उत्तर प्रदेश में बिजलीकर्मियों की हड़ताल पर योगी सरकार के मंत्री हुए सख्त
ए के शर्मा बोले- प्रदर्शन पर लगेगा रासुका और एस्मा ऐक्ट

लखनऊ (संवाददाता)
उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों में कुछ मुद्दों को लेकर विद्युतकर्मियों की तीन दिन की हड़ताल के मद्देनजर योगी सरकार ने इस पर कड़ा रुख अपनाते हुए काम पर नहीं लौटने वाले संविदाकर्मियों को बर्खास्त करने और प्रदर्शन के दौरान तोड़फोड़ होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की चेतावनी दी है।
जबकि बिजलीकर्मियों के एक अन्य धड़े ने इस हड़ताल के मद्देनजर अपने अभियंताओं को दो घंटे अतिरिक्त काम करने को कहा है। हड़ताल का आह्वान करने वाली ‘विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति’ के नेत्रत्व में प्रदेश के करीब एक लाख बिजलीकर्मी तीन दिन की हड़ताल कर रहे हैं। इनमें अभियंता, कनिष्ठ अभियंता, टेक्नीशियन, आपरेटिंग स्टाफ, लिपिक और अनुबंधित कर्मचारी भी शामिल हैं। प्रदेश में करीब तेहिस साल बाद बिजलीकर्मियों की पूर्ण हड़ताल हो रही है।
इनका कहना है कि तीन दिसम्बर 2022 को प्रदेश सरकार और बिजलीकर्मियों के बीच समझौता हुआ था। सरकार की तरफ से ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने समझौते के बिंदुओं को लागू करने के लिये 15 दिन का समय मांगा था मगर अब तीन महीने से ज्यादा वक्त गुजर चुका है मगर समझौते पर अमल नहीं हुआ। सरकार ने समझौते में कहा था कि बिजली कम्पनियों के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक का चयन मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित एक समिति के जरिये ही किया जाएगा, मगर इस व्यवस्था को बंद करके अब इन पदों पर स्थानांतरण के आधार पर तैनाती की जा रही है। यह टकराव का सबसे बड़ा मुद्दा बन गया है।
इस बीच, प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अरविंद कुमार शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में हड़ताल को लेकर सख्त रुख अपनाया। उन्होंने कहा कि संविदा पर कार्यरत बिजलीकर्मी अगर हड़ताल में शामिल होते हैं तो उन्हें बर्खास्त कर दिया जाएगा।हड़ताल के मद्देनजर प्रदेश भर में अलर्ट घोषित किया गया है। बहुत से कर्मचारी काम करना चाहते हैं। अगर किसी ने बिजली कर्मचारियों को काम करने से रोका तो उसके खिलाफ कार्रवाई होगी और यदि हड़ताल के दौरान कोई ‘नुकसान’ पहुंचाया गया तो रासुका के तहत भी कार्रवाई की जाएगी। शर्मा ने कहा कि हड़ताल से अगर जनता को परेशानी हुई तो सरकार हड़ताल कर रहे बिजलीकर्मियों पर आवश्यक सेवा रखरखाव अधिनियम (एस्मा) के तहत कार्रवाई करेगी। सरकार ने प्रदेश की विद्युत व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए बंदोबस्त किए हैं। बिजली मंत्री ने कहा कि हड़ताल की घोषणा करने वाले संगठनों से सरकार लगातार बात कर रही है। मगर ‘हठधर्मी’ लोग बात सुनने को तैयार नहीं हैं। हालांकि सरकार ने बातचीत का रास्ता अब भी खोल रखा है। उन्होंने कहा कि सरकार ने बिजलीकर्मियों के साथ पिछली तीन दिसंबर को हुए समझौते के कई बिंदुओं पर कदम उठाये हैं। बाकी बिंदुओं पर भी विचार—विमर्श किया जा रहा है।