दिल्ली विश्वविद्यालय ईसी की 1270 वीं बैठक आयोजित

12 कॉलेजों पर समिति की रिपोर्ट: डीयू का अभिन्न अंग हैं ये 12 कॉलेज

दिल्ली विश्वविद्यालय कार्यकारी परिषद (ईसी) की 1270 वीं बैठक का आयोजन शनिवार, 27 जुलाई को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह की अध्यक्षता में हुआ। विश्वविद्यालय के कान्वेंशन हाल में आयोजित इस बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई और उन्हें पारित किया गया। बैठक के आरंभ में कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने विश्वविद्यालय का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया। कुलपति ने बताया कि एफएसएस योजना के तहत 1669 विद्यार्थियों को एक करोड़, 20 लाख रुपए से अधिक की वित्तीय सहायता दी गई है। कुलपति ने पेरिस ओलंपिक में डीयू के 9 विद्यार्थियों के भाग लेने पर खुशी जताते हुए कहा कि यह हमारे लिए गर्व का विषय है। उन्होंने बताया कि इनमें 70% महिला खिलाड़ी हैं। बैठक के दौरान 12 कॉलेजों को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट को पटल पर रखा गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये 12 कॉलेज डीयू का अभिन्न अंग हैं।
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय ने 2022 में वित्तीय सहायता योजना (एफएसएस) की घोषणा की थी। इस योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए शुल्क माफी के माध्यम से वित्तीय सहायता दी जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 1669 विद्यार्थियों को 12041638 रुपये सहायता दी गई है। इस योजना के तहत 4 लाख रुपए या उससे कम वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए 100% फीस माफी का प्रावधान है; जबकि 4 लाख रुपए से अधिक और 8 लाख रुपए या इससे कम वार्षिक आय वाले परिवारों के बच्चों के लिए 50% फीस माफी का प्रावधान किया गया है।
विश्वविद्यालय की उपलब्धियों के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि हाल ही में घोषित क्यूएस रैंकिंग-2025 में दिल्ली विश्वविद्यालय ने उल्लेखनीय स्थान प्राप्त किया है। डीयू ने विश्व स्तर पर 328 वीं रैंक हासिल की है, जो 2024 में 407 वीं रैंक और 2023 में मिली 510-520 रैंक से काफी ऊपर है। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा कंप्यूटर विज्ञान विभाग में 30 सीटों के साथ एम.टेक. कंप्यूटर विज्ञान प्रोग्राम भी शुरू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि शैक्षणिक सत्र 2024-25 से रूसी भाषा में बीए (ऑनर्स) की शुरूआत की जाएगी। इनके साथ ही कुछ मेडिकल कोर्स भी आगामी शैक्षणिक सत्र से शुरू किए जा रहे हैं। विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ समझौता ज्ञापन हस्ताक्षर को लेकर जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि वर्ष 2022 से अब तक दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 33 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि स्कोपस इंडेक्स्ड जर्नल में शोध पत्रों में 12% की वृद्धि हुई। डीयू का एच इंडेक्स भारत में सर्वोच है। पिछले एक साल में 11 पेटेंट स्वीकृत/प्रकाशित किए गए हैं।
बैठक के आरंभ में डीयू रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता ने 15 दिसंबर, 2023 को आयोजित हुई ईसी की बैठक के मिनट्स और एक्शन टेकन रिपोर्ट प्रस्तुत की। ज़ीरो आवर के दौरान ईसी सदस्यों द्वारा विभिन्न मुद्दों पर भी चर्चा की गई। ईसी के एजेंडे पर चर्चा के दौरान गत 12 जुलाई को आयोजित हुई विश्वविद्यालय की अकादमिक परिषद (एसी) की 1017 वीं बैठक में की गई सिफारिशों पर भी विचार किया गया। इसके तहत विभिन्न विभागों के कुछ पाठ्यक्रमों को भी यूजीसीएफ़-2022 के अनुसार स्वीकृति प्रदान की गई।
ईसी बैठक के दौरान दिल्ली विश्वविद्यालय की वित्त समिति की 05 जुलाई 2024 को आयोजित बैठक में की गई सिफारिशों पर विचार करने के उपरांत उन्हें अनुमोदित करते हुए वित्तीय वर्ष 2023-2024 के लिए विश्वविद्यालय के वार्षिक खातों को स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी श्रेणियों के कर्मचारियों को श्रम और रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा अधिसूचित दरों के अनुसार न्यूनतम मजदूरी के भुगतान को 1 अक्तूबर, 2023 से स्वीकृति प्रदान की गई। विश्वविद्यालय में सफाई कर्मचारी/फराश संवर्ग के अंशकालिक कर्मचारियों के लिए संविदा पारिश्रमिक की दरों को संशोधित करते हुए 6,360 रुपये से बढ़ाकर 10,500 रुपये प्रतिमाह करने को भी स्वीकृति प्रदान की गई। यह एक अप्रैल, 2024 से प्रभावी होगा।
डीयू की वित्त समिति द्वारा 3 परियोजनाओं के लिए HEFA से वित्त पोषण हेतु दिये गए प्रस्ताव को भी स्वीकृति प्रदान की गई। इसके अनुसार सूरजमल विहार में नए शैक्षणिक भवन के निर्माण हेतु 373.00 करोड़ रुपए, रोशनपुरा नजफगढ़ में कॉलेज/अकादमिक भवन के निर्माण हेतु 140.10 करोड़ रुपये और द्वारका में खाली जमीन पर नए शैक्षणिक भवन के निर्माण हेतु 107.18 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया है।

अब तक हो चुकी हैं 6566 पदोन्नतियां और 4619 स्थायी नियुक्तियाँ
कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय के विभिन्न कॉलेजों और विभागों में शैक्षणिक पदों पर अब तक कुल 6566 पदोन्नतियां की जा चुकी हैं। इनमें 6248 पदोन्नतियां कॉलेजों में हुई हैं और 318 पदोन्नतियां विभागों में हुई हैं। नई नियुक्तियों के बारे में जानकारी देते हुए कुलपति ने बताया कि विभिन्न कॉलेजों एवं विभागों में अब तक 4619 स्थायी नियुक्तियाँ की जा चुकी हैं। इनमें 4536 असिस्टेंट प्रोफेसर, 50 एसोसिएट प्रोफेसर, 16 प्रोफेसर और 17 प्रिंसिपल/ निदेशक शामिल हैं। इनके अतिरिक्त गैर अकादमिक पदों पर 7 डिप्टी लाइब्रेरियनों की भी नियुक्तियाँ की गई हैं।

डीयू के समर्थ ने 4000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों को बनाया सक्षम
कुलपति ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा 2019 में समर्थ ई-गवर्नेंस शुरू किया गया था जिसका उद्देश्य भारत में उच्च शिक्षा संस्थानों (HEI) में शासन को डिजिटल बनाना है। समर्थ ने जुलाई 2024 तक 32 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 4000 से अधिक उच्च शिक्षा संस्थानों को सक्षम बनाया है, जिनमें केंद्रीय विश्वविद्यालय, राज्य विश्वविद्यालय, IIT, IIM, NIT, IISER और राष्ट्रीय महत्व के अन्य संस्थान शामिल हैं। डीयू का लक्ष्य मार्च 2025 तक 10,000 उच्च शिक्षा संस्थानों को इससे जोड़ने का है।

पीजी एडमिशन: तीन दौर में भरी लगभग 90% सीटें
शैक्षणिक वर्ष 2024-25 के लिए प्रवेश संबंधी जानकारी देते हुए कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने बताया कि स्नातकोत्तर (पीजी), बीटेक और पांच वर्षीय बीएएलएलबी एवं बीबीएएलएलबी में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। तीनों कार्यक्रमों में प्रवेश के तीन दौर पूरे हो चुके हैं। पीजी में, तीन दौर में 13000 में से लगभग 11000 सीटें भरी गई हैं। पहले स्पॉट राउंड में प्रवेश प्रक्रिया चल रही है। यानि तीन दौर में लगभग 90% सीटें भरी जा चुकी हैं। पांच वर्षीय एकीकृत लॉ प्रोग्रामों में 120 में से 95 सीटें भरी जा चुकी हैं। शेष के लिए स्पॉट राउंड प्रक्रिया जारी है। बीटेक में लगभग 200 उम्मीदवारों ने प्रवेश ले लिया है, चौथी सूची जारी होने वाली है।

सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर किया 25 लाख
महंगाई भत्ते की दरों को 01.01.2024 से 46% से बढ़ाकर 50% करने के कारण सेवानिवृत्ति और मृत्यु ग्रेच्युटी को 20 लाख रुपये से बढ़ाकर 25 लाख रुपये करने को भी डीयू ईसी में स्वीकृति प्रदान की गई है। सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी की दर की मौजूदा अधिकतम सीमा 20 लाख रुपये है। सीसीएस (पेंशन) नियम, 2021 के अनुसार 01.01.2024 से सेवानिवृत्ति ग्रेच्युटी और मृत्यु ग्रेच्युटी की दर की संशोधित अधिकतम स्वीकार्य सीमा 25 लाख रुपये है। इसके अलावा, एनपीएस के तहत कवर किए गए कर्मचारियों के लिए, जब भी भारत सरकार ग्रेच्युटी भुगतान अधिनियम 1972 के तहत अधिकतम सीमा बढ़ाने के लिए अधिसूचित करेगी, तो इसे सक्षम प्राधिकारी के अनुमोदन के बाद अपनाया जाएगा, उस समय तक, 20 लाख रुपये की मौजूदा अधिकतम सीमा समान रहेगी।

विद्यार्थियों के लिए उत्तीर्णता और पदोन्नति मानदंडों एवं नियमों में संशोधन
एनईपी यूजीसीएफ-2022 के तहत विद्यार्थियों के लिए उत्तीर्णता और पदोन्नति मानदंडों और नियमों की समीक्षा के लिए दिशानिर्देश तैयार करने हेतु गठित समिति की सिफारिशों को भी ईसी की बैठक के दौरान स्वीकृति प्रदान की गई। समिति की सिफारिशों के अनुसार विद्यार्थियों को अगले वर्ष में पदोन्नति के लिए दोनों सेमेस्टर के कुल क्रेडिट में से कम से कम 28 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे। हालांकि, खेल/पाठ्येतर गतिविधियों/एनसीसी/एनएसएस आदि में दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रतिनिधित्व करने वाले विद्यार्थियों को सक्षम प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति के अधीन इस आवश्यकता से छूट दी जा सकती है।
एनईपी यूजीसीएफ-2022 के तहत प्रत्येक सेमेस्टर में 22 क्रेडिट वाले सात (7) पेपर होते हैं, इस प्रकार एक वर्ष में 44 क्रेडिट वाले चौदह (14) पेपर होते हैं। इसके अलावा, विद्यार्थियों के पास 4 क्रेडिट वाले एक और कोर (डीएससी) पेपर चुनने का विकल्प होता है। इसलिए एक विद्यार्थी एक सेमेस्टर में अधिकतम 26 क्रेडिट और एक शैक्षणिक वर्ष में 52 क्रेडिट अर्जित कर सकता है।
मौजूदा उत्तीर्ण और पदोन्नति नियमों के अनुसार एक विद्यार्थी को पाठ्यक्रम के प्रथम वर्ष से द्वितीय वर्ष में पदोन्नति के लिए एक और दो सेमेस्टर के 50% पेपर एक साथ पास करने होते हैं। इस प्रकार, एक विद्यार्थी को द्वितीय वर्ष में पदोन्नति के लिए सात पेपर पास करने होंगे। हालांकि, सभी पेपरों के क्रेडिट समान नहीं होते हैं। प्रथम/द्वितीय सेमेस्टर के सात पेपरों में से तीन पेपर अर्थात् (AEC, SEC, VAC) में 2-2 क्रेडिट हैं जबकि चार पेपर अर्थात् (3 DSC और 1 GE) में 4-4 क्रेडिट होते हैं। इसी प्रकार, तृतीय/चतुर्थ सेमेस्टर के 7 पेपरों में से तीन पेपर अर्थात् (AEC, SEC, VAC) में 2-2 क्रेडिट हैं जबकि चार पेपर अर्थात् (3 DSC और 1 GE/DSE) में 4-4 क्रेडिट होते हैं।
अतः उपरोक्त प्रावधानों के अनुसार, यह संभव है कि कोई विद्यार्थी दोनों सेमेस्टर के 3 पेपर (AEC, SEC, VAC) एवं एक GE पेपर उत्तीर्ण करने पर अगले वर्ष में पदोन्नत हो सकता है, जिससे उसे 44 में से केवल 16 क्रेडिट मिलेंगे {(2×6)+4}= 16) जो कुल क्रेडिट का केवल 36% है लेकिन कुल पेपरों की संख्या का 50% है। हालांकि, सेमेस्टर पास करने और आगे की पदोन्नति के लिए न्यूनतम क्रेडिट प्राप्त करने के लिए कोर अकादमिक विषय लेने की कोई बाध्यता नहीं है। इससे विद्यार्थियों के शैक्षणिक विकास को नुकसान हो रहा है। UGCF 2022 के तहत विद्यार्थियों को डिसिप्लिन स्पेसिफिक कोर्स (DSC) का अध्ययन करना अनिवार्य है, जो उस विशेष डिसिप्लिन के कोर क्रेडिट पाठ्यक्रम हैं, जिन्हें अध्ययन के सेमेस्टर में उचित रूप से ग्रेड किया गया है और व्यवस्थित किया गया है। इसलिए यह निर्णय लिया गया है कि विद्यार्थियों को अगले वर्ष में पदोन्नति के लिए दोनों सेमेस्टर के कुल क्रेडिट में से कम से कम 28 क्रेडिट प्राप्त करने होंगे।

