ख़तरे की स्थिति में अमेरिका, दक्षिण कोरिया, जापान करेंगे एक दूसरे से परामर्श

नई दिल्ली (एप न्यूज़ डेस्क)
विश्व का चक्र जिस तरह से घूम रहा है और उत्तर कोरिया व चीन से पैदा हुई सुरक्षा और आर्थिक चुनौतियों का सामना करने की स्थिति बन रही है तो ऐसे में अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान ने अपनी साझेदारी को नए स्तर पर ले जाने का फ़ैसला किया है। आम ख़तरे की स्थिति में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन,दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति यूं सुक येओल और जापानी प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा एक दूसरे से बात करने पर सहमत हुए हैं। अमेरिका के मैरीलैंड में कैंप डेविड प्रेसिडेंशियल रिट्रीट में आयोजित एक त्रिपक्षीय शिखर सम्मेलन के दौरान तीनों नेता इस समझौते पर पहुंचे। इसे जापान,कोरिया गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच परामर्श करने की प्रतिबद्धता कहा गया। बताया गया कि यह तीन देशों के बीच पहली ऐसी साझेदारी है। बयान में कहा गया है कि हम,जापान,कोरिया गणराज्य और संयुक्त राज्य अमेरिका के नेता,हमारी सरकारों को हमारे सामूहिक हितों को प्रभावित करने वाली क्षेत्रीय चुनौतियों, उकसावों और ख़तरों के प्रति हमारी प्रतिक्रियाओं को समन्वित करने के लिए एक-दूसरे के साथ त्रिपक्षीय परामर्श करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इन परामर्शों के माध्यम से, हम जानकारी साझा करेंगे और जवाबी प्रतिक्रिया का समन्वय करेंगे। दस्तावेज़ में हालांकि ख़तरे या चुनौती के प्रकार के बारे में नहीं बताया गया है। लेकिन दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति के एक अधिकारी ने व्यापार विवाद, उत्तर कोरियाई मिसाइल ख़तरा,समुद्र में गंभीर उकसावे, या अंदर या बाहर किसी भी ख़तरे जैसे उदाहरणों का हवाला दिया। अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, तीनों में से कोई देश किसी विशेष ख़तरे को ख़तरा न मानकर सूचना साझा नहीं करता है,तो यह उसकी अपनी ज़िम्मेदारी होगी। दस्तावेज़ में कहा गया है,हमारे देश,हमारे सुरक्षा हितों या संप्रभुता को बनाए रखने के लिए सभी उचित कार्रवाई करने की स्वतंत्रता रखते हैं। द स्पिरिट ऑफ कैंप डेविड नामक एक संयुक्त बयान में शामिल व्यापक समझौते में तीन देशों के नेताओं,विदेश मंत्रियों,रक्षा मंत्रियों और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच वार्षिक त्रिपक्षीय बैठकें आयोजित करने का फैसला किया गया। तीनों देशों ने वार्षिक आधार पर त्रिपक्षीय रक्षा अभ्यास आयोजित करने और उत्तर कोरिया पर मिसाइल चेतावनी डेटा की जानकारी साझा करने की योजना की घोषणा की। वे उत्तर कोरियाई साइबर ख़तरों से निपटने और इसके साइबर-सक्षम प्रतिबंधों से बचने के लिए एक नया त्रिपक्षीय कार्य समूह स्थापित करने पर भी सहमत हुए। इसके अलावा,तीनों देश उत्तर कोरिया में मानवाधिकार की स्थिति में सुधार करने और अपहरण,बंदियों और अप्रत्यावर्तित युद्धबंदियों के मुद्दों को हल करने के लिए सहयोग को मज़बूत करने पर सहमत हुए। बयान में कहा गया है कि हम हिंद-प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने के किसी भी एकतरफा प्रयास का कड़ा विरोध करते हैं।
नेताओं ने ताइवान जलडमरूमध्य में शांति और स्थिरता के महत्व की पुष्टि की। ताइवान पर हमारी बुनियादी स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ है और हम क्रॉस-स्ट्रेट मुद्दों के शांतिपूर्ण समाधान का आह्वान करते हैं।
त्रिपक्षीय सहयोग के लिए मार्गदर्शक सिद्धांतों को रेखांकित करने वाला एक तीसरा दस्तावेज़,जिसे कैंप डेविड सिद्धांत कहा जाता है को भी शिखर सम्मेलन में अपनाया गया।

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