नई दिल्ली (एप ब्यूरो)
जामिया मिल्लिया इस्लामिया में कई छात्र संगठनों ने हरियाणा के नूंह में हुई हिंसा के ख़िलाफ़ प्रदर्शन किया और जिनके घर तोड़े गए हैं उन्हें मुआवज़ा देने व बजरंग दल के सदस्य मोनू मानेसर की गिरफ्तारी की मांग की। विभिन्न संगठनों के क़रीब सौ छात्र विश्वविद्यालय के गेट सात पर जमा हुए। छात्र विभिन्न पोस्टर थामे हुए थे जिन पर लिखा था,“नूंह को बचाओ’,‘28 अगस्त को विहिप की शोभा यात्रा को रोको’और हिंसा बंद करो’और‘मोनू मानेसर को गिरफ्तार करो”।
एक प्रदर्शनकारी ने बताया कि हमारी केंद्र सरकार से तीन मांगे हैं,कि बेगुनाह मुसलमानों के ख़िलाफ़ दर्ज प्राथमिकियां रद्द करें,जिनके घरों पर बुल्डोज़र चलाया गया है,उन्हें मुआवज़ा दिया जाए और मोनू मानेसर को गिरफ्तार किया जाए। अधिकारियों ने नूंह ज़िले में विश्व हिंदू परिषद (विहिप) की 28 अगस्त को प्रस्तावित ‘बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा’को इजाज़त देने से पहले ही इनकार कर दिया है। नूंह में 31 जुलाई को विहिप की यात्रा पर कथित रूप से पथराव के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी। हिंसा पड़ोसी ज़िले गुरुग्राम में भी फैल गई थी। हिंसा में दो होम गार्ड और एक इमाम समेत छह लोगों की मौत हुई है।
विहिप के नेता देवेंद्र सिंह ने कहा था कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है कि यात्रा के लिए इजाज़त नहीं दी गई है और कहा कि यात्रा के लिए‘किसी अनुमति की ज़रूरत नहीं है। जामिया के गेट नंबर सात,आठ और नौ को बंद कर दिया गया था। सुरक्षा कर्मियों ने कहा था कि अगर प्रदर्शन गेट से बाहर आया तो हमें लंबे वक्त के लिए हिरासत में ले लिया जाएगा।
ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (एआईएसए),ऑल इंडिया रिवोल्यूशनरी स्टूडेंट्स ऑर्गनाइजेशन (एआईआरएसओ), फ्रेटरनिटी मूवमेंट,मुस्लिम स्टूडेंट्स फेडरेशन,मेवात स्टूडेंट्स यूनियन, भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (एनएसयूआई) और स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) ने विरोध प्रदर्शन में भाग लिया। हरियाणा पुलिस के मुताबिक,नूंह में भड़की हिंसा के सिलसिले में 286 आरोपियों के खिलाफ 61 प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं। इससे पहले,पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय ने मुस्लिम बहुल नूंह में“अवैध रूप से निर्मित’भवनों को तोड़ने की कार्रवाई पर रोक लगा दी थी और सवाल किया था कि सांप्रदायिक हिंसा के बाद क्या विशेष समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है?