हमारा सिस्टम बृजभूषण शरण जैसे माफियाओं के आगे नतमस्तक क्यों : विनेश फोगाट
कहा कि देश के खिलाड़ियों के प्रति किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं रह गई है

नई दिल्ली / पानीपत (एप ब्यूरो)
खेलों में भी अब राजनीति जमकर हो रही है। पिछले दिनों महिला कुश्ती में यौन शोषण के मामले ने काफ़ी तूल पकड़ा था। अब एकबार फिर विनेश फोगाट ने अपने ट्वीट से मामले को गरमा दिया है। क्योंकि भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन शोषण के आरोपों की जांच कमेटी गठित हुए तीन महीने हो गए हैं, लेकिन रिपोर्ट का कुछ पता नहीं है। 21 जनवरी को गठित की गई दो जांच कमेटियों को अपनी जांच रिपोर्ट महज चार हफ्ते में पेश करनी थी, उन्होंने बारह सप्ताह बाद भी रिपोर्ट की भनक नहीं लगने दी। आरोप लगाने वाले खिलाड़ियों को भी ये बात समझ नहीं आ रही है। इसी बीच विनेश फोगाट ने इस मुद्दे पर फिर दो ट्वीट किए हैं। 18 अप्रैल की दोपहर 2:30 बजे किए पहले ट्वीट में कहा है कि क्यों हमारा पूरा सिस्टम बृजभूषण शरण जैसे माफ़ियाओं के आगे नतमस्तक हो गया है-? क्या देश के खिलाड़ियों के प्रति किसी की कोई जिम्मेदारी नहीं रह गई है जो उसके शिकार हुए हैं ? विनेश के इस ट्वीट पर एक यूजर ने लिखा है कि बबीता फोगाट ले डूबी। वर्ना धरने वाले दिन ऑडी में चढ़कर नहीं भागते , तो आज कुछ और ही परिणाम होता। मगर भाजपा प्रेम तुम्हें ले डूबा। जिस पर विनेश ने जवाब दिया कि भाई साहब भागे नहीं हैं। आज भी सच्चाई की लड़ाई लड़ रहे हैं और हमेशा लड़ते रहेंगे। इसके अलावा भी अनेकों यूजरों ने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए लिखा है कि जब समर्थन में पूरा देश खड़ा था, तब तुमने हर किसी का अपमान किया और भाजपा के लीडर्स की बातों में आकर चलते रहे। 19 अप्रैल की शाम 7:03 बजे दूसरा ट्वीट किया गया जिसमें कहा गया कि “कटेंगे पर’ मेरे फिर भी मेरी परवाज़ बोलेगी, मेरी खामोशियों में मेरी आवाज़ बोलेगी। कहां तक तुम मिटाओगे ‘मेरी हस्ती’ मेरा जज्बा, ये मिट्टी जर्रे जर्रे से मुझे ‘जांबाज़’बोलेगी:”
ज्ञात रहे कि 18 जनवरी को रेसलर्स विनेश फोगाट, साक्षी मलिक व बजरंग पूनिया ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरना दिया। इस दौरान विनेश फोगाट ने रोते हुए आरोप लगाए कि फेडरेशन अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह और कोच नेशनल कैंप में महिला रेसलर्स का यौन उत्पीड़न करते हैं। विनेश ने यह भी कहा कि बृजभूषण खिलाड़ियों के होटल में रुकते थे, जो नियमों के खिलाफ है। टोक्यो ओलिंपिक में हार के बाद भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ने मुझे खोटा सिक्का कहा। इसी दिन संघ अध्यक्ष बृजभूषण सामने आए। उन्होंने कहा- किसी भी तरह का उत्पीड़न नहीं हुआ है। अगर हुआ है तो मैं फांसी पर लटक जाऊंगा। उन्होंने धरने को स्पॉन्सर्ड बताते हुए इसके पीछे हरियाणा कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा को बताया था। उन्होंने कहा था कि अब ये खिलाड़ी नेशनल लेवल पर भी खेलने योग्य नहीं रहे हैं। 19 जनवरी को खेल मंत्री अनुराग ठाकुर से रेसलर्स की करीब पौने चार घंटे बातचीत हुई। उन्हें कुश्ती संघ के अध्यक्ष के जवाब का इंतजार करने को कहा। पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ अध्यक्ष को हटाने को कहा। 20 जनवरी को खिलाड़ियों ने खेल मंत्री से बातचीत के बाद फिर से जंतर-मंतर पर धरना शुरू किया। यहां से आंदोलनकारी खिलाड़ियों ने ऐलान किया कि वे अब न्याय मिलने तक कोई कैंप जॉइन नहीं करेंगे। न ही वे किसी प्रतियोगिता में भाग लेंगे। अब वे खेल और खिलाड़ियों के हक की लड़ाई लड़ेंगे। 21 जनवरी को आंदोलन बढ़ता देख भारतीय ओलिंपिक एसोसिएशन ने जांच कमेटी बनाई। जिसकी अध्यक्ष पीटी ऊषा ने कमेटी की अध्यक्ष मैरीकॉम को बनाया। सात सदस्यों की कमेटी बनाकर जांच करने के निर्देश दिए। इस कमेटी में बॉक्सर मैरीकॉम, तीरअंदाज डोला बनर्जी, बैडमिंटन प्लेयर अलकनंदा अशोक, फ्री स्टाइल कुश्तीबाज योगेश्वर दत्त, भारतीय भारोत्तोलन महासंघ के अध्यक्ष सहदेव यादव और दो वकील शामिल हैं। इसी दिन अनुराग ठाकुर की पहलवानों से देर रात 7 घंटे तक मीटिंग में खेल मंत्रालय ने एक ओवरसाइट कमेटी बनाने का फैसला लिया। इसका अध्यक्ष भी एमसी मैरीकॉम को बनाया गया। इसके सदस्यों में ओलिंपिक मेडल विजेता रेसलर योगेश्वर दत्त, द्रोणाचार्य पुरस्कार से सम्मानित तृप्ति मुरगुंडे, टॉप्स सीओ राजगोपालन और राधा श्रीमन शामिल थे। बाद में इसमें बबीता फोगाट को भी शामिल किया गया था।