निर्धारित मानदंडों के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के घटक हैं 12 कॉलेज
ईसी बैठक के दौरान 12 कॉलेजों को लेकर गठित कमेटी की रिपोर्ट को पटल पर रखा गया। समिति की रिपोर्ट के अनुसार ये बारह कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के घटक कॉलेज हैं और डीयू का अभिन्न अंग हैं। इनकी मान्यता रद्द नहीं की जा सकती। गौरतलब है कि दिल्ली सरकार द्वारा वित्त पोषित 12 कॉलेजों को लेकर गत एक दिसंबर को दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री द्वारा केंद्रीय शिक्षा मंत्री को भेजे पत्र के माध्यम से लगाए गए आरोपों पर 15 दिसंबर को आयोजित हुई ईसी बैठक में जीरो आवर के दौरान गहन विचार विमर्श हुआ था। उस समय कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा इस मुद्दे पर एक ईसी कमेटी के गठन का सुझाव दिया गया जिसे सर्वसम्मति से पारित किया गया। उसके पश्चात दक्षिणी परिसर के निदेशक प्रो. श्री प्रकाश सिंह की अध्यक्षता में गठित इस समिति में सदस्यों के रूप में डीयू ईसी के चांसलर नामित सदस्य प्रो. इंद्र मोहन कपाही, प्रॉक्टर प्रो. रजनी अब्बी, लेडी श्री राम कॉलेज फॉर विमेन की प्रिंसिपल प्रो. सुमन शर्मा, ईसी सदस्य मोनिका अरोड़ा, ईसी सदस्य राजपाल सिंह पवार, ईसी सदस्य अशोक अग्रवाल, ईसी सदस्य डॉ. एल.एस. चौधरी, ईसी सदस्य सुनील कुमार शर्मा और ईसी सदस्य सीमा दास को शामिल किया गया था। समिति ने चार बैठकें की और अपनी रिपोर्ट तैयार की। उस रिपोर्ट को ईसी में विचारार्थ पटल पर रखा गया। समिति की रिपोर्ट पर चर्चा के पश्चात उसे स्वीकार कर लिया गया।
समिति ने निर्णय लिया है कि सभी बारह कॉलेजों में शैक्षणिक एवं गैर-शिक्षण पदों का सृजन नियमानुसार किया गया। शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों की नियुक्ति दिल्ली विश्वविद्यालय के भर्ती नियमों और यूजीसी द्वारा निर्धारित मानदंडों/पात्रता मानदंडों के अनुसार की गई थी। एक मद से दूसरे मद में धन का कोई अनधिकृत विनियोग नहीं है। स्वच्छता और सुरक्षा के लिए कोई मनमाना और अनियमित भुगतान नहीं है। कॉलेजों में कोई भी वित्तीय अनियमितता नहीं है। समिति की रिपोर्ट के अनुसार ये बारह कॉलेज निर्धारित मानदंडों के अनुसार दिल्ली विश्वविद्यालय के घटक कॉलेज हैं और डीयू का अभिन्न अंग हैं। इनकी मान्यता रद्द नहीं की जा सकती। ऐसे में, इन कॉलेजों को दिल्ली विश्वविद्यालय से असंबद्ध करने का कोई भी प्रयास न तो कानूनी रूप से उचित है और न ही विद्यार्थियों, शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों और दिल्ली विश्वविद्यालय के शैक्षणिक समुदाय के हित में है। यह दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिनियम, प्रतिमाओं, अध्यादेशों और दिशानिर्देशों और कानून के अनुसार निर्धारित प्रक्रिया का भी उल्लंघन है। इसलिए, एनसीटी दिल्ली सरकार की शिक्षा मंत्री सुश्री आतिशी का पत्र दिनांक 01.12.2023 और नोट दिनांक 19.01.2024 कानूनी रूप से मान्य नहीं है क्योंकि यह विश्वविद्यालय के अधिनियम, प्रतिमाओं और अध्यादेशों के प्रावधान का उल्लंघन करता है। इसलिए इसे तत्काल वापस लेने की जरूरत है।

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