*असल में एक सपना है, श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा तिथि का कारण: 22 जनवरी के विरुद्ध छुपी कथा-*

*असल में एक सपना है, श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा तिथि का कारण: 22 जनवरी के विरुद्ध छुपी कथा-*

*असल में एक सपना है, श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा तिथि का कारण: 22 जनवरी के विरुद्ध छुपी कथा-*

*विश्व प्रसिद्ध ज्योतिषी अटलांटा कश्यप ने 1 जनवरी 2023 की रात एक सपना देखा है। प्रस्तुत प्रमाण वीडियो अवश्य देखें और पढ़ें। (नोट- रात 12 बजे के बाद, तारीख 2 के रूप में गिनें) यह श्री राम मंदिर अयोध्या की प्राण प्रतिष्ठा के बारे में बताया गया था। अटलांटा कश्यप को अधूरे श्री राम मंदिर के बारे में कोई जानकारी नहीं थी। यहाँ तक कि उन सपनों के आने तक भी कुछ नहीं हुआ था। लेकिन अब हम देख सकते हैं कि 22 जनवरी श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरोध में सभी महागुरु, 4 शंकराचार्य, कई साधु शामिल हैं। क्या वह सपना इस तरह की स्थिति आने का संकेत था? या वह सपना गलत तिथि चयन का सूचक था !! स्वप्न के अनुसार एक सुन्दर माँ बहुत रो रही थी अर्थात बहुत रो रही थी। माँ का अर्थ धरती माता भी है। त्रेता योग में श्री राम का कारक कौन था? उस युग में श्री राम के लिए धरती माता ने घोड़े का अवतार लिया था। अविश्वसनीय बात यह है कि, इस सपने से पहले श्री राम लला मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के खिलाफ कोई नहीं था। दरअसल लोग उन्हें प्रकृति की बेटी के रूप में जानते हैं। अब तक उसकी भविष्य की भविष्यवाणी कभी विफल नहीं हुई। ये अब तक का सबसे बड़ा सबूत भी है कि वो जो भी कहती हैं वो अब सच हो जाता है। श्री राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा के विरुद्ध कुछ भी नहीं जिसे आप उनके सपनों की घोषणा से पहले पा सकते हैं। हर स्थिति 3 दिन बाद हो रही है. अपने बचपन से वह जो भी कहती है, हमेशा सच हो जाता है। वह एलियंस के बीच टेलीपैथी बातचीत भी कर रही है। उन्होंने कई साल पहले भविष्यवाणी की थी कि भविष्य में भारत पूरी दुनिया में नंबर 1 होगा। अधिक प्रमाण के लिए @ATLANTAKAASHHYAP_OFFICIAL पर जाएँ। अटलांटा द्वारा किया गया एक छिपा हुआ गणित, जहां वह कई संख्याओं के साथ भारत का नक्शा तैयार करती है। अटलांटा ने असम मानचित्र में 1 नंबर जोड़ा है। अब ये तो अटलांटा ही बता सकती है कि वो ये किस तरह की कैलकुलेशन कर रही है और किस तरह का रिसर्च कर रही है। उसने असम के नक्शे में नंबर 1 क्यों जोड़ा और दिल्ली के नक्शे में क्यों नहीं !!*

 

 

Pub .By – P. Nath. Assam.

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