नेपाल के पीएम की भारत यात्रा के दौरान होगी अहम मुद्दों पर बातचीत

पीएम प्रचंड और पीएम मोदी कर सकते हैं कुछ अहम समझौते।

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
भारत के साथ नेपाल के रिश्ते हमेशा बहुत मधुर और अपनेपन के रहे हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से चीन का अप्रत्यक्ष हस्तक्षेप और कुछ अन्य कारणों से इसमें खटास बताई जाती है। और अब खबर है कि नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कुमार दहल उर्फ प्रचंड 31 मई से 3 जून तक भारत दौरे पर रहेंगे। पिछले साल दिसंबर में प्रधानमंत्री बनने के बाद प्रचंड पहली बार आधिकारिक दौरे पर भारत आ रहे हैं। प्रचंड के साथ उनकी बेटी गंगा भी भारत आ रही हैं। इसके अलावा करीब 50 लोग भी इस दौरे पर उनके साथ रहेंगे। इनमें मंत्रियों के अलावा अफसर और जर्नलिस्ट्स शामिल हैं। दोनों देशों के बीच सीमा से जुड़े मसलों पर भी बातचीत होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने प्रचंड को भारत आने का न्योता दिया था। नेपाल के अखबारों की रिपोर्ट के अनुसार पीएम प्रचंड की इस विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते भी हो सकते हैं। भारत और नेपाल के बीच बॉर्डर से जुड़े कुछ पुराने विवाद हैं। माना जा रहा है कि इनसे जुड़ा कोई समझौता भी सामने आ सकता है।
नेपाल की कुछ पार्टियों ने कहा है कि प्रचंड को भारत के साथ सीमा मुद्दे पर ज़रूर बात करनी चाहिए, क्योंकि इनकी वजह से कई बार रिश्तों में तनाव आ जाता है। कालापानी, लिपुलेख और लिम्पियाधुरा वो बॉर्डर पॉइंट्स हैं, जिन पर दोनों देशों के दावे हैं। हालांकि, नेपाल सरकार भी मानती है कि बॉर्डर इश्यूज पर जल्द कोई समझौता होना आसान नहीं है, क्योंकि इन पर बातचीत चल रही है और इसमें वक्त लग सकता है। दोनों देशों ने बॉर्डर से जुड़े मामलों को हल करने की जिम्मेदारी बाउंड्री वर्किंग ग्रुप बनाया है। 2014 में यह ग्रुप बनाया था। 2019 से इसकी कोई मीटिंग अब तक नहीं हुई है। प्रचंड ने पिछले साल दिसंबर में सत्ता संभाली है। इसके बाद उनका यह पहला भारत दौरा है। पीएम प्रचंड नई दिल्ली में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात करेंगे। इसके अलावा वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु, वाइस प्रेसिडेंट जगदीप धनखड़ और लोकसभा अध्यक्ष से भी मिलेंगे। वो नेपाल-इंडियान बिजनेस समिट को भी संबोधित करेंगे। नेपाल के प्रधानमंत्री भारत यात्रा के दौरान उज्जैन और इंदौर भी जाएंगे। उज्जैन में वो महाकाल के दर्शन करेंगे। एक रिपोर्ट के अनुसार भारत और नेपाल टेम्पल डिप्लोमैसी के ज़रिए आगे बढ़ना चाहते हैं। पिछले साल तब के नेपाली प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा वाराणसी गए थे। मई 2022 में जब मोदी नेपाल गए थे तो उन्होंने लुम्बिनी और मायादेवी मंदिर के दर्शन किए थे। 2018 में भी प्रचंड भारत दौरे पर आए थे। तब उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात की थी। नेपाल के अखबार ‘काठमांडू पोस्ट’ की रिपोर्ट के मुताबिक- प्रचंड की इस विजिट के दौरान दोनों देशों के बीच कुछ अहम समझौते भी हो सकते हैं। भारत और नेपाल के बीच बॉर्डर से जुड़े कुछ पुराने विवाद हैं। माना जा रहा है कि इनसे जुड़ा कोई समझौता भी सामने आ सकता है। दोनों देश इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट बनाने पर भी समझौता कर सकते हैं। इसके दो हिस्से होंगे। दोनों देशों की बॉर्डर फोर्स साथ पेट्रोलिंग और चेकिंग करेंगी। इसके अलावा टूरिज्म और सिविल एविएशन सेक्टर में भी कुछ समझौते हो सकते हैं। नेपाल सरकार चाहती है कि भारत उसकी डिजिटल पेमेंट सिस्टम को तैयार करने में मदद करे। भारत ने इसके लिए कुछ शर्तें रखी हैं। नेपालगंज एयर रूट को खोलने पर भी विचार हो सकता है। भारत चाहता है कि नेपाल और बांग्लादेश के बीच ट्रेड रूट बनाया जाए जो भारत से होकर गुजरे। इस मसले पर लंबे वक्त से बातचीत चल रही है, हालांकि कोई नतीजा अब तक नहीं निकला।

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