मणिपुर में हिंसा के सूत्रधार हैं राज्य के मुख्यमंत्री : विपक्षी नेताओं का आरोप

मणिपुर की एकता एवं भूभागीय अखंडता सुनिश्चित रहनी चाहिए।

नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
मणिपुर राज्य में लगातार हिंसा के विकराल होते जाने की ख़बरें आ रही हैं। और राज्य सरकार के साथ साथ केंद्र सरकार को भी आलोचना का शिकार बनना पड़ रहा है। क्योंकि यहां भाजपाई डबल इंजन वाली सरकार है। मणिपुर में कांग्रेस सहित मणिपुर के दस विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्य के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह पर ‘हिंसा का सूत्रधार’ होने का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से आग्रह किया कि वह तत्काल दखल देकर जातीय हिंसा से पैदा हुए संकट का समाधान सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि हिंसा के लिए मुख्यमंत्री बीरेन सिंह को ज़िम्मेदार ठहराया जाए। कांग्रेस,जनता दल (यूनाइटेड),भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा),मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा),तृणमल कांग्रेस,आम आदमी पार्टी,ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी,शिवसेना (यूबीटी) और रिवॉल्यूशनरी सोशलिस्ट पार्टी (आरएसपी) की मणिपुर इकाइयों के नेताओं ने प्रधानमंत्री कार्यालय को अपनी मांगों के संदर्भ में एक ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने 10 जून को ईमेल के माध्यम से पत्र भेजकर और फिर 12 जून को प्रधानमंत्री कार्यालय में पत्र सौंपकर प्रधानमंत्री मोदी से मिलने का समय भी मांगा था। कांग्रेस नेता अजय कुमार ने मणिपुर के नेताओं को प्रधानमंत्री से मिलने का समय नहीं मिलने को लेकर पीएम मोदी की आलोचना की। उन्होंने संवाददाताओं से बातचीत में दावा किया कि बीते 10 जून से कई दलों के नेता मणिपुर के मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी से मिलना चाह रहे हैं लेकिन प्रधानमंत्री के पास समय नहीं है। खुद भाजपा के नेता प्रधानमंत्री मोदी से नहीं मिल पा रहे हैं जबकि भद्दे संवाद लिखने वाले मनोज मुंतशिर शुक्ला ने कहा था कि उनसे प्रधानमंत्री मोदी बिना अपॉइंटमेंट के 45 मिनट तक मिले। मणिपुर के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ओकराम इबोबी सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार खामोश क्यों है? गृह मंत्री अमित शाह ने तीन दिनों का दौरा किया, लेकिन हिंसा जारी है। फिर इस दौरे से क्या मिला? उन्होंने कहा कि’अगर केंद्र सरकार सोचती है कि हम कुछ मांगने आए हैं,तो यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने आरोप लगाया कि मणिपुर में डबल इंजन सरकार पूरी तरह विफल रही है। विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री को सौंपे ज्ञापन में मणिपुर हिंसा से जुड़े घटनाक्रमों का उल्लेख किया और आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री बीरेन सिंह हिंसा के सूत्रधार हैं, क्योंकि उन्होंने एकतरफा कदम उठाया है। उन्होंने दावा किया कि मणिपुर के मुख्यमंत्री ने गत 21 मई को स्वीकार किया था कि राज्य सरकार की ओर से सुरक्षा चूक और ख़ुफ़िया विफलता हुई है। उन्हें मौजूदा संकट के लिए ज़िम्मेदार ठहराया जाना चाहिए। विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि शांति बहाल करने,निरस्त्रीकरण और सौहार्द सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाया जाए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में कोई पृथक प्रशासन नहीं होना चाहिए और मणिपुर की एकता एवं भूभागीय अखंडता सुनिश्चित रहनी चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *