पीएफआई से संबंधों को लेकर उत्तर प्रदेश एटीएस की छापेमारी और गिरफ्तारियां
अब तक दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया गया है

उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के समय हो रही ये ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां विवादों में भी घिर रही हैं। अनेक प्रकार की चर्चाएं और राजनीति भी अब उबाल लाने लगी हैं।उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के समय हो रही ये ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां विवादों में भी घिर रही हैं। अनेक प्रकार की चर्चाएं और राजनीति भी अब उबाल लाने लगी हैं।
लखनऊ (एप न्यूज़ डेस्क)
उत्तर प्रदेश पुलिस के आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) ने प्रतिबंधित संगठन पीएफआई (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया) से जुड़े लोगों को कथित तौर पर कट्टरता फैलाने के आरोप हिरासत में लेते हुए गिरफ्तारियां की हैं। राज्य के विभिन्न ज़िलों से लगभग सत्तर संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। एटीएस की ओर से जारी बयान में कहा गया कि दो आरोपी जिन पर 50-50 हज़ार रुपये का इनाम घोषित था। परवेज़ अहमद और रईस अहमद वर्ष 2022 में यूएपीए (गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम अधिनियम) के तहत दर्ज एक मामले में फ़रार थे और उनमें से प्रत्येक पर 50,000 रुपये का इनाम था।
उत्तर प्रदेश एटीएस ने लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़, सहारनपुर, गाजियाबाद समेत प्रदेश के अन्य शहरों में छापे मारकर अब तक दर्जनों लोगों को हिरासत में लिया है। इनमें रिहाई मंच से जुडे़ और एडवोकेट मोहम्मद शोएब भी शामिल हैं। 72 साल के शोएब इस समय बीमार हैं और उनका इलाज चल रहा है लेकिन यूपी एटीएस ने अमीनाबाद, लखनऊ स्थित से उठाकर ले गई। एडवोकेट मोहम्मद शोएब के परिवार ने कहा है कि उनका पीएफआई से कोई संबंध नहीं है।
उत्तर प्रदेश एटीएस के सूत्रों ने बताया पीएफआई और उससे जुड़े संगठनों से जुड़े 55 लोगों से पूछताछ कर रही है। एटीएस इनके बैंक खातों और आर्थिक लेन-देन की जानकारी भी जुटा रही है। अकेले लखनऊ से 6 लोगों को उठाया गया है।
उत्तर प्रदेश एटीएस के मुताबिक रविवार को लखनऊ, मेरठ, मुरादाबाद, वाराणसी, आजमगढ़ में एटीएस ने एक साथ सर्च ऑपरेशन चलाकर बड़ी कार्रवाई की है। लखनऊ और अचरामऊ गांव से कथित तौर पर पीएफआई से जुड़े दो लोगों को एटीएस ने हिरासत में लिया है। बहराइच ज़िले के जरवल से एटीएम ने नजमुज्ज़मा नाम के शख्स को उठाया है। नजमुज्ज़मा सपा से जुड़े नेता हैं और उनके परिवार के सदस्य नगर पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ रहे हैं। यूपी में हुई गिरफ्तारियों में अनेक गिरफ्तारियां विवादित कही जा रही हैं जिनमें वकील मोहम्मद शोएब की गिरफ्तारी भी विवाद का विषय है। क्योंकि शोएब का संबंध किसी भी रूप में पीएफआई से नहीं है। मोहम्मद शोएब पर सीए-एनआरसी आंदोलन के दौरान भी कार्रवाई की गई थी।
बयान में कहा गया कि पूछताछ के लिए हिरासत में लिए गए संदिग्धों में वाराणसी के आठ, लखनऊ के नौ, गाजियाबाद के 10, शामली के 11, बिजनौर के पांच और मेरठ के चार और सिद्धार्थनगर,बलरामपुर, सीतापुर,बुलंदशहर, सहारनपुर, मुरादाबाद, रामपुर और अमरोहा के एक-एक व्यक्ति शामिल हैं। एटीएस ने बताया कि इनके अलावा बहराइच, देवरिया और कानपुर से दो-दो तथा बाराबंकी, आजमगढ़ और मुजफ्फरनगर के तीन-तीन संदिग्धों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। बयान के अनुसार उपरोक्त संदिग्ध व्यक्तियों से गहन पूछताछ जारी है और इसके साथ ही राष्ट्र विरोधी गतिविधियों एवं सोशल मीडिया पर उनकी सक्रियता की जानकारी के लिए इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स का डेटा विश्लेषण किया जा रहा है। एटीएस ने कहा कि समीक्षा के आधार पर अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के समय हो रही ये ताबड़तोड़ छापेमारी और गिरफ्तारियां विवादों में भी घिर रही हैं। अनेक प्रकार की चर्चाएं और राजनीति भी अब उबाल लाने लगी हैं।