नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
देश के विपक्षी दलों का महागठबंधन (इंडिया) ने मांग की है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी संसद में आकर मणिपुर मुद्दे पर विस्तृत जानकारी दें।
कांग्रेस का कहना है कि विपक्षी दलों के संगठन (इंडिया) की संयुक्त मांग है कि प्रधानमंत्री मोदी इस विषय को लेकर संसद को संबोधित करें और मणिपुर के हालात से देश को अवगत कराएं। कांग्रेस ने कहा कि इस विषय को लेकर मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में संसद भवन परिसर में बैठक हुई है। जहां यह निर्णय लिया गया है। बैठक के बाद खड़गे ने ट्वीट कर कहा कि मणिपुर में 83 दिनों से लगातार हिंसा जारी है। वहां से आए दिन, दिल दहला देने वाली कहानियां सामने आ रही हैं। ऐसे मुद्दे पर प्रधानमंत्री को सदन में जवाब देना चाहिए। खड़गे ने कहा कि विपक्षी दलों का संगठन (इंडिया) ने प्रधानमंत्री मोदी से इस मुद्दे पर जवाब मांगा है। प्रधानमंत्री मोदी को बताना चाहिए कि उनकी सरकार हालात सुधारने के लिए क्या कर रही है और मणिपुर में हालात कब सामान्य होंगे? खड़गे ने कहा कि उन्होंने राज्यसभा में मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के लिए नियम 267 के तहत नोटिस दिया।
आपको बता दें कि लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही मंगलवार को भी मणिपुर मुद्दे पर चर्चा की मांग के साथ विपक्ष के शोर-शराबे के चलते स्थगित रही।
लोकसभा की कार्यवाही की शुरुआत में प्रश्नकाल पर चर्चा प्रारंभ की गई। इस दौरान विपक्ष की ओर से हंगामा किया गया। अध्यक्ष ने विपक्षी सदस्यों से सदन चलने देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल महत्वपूर्ण होता है और इसे चलने देना चाहिए। हंगामे को बढ़ता देख कार्यवाही को स्थगित किया गया। दूसरी ओर राज्यसभा में सभा पटल पर पेपर रखे जाने की प्रक्रिया पूरी की गई। इस दौरान सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत मणिपुर मुद्दे पर चर्चा के नोटिस मिले हैं। सरकार पहले ही इस पर चर्चा कराने को राज़ी है। साथ ही उन्होंने कहा कि राजस्थान और छत्तीसगढ़ में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराधों पर भी चर्चा के नोटिस प्राप्त हुए हैं। सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा कि उनका मानना है कि देशभर में महिलाओं के ख़िलाफ़ हो रहे अत्याचारों पर सदन को चर्चा करनी चाहिए। इसका राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए। मणिपुर के साथ ही राजस्थान,छत्तीसगढ़ के मुद्दे पर भी प्राप्त नोटिस पर शॉर्ट डिस्कशन होना चाहिए।
कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने कहा कि नियम 267 के तहत चर्चा के प्राप्त हुए 51 नोटिसों पर प्राथमिकता के आधार पर चर्चा की जानी चाहिए। इसी बीच हंगामा जारी रहने पर कार्यवाही को स्थगित किया गया। मानसून सत्र में लगातार चौथे दिन प्रश्नकाल बाधित रहा और अध्यक्ष ओम बिरला को हंगामें के कारण सदन की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी।