विपक्षी एकता की कोशिशें हुईं तेज़, दिल्ली में मुलाकातों का दौर दौरा

बीजेपी को आम चुनाव में चुनौती देने के प्रयासों की तरफ 'ऐतिहासिक कदम'

 

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)

एक बार फिर देश में विपक्षी एकता की बातें तेज़ी से चल रही हैं क्योंकि कांग्रेस ने बुधवार को विपक्ष को एकजुट करने, पीएम मोदी और सत्तारूढ़ बीजेपी को आम चुनाव में चुनौती देने के प्रयासों की तरफ ‘ऐतिहासिक कदम’ का दावा किया। महत्वपूर्ण बैठकों और मुलाकातों के पीछे सोनिया गांधी सहित कई विपक्षी नेताओं की भूमिका को माना जा रहा है। श्रीमती सोनिया गांधी ने एक लेख के ज़रिए सभी समान विचारधारा वाले दलों से हाथ मिलाने की कांग्रेस की पेशकश के बारे में बताया था। विपक्ष ने इससे पहले संसद के बजट सत्र में अडानी मुद्दे पर और राहुल गांधी को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने के मुद्दे पर ज़बरदस्त एकजुटता का प्रदर्शन हुआ था।  बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे से दिल्ली स्थित उनके आवास पर मुलाकात की। इस दौरान कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव समेत कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू के कई बड़े नेता मौजूद रहे। प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे और वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने बिहार के मुख्यमंत्री और जेडीयू नेता नीतीश कुमार और उनके डिप्टी, राष्ट्रीय जनता दल के तेजस्वी यादव से दिल्ली में मुलाकात की। मुलाकात के बाद राहुल गांधी, नीतीश कुमार और खड़गे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया।राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा – विपक्ष को एकजुट करने के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम है। हम विपक्षी दलों की दृष्टि विकसित करेंगे और आगे बढ़ेंगे। हम देश के लिए एक साथ खड़े होंगे। यह बताते चलें कि राहुल गांधी को जब पिछले महीने लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित किया तो सभी विपक्षी दलों ने एकजुट होकर उसका विरोध किया था।राहुल ने बुधवार को कहा, “जैसा कि खड़गे जी ने कहा,जैसा कि नीतीश जी ने कहा.. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है। आप लोगों का सवाल है कि बीजेपी को हराने के लिए कितने विपक्षी दलों की जरूरत है? मैं बताना चाहूंगा कि यह एक प्रक्रिया है। राहुल ने कहा -“जितने लोग हमसे जुड़ना चाहते हैं, हम सभी शामिल होंगे। हम देश के लिए एक वैचारिक लड़ाई लड़ रहे हैं। संस्थानों पर हमले हो रहे हैं। हम विपक्षी एकजुट होकर लड़ेंगे।

मीडिया के सामने कांग्रेस प्रमुख खड़गे ने कहा कि आज यहां राहुल जी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश जी और तेजस्वी जी हमने एक ऐतिहासिक बैठक की और कई मुद्दों पर चर्चा की और हमने फैसला किया कि सभी (विपक्षी) दलों को एकजुट होना चाहिए और आगामी चुनाव एक साथ लड़ना चाहिए। यह आज का हमारा फैसला है।मल्लिकार्जुन खड़गे के दिल्ली स्थित आवास पर बैठक के बाद नीतीश कुमार ने कहा-“हम जितने दलों को एकजुट कर सकते हैं और एक साथ आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे।

मीडिया से बातचीत के इस मौके पर बिहार जेडीयू अध्यक्ष ललन सिंह, बिहार कांग्रेस के प्रमुख अखिलेश प्रसाद सिंह और आरजेडी के मनोज झा, कांग्रेस के सलमान खुर्शीद भी मौजूद थे। आरजेडी और कांग्रेस बिहार में पुराने सहयोगी हैं। जेडीयू जब बीजेपी से अलग हुई तो वो भी इस गठबंधन में शामिल हो गई। बिहार में इसे महागठबंधन कहा जाता है। पिछले कुछ हफ्तों में मल्लिकार्जुन खड़गे ने लोकसभा चुनाव में बीजेपी की बढ़त रोकने के लिए कई विपक्षी नेताओं से संपर्क साधा है। खड़गे ने हाल ही में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और डीएमके प्रमुख एमके स्टालिन, महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे संपर्क साधा था। इसके बाद पिछले शुक्रवार को नीतीश को फोन किया था। इस बातचीत के बाद ही दिल्ली बैठक की योजना बनी। इसके बाद कांग्रेस की सोनिया गांधी ने  एक लेख लिखा। इसके जरिए भी विपक्षी एकता का आह्वान किया। सोनिया गांधी  ने कहा कि कांग्रेस समान विचारधारा वाले दलों से बातचीत को तैयार है। लेख सामने आने के बाद नीतीश ने पटना से दिल्ली कूच किया। अडानी पर विपक्ष विरोधी तेवर दिखा रहे एनसीपी चीफ शरद पवार भी रास्ते पर आ गए और उन्होंने जेपीसी मांग का समर्थन कर दिया है।

कांग्रेस और उसके बिहार सहयोगियों के बीच बातचीत ऐसे समय में हुई है जब विपक्षी पार्टियां कर्नाटक और अन्य प्रमुख राज्यों में अगले महीने होने वाले चुनावों की तैयारी कर रही हैं। कर्नाटक में 10 मई को मतदान होगा। इसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ का नंबर है। ये सभी चुनाव इसी साल होने हैं।

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