दिल्ली में भी गाय तस्करी के आरोप में दो युवकों से हुई हैवानियत,
रिश्वत मांगने और मुल्ज़िमों से मिलीभगत के कारण तीन पुलिसकर्मी निलंबित,

नई दिल्ली ( संवाददाता)
गो रक्षकों के नाम पर गुंडागर्दी और अवैध वसूली के बड़े मामले सामने आने के बाद अब राजधानी दिल्ली में भी ऐसा प्रकरण सामने आया है कि जिसमें पुलिस के सामने और मिलीभगत से तथाकथित गो रक्षकों ने दो युवकों पर बड़ी हैवानियत की है। दिल्ली के आनंद विहार इलाके में गोतस्करी का आरोप लगाकर मीट कारोबारी दो युवकों के साथ पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में न सिर्फ बेरहमी से पीटा गया बल्कि उनके मुंह पर पेशाब भी किया गया। और दोनों की हालत गंभीर होने पर परिजनों को बुलाकर उनके हवाले कर दिया गया। मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए आनंद विहार थाने के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं। दोनों युवकों का बयान लेकर मारपीट और जबरन वसूली का मामला भी दर्ज कर लिया गया है। शाहदरा जिला पुलिस उपायुक्त रोहित मीणा का कहना है कि आरोपियों की तलाश की जा रही है। पुलिस के मुताबिक मोहम्मद नवाब परिवार के साथ गली नंबर-20, राजीव गांधी नगर, न्यू मुस्तफाबाद में रहता है। नवाब गाजीपुर मंडी से भैंस का मीट लाकर अपने इलाके में बेचता है। सात मार्च को वह अपने कजिन मोहम्मद शोएब के साथ सेंट्रो कार से मीट लेने गाजीपुर गए। वहां से वापस लौटते समय दोनों आनंद विहार इलाके के विवेक निकेतन लाल बत्ती पर पहुंचे।
आरोप है कि वहां स्कूटी सवार ने गाड़ी से टक्कर मारकर इनको जबरन रुकवा लिया। वह जबरन नवाब व शोएब से चार हजार रुपये मांगने लगा। इसी दौरान थाने की जिप्सी वहां पहुंच गई। जिप्सी में आए पुलिसकर्मी ने शोएब की जेब से जबरन 2500 रुपये निकलकर स्कूटी चालक को दिए और उसे भेज दिया। इसके बाद पुलिसकर्मी दोनों से 15 हजार रुपये की मांग करने लगे, बातचीत के दौरान पुलिसकर्मियों ने फोन कर कथित चार गोरक्षकों को बुला लिया। आरोप है कि इन लोगों ने दोनों को गाड़ी समेत अगवा कर लिया। इनको विवेकानंद स्कूल के पास इनको एक अज्ञात स्थान पर बंधक बनाकर पीटा गया। आरोप है कि दोनों के खिलाफ धार्मिक टिप्पणियों करने के अलावा उन पर गोकशी करने के आरोप लगाकर आरोपियों ने दोनों के मुंह पर पेशाब कर दिया। इस दौरान थाने के तीन पुलिसकर्मी वहां मौजूद रहे। करीब तीन घंटे नवाब और शोएब को पीटकर अधमरा कर दिया गया। जब उनकी तबीयत बिगड़ने लगी तो पीड़ितों के मोबाइल से कॉल कर उनके परिजनों को बुला लिया गया। मामला वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के संज्ञान में आया तो उन्होंने इसे गंभीरता से लेते हुए आनंद विहार थाने के तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित कर विभागीय जांच के आदेश दे दिए हैं।