साकेत कोर्ट में महिला पर हुई फायरिंग
दिल्ली में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट की मांग

नई दिल्ली (संवाददाता)
देश की राजधानी दिल्ली के न्यायालय में हिंसा और हमलों की घटनाओं में वृद्धि होती जा रही है। दिल्ली के साकेत कोर्ट में एक वकील ने एक महिला पर कई राउंड फायरिंग की है। महिला को दो गोलियां पेट में और एक हाथ में लगी है। महिला को फौरन एम्स अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बताया जा रहा है कि उसकी हालत गंभीर है। इससे पूर्व भी 24 सितंबर 2021 को वकीलों के भेष में दो शूटर रोहिणी में कोर्ट के अंदर घुसे थे। इसके बाद उन्होंने गैंगस्टर जितेंद्र मान गोगी पर कई गोलियां चलाईं थीं, जिससे उसकी मौत हो गई थी। हालांकि पुलिस ने जवाबी फायरिंग में दोनों हमलावरों को मार गिराया था। और अब साकेत कोर्ट में महिला पर हुई फायरिंग के बारे में पुलिस ने बताया कि महिला फाइनेंशियल विवाद से जुड़े एक मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट पहुंची थी। फायरिंग के बाद क्राइम ब्रांच टीम ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना का एक वीडियो भी सामने आया है। इसमें कोर्ट परिसर के लॉयर्स ब्लॉक के बाहर दोनों के बीच कहासुनी होती है। अचानक महिला हमलावर की तरफ जाती है, तभी वह पीछे हटता है और महिला पर फायरिंग शुरू कर देता है। महिला को दो गोलियां पेट में लगती हैं। तभी कुछ वकील घायल महिला को सहारा देते हैं। इस बीच हमलावर वहां से चला जाता है। आरोपी की पहचान कामेश्वर प्रसाद सिंह उर्फ बिनोद सिंह के रूप में हुई है। उसे बार काउंसिल ने एक अलग मामले में निलंबित कर दिया था। दावा किया जा रहा है कि हमलावर वकील ने पीड़ित महिला को 25 लाख रुपए दिए थे। बाद में महिला पैसा लौटाने में आनाकानी कर रही थी। उधर, महिला के पति ने मीडिया से बातचीत में बताया है कि एक मामले की सुनवाई के लिए उसने, उसे कोर्ट में छोड़ दिया था। इसके तुरंत बाद उनके पास फोन आया कि उनकी पत्नी को गोली मार दी गई है। कामेश्वर नाम का एक व्यक्ति उससे पैसे ऐंठने की कोशिश कर रहा है। घटना के बाद वकीलों की सुरक्षा के लिए दिल्ली हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें वकीलों की सुरक्षा के बारे में चिंता जताई थी। याचिका में यह भी कहा गया था कि दिल्ली में एडवोकेट्स प्रोटेक्शन एक्ट पारित किया जाना चाहिए। अगर ऐसा नहीं किया गया तो वकीलों के खिलाफ अपराध बढ़ेंगे। इसके अलावा दिल्ली के अनेक वकील मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल से भी मिले थे और अपनी सुरक्षा तथा एडवोकेट्स प्रोटेक्शन कानून की मांग की थी।