चीन में बढ़ी मांग के कारण पाकिस्तानी गधों की कीमतों में आया उछाल

Prices of Pakistani donkeys have shot up due to increased demand in China

इस्लामाबाद,पाकिस्तान में गधों की भारी डिमांड है, जिसके चलते इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। गधों की बढ़ती कीमतों की वजह पाकिस्तान का सबसे खास दोस्त चीन है, जहां पारंपरिक चिकित्सा और सौंदर्य प्रसाधनों में गधों की खाल का इस्तेमाल बढ़ रहा है। पाकिस्तान के आज न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, एक गधे की कीमत 300,000 पाकिस्तानी रुपये तक पहुंच गई है।ज्यादातर माल ढुलाई में इस्तेमाल होने वाले इस जीव के लिए यह एक बहुत बड़ी राशि है। लेकिन इसकी बढ़ती कीमत ने उन लोगों के सामने बड़ा संकट खड़ा कर दिया है, जो गधा गाड़ी चलाकर अपना और परिवार का गुजारा करते हैं।रिपोर्ट में कहा गया है कि कराची के ल्यारी जिले में साप्ताहिक गधा बाजार में बढ़ी हुई कीमतों के कारण स्थानीय खरीदारों की संख्या में भारी कमी देखी जा रही है। गधों के व्यापार में लगे लोग कीमतों में वृद्धि की वजह चीन से बढ़ती मांग को बताते हैं। इसमें कहा गया है कि गधे की खाल का उपयोग चीन में विभिन्न सौंदर्य प्रसाधनों और एजियाओ नामक एक पारंपरिक चीनी दवा के उत्पादन में किया जाता है। इस मांग के चलते चीन में हर साल लाखों गधों की हत्या की जाती है।चीन की एजियाओ दवा बनी गधों का काल एजियाओ एक पारंपरिक चीनी दवा है। इसे गधे की खाल से निकाले गए कोलेजन से बनाया जाता है। कोलेजन को जड़ी-बूटियों और अन्य सामग्रियों के साथ मिलाकर सौंदर्य उत्पादों के लिए गोलियां या तरल पदार्थ के रूप में तैयार किया जाता है। एजियाओ उद्योग ने पिछले एक दशक में तेज बढ़ोतरी देखी है। 2013 से 2016 के बीच एजियाओ का वार्षिक उत्पादन सालाना 20 प्रतिशत की दर से 3200 से बढ़कर 5600 टन हो गया। 2016 से 2021 के बीच एजियाओ का उत्पादन 160 प्रतिशत बढ़ा है। अगर मौजूदा रुझान जारी रहा तो 2027 तक इसमें 200 प्रतिशत की वृद्धि होगी।

गधा गाड़ी चलाने वालों पर संकटपाकिस्तान में गधा गाड़ी चलाने वाले इस बात पर अफसोस जता रहे हैं कि कभी 8,000 से 12,000 रुपये में बिकने वाले गधे अब सामान्य तौर पर 30 से 35 हजार में बिक रहे हैं। इससे इन गाड़ीवालों की जिंदगी मुश्किल हो गई है। 2024 के आर्थिक सर्वेक्षण से पता चलता है कि पाकिस्तान में गधों की संख्या काफी बढ़ी है। देश में 660,000 गधे हैं। व्यापार पर सीनेट की स्थायी समिति को बताया गया है कि चीन को गधे की खाल और मांस निर्यात करने के लिए एक प्रोटोकॉल को अंतिम रूप दिया गया है।

 

 

 

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