भाजपा शासित मणिपुर सुलग रहा है
आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा

इंफाल (एप ब्यूरो)
देश का राज्य मणिपुर जो भाजपा शासित है अब हिंसा की चपेट में आ गया है और आदिवासी और गै़र-आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा भड़क उठी है। जिसका कारण मेइती समुदाय को अनुसूचित जनजाति का दर्जा देना बताया जा रहा है। मणिपुर में हिंसा की आग भड़कने की ख़बरें पूरे देश में फैल गई हैं। और मणिपुर में सेना को तैनात कर दिया गया है। जो अब शांति स्थापित करने के लिए फ्लैग मार्च कर रही है। ज्ञात रहे कि मणिपुर में बीजेपी की सरकार है। मेइती समुदाय को अदालत के आदेश पर अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया है। आदेश के ख़िलाफ़ राज्य के जनजातीय समूहों में विरोध हो रहा है। जमकर राजनीति हो रही है। जिसके चलते अब हिंसा भड़क उठी है। मिली रिपोर्ट के मुताबिक राज्य के कई ज़िलों में आदिवासी समूहों द्वारा रैलियां निकालने के बाद कानून व्यवस्था बिगड़ गई।
मणिपुर सरकार ने राज्य में अगले पांच दिनों के लिए इंटरनेट को सस्पेंड कर दिया है। बड़ी रैलियों पर प्रतिबंध के साथ-साथ राज्य के कई ज़िलों में रात का कर्फ्यू भी लगाया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार इंफाल, चुराचांदपुर और कांगपोकपी में आदिवासी और गैर-आदिवासी समुदायों के बीच हिंसा भड़कने के बाद बीती रात मणिपुर के आठ जिलों में कर्फ्यू लगा दिया गया। मणिपुर सरकार ने राज्य में अगले पांच दिनों के लिए मोबाइल इंटरनेट पर रोक लगा दी है। मेइती समुदाय मणिपुर की आबादी का 53% हिस्सा है और मुख्य रूप से मणिपुर घाटी में निवास करता है। मेइती का दावा है कि म्यांमार और बांग्लादेशियों द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध आप्रवासन को देखते हुए उन्हें कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। मौजूदा कानून के अनुसार, मैती लोगों को राज्य के पहाड़ी क्षेत्रों में बसने की अनुमति नहीं है। जिससे विरोध और आक्रोश भड़क रहा है। स्थिति ये बन गई है कि हिंसा और आगज़नी होने लगी है।