। बजरंग दल कार्यकर्ताओं ने जबलपुर कांग्रेस दफ्तर में जमकर तोड़फोड़ की है। पुलिस ने इस मामले में एफआईआर दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। आपको बता दें कि कर्नाटक कांग्रेस ने मंगलवार को घोषित अपने मेनिफेस्टो में कहा है कि राज्य में उसकी सरकार आयी तो पीएफआई और बजरंग दल सरीखे के संगठनों को बैन किया जाएगा। कांग्रेस की इस चुनावी घोषणा के बाद से राजनीति काफ़ी तेज़ हो गई है। बुधवार को कर्नाटक की अपनी चुनावी सभा में प्रधानमंत्री ने कहा है कि पहले राम को ताले में क़ैद करके रखा गया और अब बजरंग बली की जय बोलने वालों को ताले में बंद करने की बात की जा रही है। प्रधानमंत्री ने इस मसले पर जनता से सही समय पर उचित उत्तर मिलने की संभावनाएं भी व्यक्त कीं थीं। कुछ रिपोर्टों के अनुसार प्रधानमंत्री के भाषण का इतना असर पड़ा है कि गुरुवार को बजरंग दल अपनी हिंसक हरकत में आया है और उसने जबलपुर में कांग्रेस दफ्तर को निशाना बनाया और हिंसा तोड़फोड़ की। जानकारी के अनुसार भगवा झंडे लहराते हुए और कट्टर हिंदुत्व वाले नारे लगाते हुए बजरंग दल कार्यकर्ता कांग्रेस कार्यालय में घुस गए। दरवाज़ों पर तोड़फोड़, लातें और लाठी डंडे भी बरसाये गये। ज़िला कांग्रेस कमेटी कार्यालय परिसर को तहस-नहस कर दिया। कार्यालय के अंदर भी काफ़ी तोड़फोड़ की गई। कार्यालय में लगे कांग्रेस नेता सोनिया गांधी के पोस्टर भी फाड़ दिए गए। ये मामला पुलिस में भी दर्ज हुआ है। पुलिस ने एफ़आईआर दर्ज की है। अफसरों ने वीडियो फुटेज लिए हैं। हंगामा करने वालों के चेहरों की पहचान में पुलिस जुटी है। पुलिस अफसरों का कहना है कि पहचान करके आरोपियों को पकड़ा जाएगा। उधर बजरंग दल के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष और भाजपा के वरिष्ठ नेता जयभान सिंह पवैया ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा है कि कांग्रेस पार्टी आतंकियों के वोट साधने के घिनौने कदम उठा रही है।
एमपी के जबलपुर कांग्रेस कार्यालय में बजरंग दल कार्यकर्ताओं की तोड़फोड़ से बौखलाए कांग्रेसियों का अब पुतला दहन अभियान शुरू हो गया है। घटना के विरोध में शहर के एक दर्जन से अधिक ब्लॉक में पुतले जलाए गए हैं। वहीं पुलिस ने तोड़फोड़ में अब तक दस आरोपियों को अरेस्ट किया है। पूर्व सीएम कमलनाथ समेत कांग्रेसी विधायकों ने हमलावर आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की थी। ऐसा न होने पर एक हफ्ते बाद जबलपुर बंद की धमकी भी दी थी और व्यापक रूप में हुई इस घटना के बाद पुलिस भी कई सवालों में घिर गई थी। जबाव में जब कांग्रेसियों ने थाने में हंगामा मचाया और विधायकों ने भी अलग-अलग एफआईआर दर्ज कराई तो पुलिस को एक्शन लेने मजबूर होना पड़ा। एडिशनल एसपी प्रियंका शुक्ला के मुताबिक शुरू में छह लोग नामजद थे, लेकिन सीसीटीवी और मीडिया की फुटेज के आधार पर लगभग दो दर्जन लोग नामजद आरोपी हैं। इनमें से संगठन के प्रचार प्रसार प्रमुख समेत दस आरोपियों को गिरफ़्तार कर लिया गया है।